वाणिज्यिक वाहन बनाने वाली प्रमुख कंपनी अशोक लीलैंड लिमिटेड ने कहा है कि उसे विभिन्न श्रेणियों की मांग में सुधार दिख रहा है। कंपनी का प्रबंधन चौथी तिमाही और अगले वित्त वर्ष को लेकर काफी आशान्वित है।
अशोक लीलैंड के प्रबंध निदेशक विपिन सोंढी ने वित्तीय नतीजे के बाद विश्लेषकों से बातचीत में कहा कि लगातार आठ तिमाहियों तक गिरावट जारी करने के बाद एमएचसीवी ट्रक के कुल औद्योगिक मात्रात्मक बिक्री (टीआईवी) में तीसरी तिमाही के दौरान एक साल पहले की समान तिमाही के मुकाबले 16 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। तीसरी तिमाही के दौरान कुल राजस्व में एमऐंडएचसीवी (घरेलू) का योगदान बढ़कर करीब 56 फीसदी हो गया जो दूसरी तिमाही में 45 फीसदी रहा था।
तिमाही के दौरान ट्रक श्रेणी में अशोक लीलैंड की बाजार हिस्सेदारी बढ़कर 28.1 फीसदी हो गई जो एक साल पहले की समान अवधि में 24.9 फीसदी रही थी। महीना दर महीना मांग में बढ़ोतरी हो रही है। आईसीवी श्रेणी का प्रदर्शन अच्छा है। बुनियादी ढांचे के विकास के साथ ही मल्टी एक्सल वाहनों की मांग भी बढ़ी है। उन्होंने उम्मीद जताई कि वृद्धि को विभिन्न श्रेणियों से रफ्तार मिलेगी।
सोंढी ने कहा कि आर्थिक गतिविधियों में सुधार और कंपनी के मॉड्यूलर प्लेटफॉर्म एवीटीआर और बड़ा दोस्त (एलसीवी श्रेणी में) के सफल लॉन्च सेस मांग में तेजी आई है। इसके अलावा चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के दौरान आईसीवी श्रेणी में बॉस एलई एवं एलएक्स जैसे मॉडलों को उतारे जाने से भी मांग को बल मिला। इन सभी वाहनों को आई-जेन6 प्रौद्योगिकी के साथ उतारा गया है जिन्हें ग्राहकों ने काफी पसंद किया है। उन्होंने कहा कि इन सब कारकों से बाजार में कंपनी को अपनी मौजूदगी बढ़ाने में मदद मिली।
सोंढी ने उम्मीद जताई कि आगे मांग में और तेजी आएगी क्योंकि हालिया बजट में केंद्र सरकार ने निवेश आधारित विकास, बुनियादी ढांचे पर अधिक खर्च, खपत बढ़ाने के उपाय आदि पर जोर दिया है। इन सब उपायों से अर्थव्यवस्था में सुधार होगा। उन्होंने कहा, ‘जब अर्थव्यवस्था में सुधार होगा तो वस्तुओं की आवाजाही बढ़ेगी और ट्रकों की मांग में सुधार होगा।’
बस श्रेणी में दबाव लगातार बरकरार है क्योंकि एसटीयू और स्कूल श्रेणी में सुधार नहीं हुआ है। तिमाही के दौरान बस श्रेणी में टीआईवी करीब 84 फीसदी घटकर 1,700 वाहन रह गई जो एक साल पहले की समान अवधि में 11,000 वाहन रही थी। सोंढी ने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि अगले साल तक बसों की मांग फिर बढ़ेगी क्योंकि लॉकडाउन के बाद लोगों ने अब आवाजाही शुरू कर दी है और स्कूल भी धीरे-धीरे खुलने लगे हैं।’
कंपनी के सीएफओ गोपाल महादेवन ने कहा कि वैश्विक स्तर पर वाहन उद्योग और अशोक लीलैंड दो बड़ी चुनौतियों से जूझ रहा है और वे हैं कच्चे माल की कीमतों में तेजी और सेमीकंडक्टर की कमी। कच्चे माल की कीमतों में तेजी के प्रभाव को कम करने के लिए सभी ने कीमतों में लगभग 1.5 फीसदी की वृद्धि की है। कंपनी ने आंतरिक तौर पर लागत में कटौती के कई उपाय किए हैं। तिमाही के दौरान कंपनी ने 160 करोड़ रुपये की नकदी सृजित की। अशोक लीलैंड ने दिसंबर 2020 तिमाही में 19 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा दर्ज किया। दूसरी तिमाही में उसने 147 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया था।
प्रथम सोलरकनेक्ट में ली हिस्सेदारी
हिंदुजा समूह की कंपनी अशोक लीलैंड लिमिटेड ने प्रथम सोलरकनेक्ट एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड में 18.66 करोड़ रुपये निवेश किया है। प्रथम सोलरकनेक्ट एनर्जी, हिंदुजा रीन्यू ग्रुप का हिस्सा है। अशोक लीलैंड के कुल 18.66 करोड़ रुपये का निवेश प्रथम सोलरकनेक्ट एनर्जी की 26 फीसदी चुकता शेयर पूंजी के बराबर है। बीएस