दो  साल के बाद प्रो कबड्डी लीग (पीकेएल) का जोरदार आगाज होने जा रहा है।  पिछले साल नीलामी के बाद मीडिया अधिकार हासिल करने वाले डिज्नी स्टार  नेटवर्क (स्टार स्पोट्र्स और हॉटस्टार डिज्नी) ने नए प्रायोजक और  विज्ञापनदाता जोड़े हैं। नए प्रायोजकों में शिक्षा तकनीक प्लेटफॉर्म बैजूज  की ऑनलाइन डॉक्टर्स एवं प्रयोगशाला जांच प्लेटफॉर्म एमफाइन, ऑनलाइन रमी गेम  प्लेटफॉर्म ए23, ऑनलाइन समाचार प्लेटफॉर्म पारीमैच न्यूज और ऑनलाइन  स्वास्थ्य एवं वित्त पोर्टल धनी शामिल हैं। नए विज्ञापनदाताओं में सोशल  गेमिंग प्लेटफॉर्म विंजो, फैंटसी स्पोट्र्स ऐप माईफैब 11 के अलावा जीएसके  और बैटरी एवं इलेक्ट्रिकल कंपनी ल्यूमिनस जैसी पुरानी विज्ञापनदाता भी  शामिल हैं। सूत्रों के मुताबिक स्टार स्टार डिज्नी मैचों के लिए पहले ही 90  फीसदी विज्ञापन समय बेच चुकी है। पिछले टूर्नामेंट के मीडिया खरीदारों के  मुताबिक पिछले सत्र में कुल विज्ञापन करीब 250 करोड़ रुपये के थे, जिसमें  इस बार 50 फीसदी बढ़ोतरी के आसार हैं। स्टार स्पोट्र्स के एक प्रवक्ता ने  कहा, ‘हम दो साल के बाद प्रशंसकों के लिए वीवो प्रो कबड्ड्ी लीग लाकर बहुत  रोमांचित हैं। प्रशंसकों और विज्ञापनदाताओं का उत्साह अभूतपूर्व है।’  विश्लेषकों का कहना है कि विज्ञापनदाताओं की सूची में स्वास्थ्य और गेमिंग  क्षेत्र की बहुत सी ऑनलाइन कंपनियां शामिल हैं। वे साफ तौर पर उस बड़े  दर्शक वर्ग तक पहुंचना चाहती हैं, जिन्हें यह खेल आयोजन लुभाता है।
बार्क  के आंकड़ों के मुताबिक 2014 में शुरू हुए पीकेएल के सातवें सत्र में दर्शक  संख्या 9 फीसदी बढ़कर 1.2 अरब इम्प्रेशन रही थी। करीब 32.8 करोड़ दर्शकों  ने पीकेएल का सातवां सत्र देखा और इसे देखने के कुल मिनट 71 अरब रहे।
यह  लीग 22 दिसंबर को शुरू होगी, लेकिन यह विवादों से अछूती नहीं रही है। एक  फ्रैंचाइजी रोनी स्क्रूवाला ने कहा, ‘मेरे लिए कबड्डी मैच का आनंद लेने से  ज्यादा कुछ नहीं है क्योंकि इस खेल में कोई मनोरंजन नहीं है। स्टार ने  नीलामी के मजाक से पूरे खेल को अगवा कर लिया है।’
पिछले  साल स्क्रूवाला हितों के टकराव का मुद्दा उठाकर नीलामी कराने में सफल रहे  थे क्योंकि स्टार इंडिया ने मशाल स्पोट्र्स में 74 फीसदी हिस्सेदारी खरीद  ली थी। मशाल स्पोट्र्स ही आनंद महिंद्रा जैसे अन्य भागीदारों के साथ मिलकर  इस लीग का आयोजन करती है। स्टार के पास मीडिया अधिकार भी हैं, इसलिए  उन्होंने आरोप लगाया कि आईपीएल के बाद दूसरा सबसे ज्यादा लोकप्रिय खेल होने  के बावजूद इन अधिकारों की ‘उचित कीमत’ नहीं मिल पाई। इसके नतीजतन  फ्रैंचाइजी को अपने राजस्व से समझौता करना पड़ रहा है। फ्रैंचाइजी के  राजस्व का सबसे बड़ा स्रोत ये अधिकार ही हैं। इन अधिकारों से प्राप्त 80  फीसदी धनराशि को 12 टीमों में बराबर-बराबर बांटा जाता है। हालांकि मशाल ने  इसे स्वीकार कर लिया और पिछले साल नीलामी की गई। हालांकि कुछ की रुचि के  बावजूद स्टार एकमात्र बोलीदाता रही और इसने 950 करोड़ रुपये चुकाने पर  सहमति जताई, जो उसके द्वारा पिछले पांच साल से दी जा रही रकम (450 करोड़  रुपये) से करीब दोगुनी थी। इसके बावजूद कुछ फ्रैंचाइजी का कहना है कि  मीडिया अधिकारों के भुगतान कई चरणों में होगा। यह पहले साल 40 फीसदी बढ़ेगा  और उसके बाद हर साल करीब 15 फीसदी बढ़ेगा। एक फ्रैंचाइजी ने कहा, ‘इसलिए  असल में टीम मालिक को बढ़ोतरी का असर पांच साल की बढ़ाई गई अवधि में केवल  अंतिम दो साल में महसूस होगा।’ हालांकि इस बारे में पूछे गए सवालों का न  मशाल ने और न ही स्टार डिज्नी ने कोई जवाब दिया।