facebookmetapixel
चीन ने बना लिया सोने का साम्राज्य, अब भारत को भी चाहिए अपनी गोल्ड पॉलिसी: SBI रिसर्चQ2 नतीजों के बाद Tata Group के इस शेयर पर ब्रोकरेज की नई रेटिंग, जानें कितना रखा टारगेट प्राइससोना हुआ सुस्त! दाम एक महीने के निचले स्तर पर, एक्सपर्ट बोले – अब बढ़त तभी जब बाजार में डर बढ़ेमॉर्गन स्टैनली का बड़ा दावा, सेंसेक्स जून 2026 तक 1 लाख तक पहुंच सकता है!SBI का शेयर जाएगा ₹1,150 तक! बढ़िया नतीजों के बाद ब्रोकरेज ने बनाया टॉप ‘BUY’ स्टॉकEPFO New Scheme: सरकार ने शुरू की नई PF स्कीम, इन कर्मचारियों को होगा फायदा; जानें पूरी प्रक्रियाNavratna Railway कंपनी फिर दे सकती है मोटा रिवॉर्ड! अगले हफ्ते डिविडेंड पर होगा बड़ा फैसलाक्रिस कैपिटल ने 2.2 अरब डॉलर जुटाए, बना अब तक का सबसे बड़ा इंडिया फोक्स्ड प्राइवेट इक्विटी फंडStock Market Holiday: गुरु नानक जयंती के मौके पर NSE-BSE में आज नहीं होगी ट्रेडिंग; देखें अगली छुट्टी कब हैPaytm Q2 Results: दूसरी तिमाही में ₹21 करोड़ का मुनाफा, राजस्व में 24% की उछाल

खाद्य तेल होगा महंगा, गेहूं निर्यात को लाभ

Last Updated- December 11, 2022 | 9:02 PM IST

रूस और यूक्रेन में छिड़े युद्ध का असर खाद्य तेल की कीमतों पर भी हो सकता है। दोनों देशों के बीच टकराव इसी तरह जारी रहा तो घरेलू स्तर पर खाद्य तेल की कीमतें और उछल सकती हैं। इसकी कीमतें पहले से ही लोगों की जेब पर असर डाल रही हैं। भारत बाहर से सालाना 25 लाख टन सूर्यमुखी तेल का आयात करता है जिनमें 90 प्रतिशत हिस्सा रूस और यूक्रेन से आता है। पाम और सोयाबीन तेल के बाद देश में सूर्यमुखी तीसरा ऐसा खाद्य तेल है जिसका बड़े पैमाने पर आयात होता है।
देश में तिलहन उत्पादन नाकाफी रहने से भारत को खाद्य तेल की कुल मांग का 60 प्रतिशत हिस्सा बाहर से मंगाना पड़ता है। देश में सालाना करीब 2.3 करोड़ टन खाद्य तेल की मांग है। इस व्यापार से जुड़े सूत्रों ने कहा कि रूस और यूक्रेन में सैन्य संघर्ष लंबे समय तक जारी रहा तो बंदरगाहों आदि पर व्यापारिक गतिविधियां कम हो सकती हैं जिससे तेल और सोयाबीन तेल पर निर्भरता बढ़ सकती है। इन दोनों तेलों की आपूर्ति पहले से ही कमजोर है।
भारत प्रत्येक महीने औसतन 2.0-2.5 लाख टन सूर्यमुखी तेल का आयात करता है। इनका करीब 70 प्रतिशत हिस्सा यूक्रेन और 20 प्रतिशत हिस्सा रूस से आता है। शेष 10 प्रतिशत हिस्से का आयात अर्जेंटीना से होता है।
पिछले एक वर्ष के दौरान कच्चे सूर्यमुखी तेल के दाम में 14.4 प्रतिशत से अधिक इजाफा हो चुका है। पाम और सोयाबीन तेल की कीमतों में तो इससे भी अधिक तेजी आई है। व्यापारिक सूत्रों ने कहा कि इंडोनेशिया में पाबंदी, देश के बड़े उत्पादक राज्यों में श्रमिकों की कमी सहित अन्य कारणों से पाम तेल की आपूर्ति प्रभावित हुई है। इस वजह से पिछले एक साल के दौरान इसके दाम में भारी इजाफा हुआ है।
आंकड़ों पर गौर करें तो 25 फरवरी को बाहर से आए कच्चे पाम तेल की कीमतें पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में करीब 63 प्रतिशत अधिक थीं जबकि पिछले साल की तुलना में कच्चे सोयाबीन तेल का भाव करीब 54 प्रतिशत अधिक था।
इस बारे में जैमिनी एडिबल्स ऐंड फैट्स इंडिया में उपाध्यक्ष (बिक्री एवं विपणन) चंद्रशेखर रेड्डी ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘अगर रूस और यूक्रेन में लड़ाई जारी रही तो मार्च अंत तक सूर्यमुखी तेल की उपलब्धता कम हो सकती है। हालांकि यह तो आने वाला समय ही बताएगा मगर हमें लगता है कि अगले कुछ दिनों में हालात सुधर जाएंगे। फिलहाल तो यूक्रेन में बंदरगाह बंद हो चुके हैं और जहाजों की आवाजाही पूरी तरह बंद है।’
अदाणी विल्मर लिमिटेड में प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी अंशु मलिक ने कहा कि भारत में इस वक्त सूर्यमुखी तेल का पर्याप्त भंडार है जो अप्रैल के मध्य तक आराम से खिंच जाएगा।
अगर हालात नहीं सुधरे तो उपभोक्ता सोयाबीन सहित दूसरे वैकल्पिक तेलों का इस्तेमाल कर सकते हैं। हालांकि मलिक ने उम्मीद जताई कि अगले 7 से 10 दिनों में हालात सामान्य हो जाएंगे। सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के महानिदेशक बी वी मेहता को भी हालात जल्द सुधरने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा कि गुरुवार से खाद्य तेलों की कीमतों में कुछ कमी दर्ज की गई और उम्मीद है कि आने सप्ताहों में हालात बेहतर हो जाएंगे। जिसों के कारोबार से जुड़ी एक अग्रणी वैश्विक कंपनी से जुड़े एक कारोबार ने कहा कि अगर हाताल सामान्य नहीं हुए तो केंद्र को एक बार फिर शुल्कों में कटौती करनी पड़ सकती है।
हालांकि जहां तक गेहूं और दूसरे अनाज के निर्यात की बात है तो मौजूदा संकट भारत के लिए आपदा में अवसर साबित हो सकता है। यूक्रेन से गेहूं निर्यात बाधित होने से वैश्विक स्तर पर इसकी कीमतें बढ़ सकती है जिससे खरीदार भारत का रुख कर सकते हैं। ऐसी खबरें आ रही हैं कि यूक्रेन से 60 प्रतिशत गेहूं का आयात करने वाला लेबनान अब इस अनाज की निर्बाध आपूर्ति के लिए भारत से बातचीत कर रहा है।

First Published - February 25, 2022 | 11:02 PM IST

संबंधित पोस्ट