भारत में खासकर वाहन क्षेत्र में सेमीकंडक्टर चिप किल्लत की समस्या जल्द सुलझने की संभावना नहीं दिख रही है। नोमुरा की एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार, कई आसियान देशों में कम टीकाकरण दर के बीच डेल्टा वैरिएंट के प्रसार और चीन की ‘जीरो टॉलरेंस’ कोविड रणनीति ने सरकारों को सख्ती बरतने तथा संयंत्र और बंदरगाह बंद करने के लिए बाध्य किया है।
इसके अलावा, कच्चे माल की किल्लत और कंटेनरों की गैर-उपलब्धता से खासकर उन देशों में चिप डिलिवरी में लगने वाला समय बढ़ गया है, जो अगस्त में निर्माण आपूर्ति शृंखलाओं से जुड़े हुए थे, जैसे वियतनाम, दक्षिण कोरिया और चीन।
यह समस्या ऐसे समय में सामने आई है जब चिप इन्वेंट्री दुनियाभर के विभिन्न क्षेत्रों में पहले ही काफी कम हो गई है। नोमुरा के अनुसार, उत्पाद सामग्री की किल्लत और कम इन्वेंट्री से उत्पादन कटौती और सितंबर 2021 तिमाही में शिपमेंट में विलंब को बढ़ावा मिलने की आशंका है।
नोमुरा की मुख्य अर्थशास्त्री सोनल वर्मा ने एक ताजा रिपोर्ट में कहा है, ‘अगस्त में वास्तव में, निर्माण पीएमआई के उत्पादन और निर्यात ऑर्डरों में नरमी आई। एशिया दुनिया के वैश्विक निर्माण केंद्रों के लिहाज से महत्वपूर्ण है, इसलिए ये आपूर्ति संबंधित समस्याएं अगले एक या दो महीने में कम नहीं हुईं तो पश्चिमी उपभोक्ता बाजारों के लिए उत्पाद कीमतें बढ़ सकती हैं।’
आंकड़े से पता चलता है कि निर्माण पीएमआई का आपूर्तिकर्ता डिलिवरी समय सूचकांक 9 एशियाई अर्थव्यवस्थाओं में से 8 में जुलाई के 42 से घटकर अगस्त में 41.3 रह गया, जो 50 की निर्धारित सीमा से काफी नीचे है। उदाहरण के लिए, वियतनाम का आईएचएस मार्किट पीएमआई जुलाई के 45.1 से घटकर अगस्त में 40.2 रह गया, जो लगातार तीसरे महीने गिरावट में रहा और अप्रैल 2020 के बाद से सबसे कम है।
वहीं थाइलैंड का पीएमआई 48.7 से घटकर 48.3 रह गया, जबकि फिलीपींस के लिए यह आंकड़ा 50.4 से घटकर 46.4 पर रहा, जो मई 2020 से सबसे कम है। वर्मा ने कहा, ‘इंडोनेशिया, वियतनाम, थाइलैंड और मलेशिया के लिए निर्माण पीएमआई अगस्त में नकारात्मक दायरे में बने रहे, जिससे लॉकडाउन से पड़े दबाव का पता चलता है। लॉकडाउन की वजह से संयंत्रों को अपना उत्पादन बंद करने या घटाने के लिए बाध्य होना पड़ा था।’