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BS Samriddhi: विदेशी प्रोडक्ट पर निर्भरता भविष्य में गुलामी जैसा खतरा- राज्यवर्धन सिंह राठौड़

राजस्थान के संसाधन और नई नीतियां निवेशकों के लिए नए अवसर खोलेंगी; बिज़नेस स्टैंडर्ड अब जयपुर से हिंदी और अंग्रेजी में प्रकाशित होगा

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देवव्रत बाजपेयी   
Last Updated- August 20, 2025 | 1:37 PM IST

बिज़नेस स्टैंडर्ड के समृद्धि राजस्थान कार्यक्रम में उद्योग, कौशल विकास और युवा मामलों के मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने देश की ताकत, आत्मनिर्भरता और राजस्थान की भूमिका को लेकर महत्वपूर्ण बातें साझा कीं।

राठौड़ ने कहा कि पहले देश की ताकत जियो-पॉलिटिक्स से मापी जाती थी, लेकिन आज के समय में इसे जियो-इकॉनमिक्स से आंका जाएगा। उन्होंने बताया कि युद्ध के अलग-अलग तरीके होते हैं और हर देश चाहता है कि उसकी ताकत बढ़े। पहले जमीन हथियाकर ताकत बढ़ाई जाती थी, लेकिन अब यह तरीका जरूरी नहीं है।

विदेशों पर निर्भरता खतरे की घंटी

मंत्री ने चेतावनी दी कि यदि 140 करोड़ की आबादी वाला देश दूसरे देशों के उत्पादों पर निर्भर हो गया, तो यह भविष्य में गुलामी जैसी स्थिति पैदा कर सकता है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि अगर हम डिफेंस उपकरण और हथियारों के लिए दूसरे देशों पर निर्भर हो जाते हैं, तो GPS जैसी चीजें भी बंद की जा सकती हैं। इसके कारण सेना भ्रमित हो सकती है और हवाई जहाज उड़ाने में भी दिक्कत आएगी।

राठौड़ ने कहा कि आज की दुनिया डिजिटल हो गई है। पहले जब सैनिक सरहद पर खड़े होते थे, दुश्मन को वहीं रोका जा सकता था, लेकिन अब हवा में तरंगे इतनी दूर तक पहुंचती हैं कि यह आपके बेडरूम और बाथरूम तक भी पहुंच सकती हैं। किसी भी देश द्वारा हमारी जानकारी चोरी करना या मानसिक रूप से प्रभावित करना संभव हो गया है। ऐसे में आत्मनिर्भर बनना बेहद जरूरी है।

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राजस्थान का रोल अहम

उन्होंने कहा कि चाहे आईटी, डिफेंस, कृषि उत्पाद, या ऊर्जा का क्षेत्र हो, हर क्षेत्र में आत्मनिर्भरता जरूरी है। इसी दिशा में राजस्थान बड़े पैमाने पर योगदान देगा। मंत्री ने राज्य के संसाधनों का जिक्र करते हुए कहा कि राजस्थान में 56 प्रकार के खनिज पाए जाते हैं और जिंक उत्पादन में यह राज्य सबसे आगे है। इसके अलावा राज्य में जमीन, परिवहन और मेहनती युवाओं की कमी नहीं है।

राज्य सरकार की नई नीतियां

राठौड़ ने बताया कि पिछले साल राज्य सरकार ने नौ नए खास क्षेत्रों की नीतियां बनाई हैं। इन नीतियों में निर्यात बढ़ाने, सामान और माल ढुलाई, कपड़े और परिधान, क्लस्टर विकास, एक जिला-एक उत्पाद, डेटा सेंटर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे क्षेत्र शामिल हैं। उनका कहना था कि इन नीतियों से निवेशकों को साफ निर्देश मिलते हैं और उन्हें कोई भ्रम नहीं होता।

बिज़नेस स्टैंडर्ड जयपुर में

कार्यक्रम में यह भी जानकारी दी गई कि बिज़नेस स्टैंडर्ड अब जयपुर से हिंदी और अंग्रेजी संस्करण प्रकाशित करेगा। इसके साथ ही बिज़नेस स्टैंडर्ड (अंग्रेजी) के कुल 14 और बिज़नेस स्टैंडर्ड (हिंदी) के कुल 7 प्रकाशन केंद्र हो गए हैं।

First Published : August 20, 2025 | 1:26 PM IST