कभी बैंकरों के सबसे चहेते राणा कपूर की जांच से लेकर एमनेस्टी इंटरनैशनल के बैंक खातों पर रोक और बॉलीवुड के बड़े सितारों तक को घेरे में लेने के लिहाज से केंद्र सरकार की दो प्रमुख जांच एजेंसियों-प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के लिए 2020 व्यस्त वर्ष रहा।
देशव्यापी बंद के बावजूद प्रवर्तन निदेशालय ने राजनेताओं को नोटिस जारी किए, जबकि एनसीबी ने प्रतिबंधित पदार्थों का सेवन और उनका वितरण करने के आरोप में ग्लैमर की दुनिया के लोगों से पूछताछ की और उन्हें गिरफ्तार किया। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने भी अपनी रफ्तार बरकरार रखी। उसने वर्ष के पहले 10 महीनों के दौरान करीब 60 नए मामले दर्ज किए जिनमें से कम से कम 45 मामले 17,000 करोड़ रुपये से अधिक की बैंक धोखाधड़ी से संबंधित हैं।
इस साल कई कार्यकर्ताओं और शिक्षाविदों तक पर अपना असंतोष जताने के लिए आतंकवाद विरोधी कानून और अन्य कानूनों के तहत आरोप भी लगाए गए।
येस बैंक का अवसान
येस बैंक की ऋण धोखाधड़ी इस साल के सबसे बड़े मामलों में शामिल रही। मार्च में सीबीआई ने सह-संस्थापक राणा कपूर और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ दो मामले दर्ज किए। इस घोटाले में जिन अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया, उनमें दीवान हाउसिंग फाइनैंस के प्रवर्तक कपिल और धीरज वधावन शामिल हैं।कपूर पर आर्थिक रूप से कमजोर कंपनियों को ऋण देने और रिश्वत लेने का आरोप है। इस मामले ने रिलायंस समूह के अनिल अंबानी और एस्सेल समूह के सुभाष चंद्रा सहित शीर्ष उधारकर्ताओं पर भी सवाल खड़े कर दिए। हालांकि ईडी ने कपूर के खिलाफ धन शोधन मामले में चार्जशीट दायर की है, लेकिन सीबीआई जांच अब भी चल रही है। जांच के दौरान वधावन बंधुओं ने जांच से बचने के लिए लॉकडाउन दिशानिर्देशों का भी उल्लंघन किया था। अब ये दोनों न्यायिक हिरासत में हैं। दूसरी ओर कपूर मार्च से जेल में हैं। उनकी जमानत याचिका कई बार खारिज हो चुकी है।एक अन्य मामला जिसने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ध्यान आकृष्ट किया, वह था सितंबर में प्रवर्तन एजेंसी द्वारा एमनेस्टी इंटरनैशनल की एक सहयोगी कंपनी का बैंक खाता जब्त करने का मामला।ईडी दो कंपनियों- एमनेस्टी इंटरनैशनल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और इंडियंस फॉर एमनेस्टी इंटरनैशनल ट्रस्ट (एनजीओ से संबद्ध) धन शोधन और विदेशी मुद्रा उल्लंघन के अपराधों की जांच कर रहा है। इस कार्रवाई को संदिग्ध लोगों के खिलाफ अभियान कहते हुए इस एनजीओ ने भारत में अपना परिचालन रोक दिया।
अन्य धोखाधड़ी
यह वर्ष आईसीआईसीआई-वीडियोकॉन मामले के लिए भी उल्लेखनीय है जिसमें इस कर्जदाता की पूर्व प्रमुख चंदा कोछड़ और उनके पति दीपक कोछड़ शामिल हैं। सितंबर में ईडी ने दीपक को हिरासत में लेते हुए इस मामले में अपनी पहली गिरफ्तारी की। वह तब से न्यायिक हिरासत में हैं। इस बीच ईडी ने इस मामले में अपनी पहली अभियोजन शिकायत दर्ज कर ली है तथा जनवरी तक वह और शिकायत दर्ज करने की तैयारी कर रहा है। कंपनी संबंधी धोखाधड़ी के अन्य मामलों में जीवीके समूह ईडी और सीबीआई के निशाने पर आ गया था। सीबीआई ने 27 जून को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कथित छल-कपट, धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश के तहत 14 लोगों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया था जिनमें जीवीके समूह के चेयरमैन जीवीके रेड्डी, उनके बेटे जीवी संजय रेड्डी, मायल और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के अधिकारी तथा कई कंपनियां शामिल थीं। इन दोनों एजेंसियों द्वारा जांच जारी है।
ड्रग्स और बॉलीवुड
14 जून को सिनेमा जगत के सितारे सुशांत सिंह राजपूत की कथित खुदकुशी के बाद एनसीबी ने 18 लोगों को गिरफ्तार किया और दीपिका पडुकोणे, श्रद्धा कपूर, सारा अली खान जैसे सितारों से पूछताछ की। जांच के दौरान ड्रग सेवन, खरीद, उपयोग से संबंधित व्हाट्सऐप पर की गई बातचीत और आवागमन की जानकारी लीक हो गई थी। दिसंबर में एनसीबी ने मुंबई में छापेमारी के दौरान 2.5 करोड़ रुपये की ‘सबसे बड़ी’ ड्रग्स पकड़ी थी।
अलबत्ता इस विश्वव्यापी महामारी ने इन एजेंसियों द्वारा की जाने वाली जांच की रफ्तार को धीमा कर दिया था, खास तौर पर अदालती प्रक्रिया के संबंध में। ईडी ने ज्यादातर जो चार्जशीट दायर की हैं-आईएनएक्स मीडिया मामले में वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम के खिलाफ, आईसीआईसीआई-वीडियोकॉन ऋण धोखाधड़ी मामले में कोछड़ और अन्य लोगों के खिलाफ, उन्हें अब भी न्यायिक विभागों द्वारा संज्ञान लिए जाने की प्रतीक्षा है।एक वरिष्ठ जांचकर्ता ने कहा कि आभासी सुनवाई की वजह से अदालतें इन अभियोगपत्रों के साथ दिए जाने वाले दस्तावेजों को सत्यापित नहीं कर पा रही हैं। यह दिक्कत तब तक बनी रहेगी, जब तक कि अदालतें पूरी तरह से कार्यशील नहीं हो जाती हैं।लॉकडाउन के दौरान इन एजेंसियों को जमानत पाने के कम से कम दो दर्जन आवेदन प्राप्त हुए हैं। इनमें बिचौलिया क्रिश्चियन मिशेल और रैनबैक्सी के शिविंदर मोहन सिंह भी शामिल हैं।
मिशेल अगस्टावेस्टलैंड घोटाले में जनवरी 2020 से न्यायिक हिरासत में हैं। उन्होंने कहा कि उनकी प्रतिरक्षा क्षमता कमजोर होने की वजह से वह संक्रमण ग्रस्त हो गए हैं।