वर्ष 2021 डिजिटलीकरण के लिहाज से महत्त्वपूर्ण पड़ाव साबित हुआ है। कोविड-19 महामारी की वजह से इस वर्ष भारत ने भी डिजिटल माध्यम को बढ़ावा देने में कोई कसर नहीं छोड़ी। 2020 से अब तक भारत की स्टार्टअप इकाइयों में 100 अरब डॉलर से अधिक निवेश हुए और ऐसी इकाइयों की संख्या भी बढ़कर 50 पार कर गई है। भारतीय शेयर बाजारों में कुछ सफल स्टार्टअप कंपनियों ने 42,800 करोड़ रुपये से अधिक रकम जुटा डाली।
भारत में वित्त-तकनीक (फिनटेक) क्षेत्र ने भी काफी प्रगति की है। देश में मोबाइल फोन के माध्यम से इंटरनेट की पहुंच लगातार बढ़ती जा रही है। भारत में डिजिटल माध्यम से होने वाले कुल लेनदेन में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) की हिस्सेदारी अब 60 प्रतिशत हो गई है। सीएलएसए की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में वित्त वर्ष 2021 में डिजिटल लेनदेन का आंकड़ा 300 अरब डॉलर से अधिक हो गया, जो वित्त वर्ष 2016 में महज 16 अरब डॉलर था। रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि डिजिटल भुगतान वित्त वर्ष 2026 तक बढ़कर 900 से 1,000 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा।
देश में ‘फिनटेक क्रांति’ का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस समय देश में 14 फिनटेक यूनिकॉर्न (1 अरब डॉलर से अधिक मूल्यांकन वाली स्टार्टअप कंपनियां) हैं। इनमें शीर्ष 8 में 6 भुगतान कंपनियां हैं। कहानी यहीं खत्म नहीं होती। निवेश बैंक एवं वित्तीय सेवा प्रदाता कंपनी जैफरीज के अनुसार वित्तीय खंड के हरेक पहलू में तकनीक की भूमिका बढ़ती जा रही है।
इस वर्ष के शुरू में आई रेडसियर की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि डिजिटल अर्थव्यवस्था का आकार 2030 तक बढ़कर 800 अरब डॉलर हो जाएगा। 2020 के 85 से 90 अरब डॉलर की तुलना में इसमें 10 गुना वृद्धि होने का अनुमान जताया गया है।
नॉर्वेस्ट वेंचर्स पार्टनर्स इंडिया के प्रबंध निदेशक एवं प्रमुख नीरेन शाह का मानना है कि 2021 भारत के लिए एक खास वर्ष साबित होगा। शाह कहते हैं, ‘हमारे अनुमान के अनुसार भारत में संगठित खुदरा कारोबार की वृद्धि दर 2017 में 9 प्रतिशत थी जो 2021 में बढ़कर 12 प्रतिशत हो गई। मगर इसकी तुलना में इसी अवधि के दौरान ऑनलाइन माध्यम से खुदरा कारोबार 2021 में बढ़कर 7 प्रतिशत हो गया जो 2017 में महज 3 प्रतिशत था। इससे साफ पता चलता है कि देश में ऑनलाइन माध्यम से संगठित खुदरा कारोबार तेजी से बढ़ रहा है।’
सार्वजनिक बाजारों में डिजिटल कंपनियों की स्वीकार्यता भारतीय तकनीक एवं स्टार्टअप कंपनियों के लिए यादगार उपलब्धि रही है। ईवाई इंडिया में पार्टनर एवं नैशनल लीडर (ई-कॉमर्स एवं कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक) अंकुर पाहवा कहते हैं, ‘डिजिटल माध्यम आधारित कारोबारी ढर्रा एवं डिजिटल कंपनियों ने अपनी विशेष पहचान बनाई है और सभी इन्हें अब स्वीकार करने लगे हैं। मुझे लगता है कि यह 2021 की विशेष उपलब्धि मानी जा सकती है।’
डिजिटल क्षेत्र के लिए उपलब्धियों भरा साल रहने के बाद निवेशकों की दिलचस्पी एक बार फिर बढ़ी है। निवेश डेटा कंपनी प्रेकिन के अनुसार भारत केंद्रित 135 प्राइवेट इक्विटी (पीई) फंड 20.64 अरब डॉलर जुटाने की तैयारी में हैं। पीई और वेंचर कैपिटल फंडों के पास भी 80 अरब डॉलर से अधिक रकम मौजूद है। विशेषज्ञों के अनुसार 2022 में वित्तीय तकनीक में भारी उथल-पुथल देखी जा सकती है। नियामकीय चुनौतियों के बावजूद आभासी मुद्राओं (क्रिप्टोकरेंसी) की तकनीक ब्लॉकचेन एवं क्रिप्टो माइनिंग में दिलचस्प नवोन्मेष हो सकते हैं।