इस महीने की शुरुआत में 19 वर्षीय सुमित दीवान (बदला हुआ नाम) ने आभासी मुद्राओं में शुरुआती निवेश के लिए अपनी बड़ी बहिन से 2,000 रुपये उधार लिए थे। दो घंटे के भीतर ही उन्होंने इस पर 100 रुपये कमाए लिए। दीवान पांच महीने तक क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करते रहे। उन्हें अपने निवेश पर 12.5 प्रतिशत का अच्छा लाभ दिखाई दिया। यह पैसा आम तौर पर उनके मासिक खर्चे का होता है।
संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में एक विधेयक के जरिये देश में निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने के लिए सरकार की योजना की खबरों से गाजियाबाद के दीवान अपने निवेश की बिक्री के लिए इंतजार कर रहे हैं। बीकॉम द्वितीय वर्ष के यह छात्र कहते हैं, ‘अभी विधेयक नहीं लाया गया है और मैं पक्के तौर पर कुछ भी जाने बिना घबराना नहीं चाहता हूं। मुझे पता है कि यह बाजार अस्थिर है और मैं इस तरह की गिरावट के लिए तैयार था। यह बाजार में तेजी के बाद गिरावट दिखने जैसा है।’
कुछ समय से क्रिप्टोकरेंसी में व्यापार और निवेश ने युवाओं पर मजबूत पकड़ बनाई हुई है। विज्ञापनों की भीड़ ने, जिनमें से कई में रणवीर सिंह और आयुष्मान खुराना समेत बॉलीवुड की हस्तियां भी शामिल हैं, डिजिटल मुद्राओं के बारे में उत्साह और चर्चा को बढ़ावा दिया है और कुछ हद तक उनके जोखिम को भी।
इस महीने की शुरुआत में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने क्रिप्टोकरेंसी क्षेत्र के प्रबंधन से संबंधित एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की थी। और पिछले सप्ताह सिडनी डायलॉग में उन्होंने कहा था कि युवाओं पर किसी भी हानिकारक प्रभाव को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था द्वारा क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करना सुनिश्चित करना चाहिए।
मात्र 15 महीनों में 1.1 करोड़ उपयोगकर्ताओं को पार करने वाले क्रिप्टो एक्सचेंज कॉइनस्विच कुबेर के मुख्य व्यवसाय अधिकारी शरण नायर कहते हैं, ‘अधिकांश भारतीय क्रिप्टो समर्थक डिजिटल मूल वाले हैं, जो आम तौर पर गैर-मेट्रो शहरों के और 28 वर्ष से कम उम्र के पहली बार निवेश करने वालेहैं।’
काफी छोटी राशि के साथ शुरुआत हो जाने से दीवान जैसे कई युवा डिजिटल पोर्टफोलियो में निवेश करने का प्रयोग कर रहे हैं। 23 वर्षीय माधुरी गुलेरिया (बदला हुआ नाम) कहती हैं कि इस साल मई के आसपास जब बिटकॉइन करीब 48,000 डॉलर पर चल रहा था, तो मैं दुविधा में थी। बस इस बाजार को भांपने के लिए मैंने अपनी बचत में से काफी मामूली राशि का निवेश किया था, जिसे मुझे खोने का डर नहीं था। इथेरियम, सोलाना और बिटकॉइन में निवेश करने वाली गुलेरिया का कहना है कि उन्होंने छह महीने की अवधि में ही अपने निवेश पर 75 प्रतिशत का प्रतिफल देखा है।
19 वर्षीय चैतन्य मल्होत्रा (परिवर्तित नाम) पिछले सात महीनों से क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर रहे हैं। बिटकॉइन, बिटकॉइन कैश और पॉलिमैटिक उनकी पसंद है। वह कहते हैं कि बिटकॉइन स्पष्ट रूप से पहली पसंद थी और मैं इथेरियम पर चला गया, लेकिन यह जोखिमपूर्ण लग रहा था। आखिर में मैंने ज्यादा छोटी मुद्राओं में कारोबार करना शुरू कर दिया, क्योंकि मुझे लगता है कि वे अधिक प्रतिफल प्रदान करती हैं। मैं कुछ कमतर प्रतिफल की ओर भी जाता हूं – 126 के स्तर पर खरीदना और 130 पर बेचना तथा कम कीमत पर दोबारा खरीदना। वे कहते हैं कि जब से उन्होंने कारोबार शुरू किया है, तब से वे 15,000 रुपये के शुरुआती निवेश पर 10,000 रुपये का लाभ अर्जित कर चुके हैं।
रिया सेठ (बदला हुआ नाम) ने यह समझने के लिए क्रिप्टो में निवेश करना शुरू किया था कि वॉलेट और सिस्टम कैसे काम करते हैं। वह कहती हैं, ‘मैंने 4,000 रुपये के साथ शीबा इनु और डॉगईकॉइन में निवेश करना शुरू कर दिया था, सिर्फ यह देखने के लिए कि इतना प्रचार किसके लिए हो रहा था है।’ आने वाले विधेयक के बावजूद उनका कहना है कि उनकी योजना इसे बेचने के बजाय अपने पास रखने की है।
हालांकि जैसे-जैसे शीतकालीन सत्र नजदीक आ रहा है, कुछ युवा निवेशकों को घबराहट भी हो रही है।
राघव सरीन (परिवर्तित नाम), जो पहले निवेश पर लगभग 50 प्रतिशत नुकसान झेल चुके हैं, ने अपना बचा हुआ निवेश बेचने का फैसला किया है।
