बीता हुआ साल डिजिटल इंडिया के लिए एक नया मोड़ साबित हुआ है। ओपन-सोर्स प्रोग्रामिंग पर तैयार सार्वजनिक डिजिटल सेवाओं का क्षेत्र वैश्विक स्तर के लिए तैयार हो रहा है। डिजिटल कॉमर्स के लिए ओपन नेटवर्क (ONDC) और डिजिटल रुपये की शुरुआत के अलावा सरकार ने डिजिटल रेगुलेशन में स्थिरता लाने के लिए भी खाका तैयार किया है।
केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल में कहा था, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमें एक व्यापक कानूनी नियामक ढांचा बनाने के लिए एक बहुत स्पष्ट लक्ष्य दिया है। हम तीन क्षैतिज बना रहे हैं। पहला कैरियर के लिए टेलीकॉम बिल, दूसरा नागरिकों की गोपनीयता को लागू करने पर केंद्रित डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन (DPDP) बिल और डिजिटल इंडिया बिल, जो व्यावहारिक रूप से बाकी सभी चीजों को देखता है।”
डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल (DPDP)
EY India में फोरेंसिक और इंटीग्रिटी सर्विसेज पार्टनर कुलबीर कौर का मानना है कि DPDP बिल ने डिजिटल इंडिया की कहानी में सबसे बड़े रुकावट में से एक को हटा दिया है। उनका मानना है कि संशोधित बिल बहुत सरल और समझने में आसान है।
कौर ने कहा, “वैश्विक स्तर पर इस तरह के बिल की जरूरत के कारण भारत के लिए डेटा सुरक्षा बिल की आवश्यकता महत्वपूर्ण थी। इस कड़ी में यूरोप भी नया बिल लेकर आया है। इसमें मित्र देश कौन है और किन देशों को अपना डेटा भेज सकते हैं, इसके बारे में एक महत्वपूर्ण नियम बनाये गए है। भारत इसका हिस्सा नहीं था क्योंकि हमारे पास न तो कोई बिल था और न ही अधिनियम (Act)।”
Unified Payments Interface (UPI)
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा तैयार भुगतान प्रणाली यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के जरिये साल 2022 में कुल मासिक लेनदेन का मूल्य 12 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया।
सरकार ने भारतीय डिजिटल सेवाओं की बढ़ती वैश्विक मांग की ओर इशारा करते हुए UPI आधारित भुगतान सेवाओं को अपनाने के लिए 30 देशों के साथ समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं।
PwC India के पार्टनर और पेमेंट ट्रांसफॉर्मेशन लीडर मिहिर गांधी कहते हैं, “डिजिटल भुगतान बनाम कागज आधारित उपकरणों के जरिये होने वाले रिटेल लेनदेन का प्रतिशत 2017 में 15 प्रतिशत से बढ़कर 2022 में 40-45 प्रतिशत हो गया है। यह डिजिटल सेवाओं को अपनाने में हमने जो प्रगति की है, उसे दिखाता है।”
सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC)
यदि क्रिप्टो 2021 का विषय था, तो इस वर्ष भारतीय रिज़र्व बैंक ने सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) यानी डिजिटल रुपया लॉन्च किया। ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी से सक्षम डिजिटल रुपया का उद्देश्य नकदी की परिचालन लागत को कम करना और भुगतान प्रणाली में बेहतर वित्तीय समावेशन, आसान निपटान और नवाचार की सुविधा प्रदान करना है।
डिजिटल कॉमर्स के लिए खुला नेटवर्क
ONDC को रिटेल के लिए UPI मोमेंट के रूप में देखा जा रहा है। भारत के बंटे लेकिन तेजी से बढ़ते एक लाख करोड़ डॉलर के खुदरा बाजार में छोटे व्यापारियों के लिए एक समान अवसर बनाने के लिए इसे एक साल पहले लॉन्च किया गया था। सितंबर में ONDC का बीटा संस्करण दिल्ली, शिलांग, कोयम्बटूर, भोपाल, बेंगलुरु और लखनऊ सहित 15 शहरों में लॉन्च किया गया था।
इसे बाजार में सबसे बड़ी कंपनियों के राज को कम करने के लिए लॉन्च किया गया था। इसके बाद फ्लिपकार्ट, अमेजॉन और ईकॉम एक्सप्रेस जैसे ई-कॉमर्स दिग्गजों ने ONDC टीम के साथ बातचीत की। उन्होंने अपने प्लेटफॉर्म को नेटवर्क के साथ एकीकृत करने के साथ-साथ इसे बनाने के लिए विशेषज्ञता प्रदान करने के लिए साझेदारी पर चर्चा की है।
5जी इंटरनेट की शुरुआत
पांचवीं पीढ़ी की अल्ट्रा हाई स्पीड या 5G दूरसंचार सेवाओं को भारत में अक्टूबर में लॉन्च किया गया था। सरकार ने संसद में बताया कि 26 नवंबर तक, दूरसंचार कंपनियों ने 14 से अधिक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 50 शहरों में 5जी सेवाएं शुरू कर दी हैं।
उद्योग निकाय नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एंड सर्विसेज कंपनीज (Nasscom) और आर्थर डी लिटिल की एक रिपोर्ट के अनुसार, साल 2030 तक 5जी दूरसंचार नेटवर्क से देश में लगभग 180 अरब डॉलर का राजस्व जुटाने की उम्मीद है, जो भारत की GDP का लगभग दो प्रतिशत है।