एक्स्ट्रा फायर-सेफ्टी नॉर्म्स के कारण इलेक्ट्रिक स्कूटरों की कीमतें 10 प्रतिशत से अधिक बढ़ सकती हैं। ये फैसला अगस्त में कंपनी की बिक्री में वृद्धि को देखते हुए लिया गया है।
सरकार ने 1 सितंबर को नोटिफिकेशन जारी कर Li-ion बैटरी के लिए ज़्यादा सुरक्षा आवश्यकताओं को अनिवार्य कर दिया, जो की 1 अक्टूबर से प्रभावी होंगी।
ये सुरक्षा बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम, ऑन-बोर्ड चार्जर, बैटरी पैक के डिजाइन, आंतरिक सेल शॉर्ट-सर्किट के कारण थर्मल प्रसार से संबंधित है जिससे आग लग सकती है।
ये नॉर्म्स दोपहिया, तिपहिया और कारों पर लागू होते हैं (विशेषज्ञों का कहना है कि कारों में एडवांस बैटरी होती है, इसलिए उनमें से अधिकांश इसमें नहीं शामिल होंगे )।
नए नॉर्म्स देशभर में इलेक्ट्रिक स्कूटरों से संबंधित आग की घटनाओं के खिलाफ एक्सपर्ट समिति की सिफारिशों पर आधारित हैं। इस समिति का गठन सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा किया गया था।
जहां एक तरफ बैटरी और इलेक्ट्रिक स्कूटर की कीमतें बढ़ सकती हैं, वहीं जिन कंस्यूमर्स ने ऐसे स्कूटर खरीदने का इरादा टाल दिया था, वे फिर से इसे खरीदने पर विचार कर सकते हैं।
Li-ion (लीथियम ऑयन) बैटरी देश में या तो मूल उपकरण निर्माताओं (OEMs) जैसे Ola इलेक्ट्रिक और एथर एनर्जी द्वारा असेंबल की जाती हैं या फिर किसी तीसरे पक्ष से असेंबल करवाई जाती हैं जो सेल आयात करते हैं।
ट्रॉनटेक Li-ion बैटरी को असेंबल करने वाली एक बड़ी कंपनी है जो देश के शीर्ष इलेक्ट्रिक स्कूटर निर्माताओं को ये बैटरी बेचती है। ट्रॉनटेक के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) है समरथ कोचर। कोचर का कहना है कि ‘नए नियमों से एक लाख रुपये के स्कूटर पर बैटरी की लागत में 20 प्रतिशत की वृद्धि होगी क्योंकि नए उपकरण खरीदे जायेंगे और उनके परीक्षण भी होंगे । एक बैटरी एक वाहन की लागत का आधा हिस्सा होती है, अतिरिक्त लागत का खर्च 10,000 रुपये होगा। लेकिन ये संशोधन कंस्यूमर्स के फायदे के लिए है क्योंकि ये उन्हें बढ़ी हुई सुरक्षा प्रदान करेगा । केवल अच्छे R&D और परीक्षण मानकों वाली कंपनियां ही इन वाहनों को पास कर सकेंगी।
कोचर ने कहा कि 1 लाख रुपये से सस्ते इलेक्ट्रिक स्कूटर के लिए कीमतों में प्रतिशत वृद्धि अधिक होगी क्योंकि इन सस्ते स्कूटर की परीक्षण की लागत प्रीमियम स्कूटर के समान ही होगी।
लिथियम आयन बैटरी के लिए नए सुरक्षा मानक क्या हैं :
नई अनिवार्य आवश्यकताएं- बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम, ऑन-बोर्ड चार्जर, बैटरी पैक के डिजाइन, आंतरिक सेल शॉर्ट-सर्किट के कारण थर्मल प्रसार से संबंधित है जिससे आग लग सकती है।
बैटरी की कीमतों में करीब 10,000 रुपये की बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।
बैटरी निर्माताओं का कहना है कि उन्हें OEM को लागत देनी होगी, लेकिन अतिरिक्त सुरक्षा के आगे ये कीमत काफी छोटी है।
OEM के अनुसार हर सेल के निर्माण का डेटा रखना आवश्यक क्यूंकि इसे लगाना मुश्किल होता है।
OEM का कहना है कि 1 अक्टूबर से इन मानकों को लागू करना मुश्किल है । इसके लिए नीति निर्माताओं के साथ करनी होगी बातचीत।