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अदार पूनावाला का ध्यान अब बूस्टर डोज पर

Last Updated- December 11, 2022 | 10:31 PM IST

दुनिया में कोविड-19 महामारी के दस्तक देने के बाद अदार पूनावाला और एस्ट्राजेनेका प्रमुख पास्कल सोरियट मई 2020 में वीडियो कॉल के माध्यम से एक महत्त्वपूर्ण साझेदारी करने पर सहमत हुए। इस समझौते के तहत पूनावाला ने ऑक्सफर्ड-एस्ट्राजेनेका के कोविड -19 टीके की 100 करोड़ खुराक बनाने का निर्णय लिया। इस साझेदारी की बदौलत भारत में लोगों को कोविड-19 महामारी से बचाव के टीके की अब तक 144 करोड़ खुराक  लगाने में मदद मिली है। भारत में अब तक जितने लोगों को कोविड महामारी से बचाव के टीके लगाए गए हैं उनमें सीरम इंस्टरीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) का योगदान 88 प्रतिशत रहा है। मशहूर पत्रिका टाइम में पूनावाला के बारे में कहा गया, ‘कोविड महामारी अभी खत्म नहीं हुई है और पूनावाला अब भी इसे खत्म करने में अपनी भूमिका निभा सकते हैं।’
पूनावाला ने 2020 के मध्य में एस्ट्राजेनेका के टीके कोविशील्ड का उत्पादन शुरू करने का निर्णय कर एक बड़ा जोखिम लिया था। इसकी वजह यह थी कि उस समय कोविशील्ड को नियामक से अनुमति भी नहीं मिली थी। उस समय इस टीके का उत्पादन करना एक तरह से प्रयोग ही था क्योंकि इसके प्रभाव को लेकर सार्वजनिक रूप से कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं था। बावजूद इसके पूनावाला ने अपने संयंत्रों में इस टीके का उत्पादन शुरू करने और व्यक्तिगत जोखिम लेकर इसका भंडारण करने का निर्णय ले लिया। बाद में पूनावाला ने साक्षात्कारों में कहा कि उन्होंने अपने पिता सायरस पूनावाला से पांच मिनट बात करने के बाद कोविशील्ड तैयार करने का जोखिम भरा फैसला ले लिया। सायरस पूनावाला को भारत के टीका विनिर्माण उद्योग का ‘राजा’ कहा जाता है।

सफल रहा दांव
एसआईआई अब कोविशील्ड की सालाना 400 करोड़ खुराक तैयार करने की क्षमता हासिल कर चुका है। वित्त वर्ष 2020 में दुनिया की सबसे बड़ी टीका विनिर्माता कंपनी होने के नाते यह टेटनस, पोलियो, हेपेटाइटिस बी, बीसीजी आदि सहित अन्य टीकों की हरेक साल करीब 150 करोड़ खुराक तैयार कर रही थी। इस लिहाज से कोविशील्ड का अधिक से अधिक उत्पादन करना न केवल एक बड़ा निर्णय था बल्कि जोखिम भरा भी था। इसका एक मतलब यह भी था कि अन्य टीकों के बजाय कोविशील्ड के उत्पादन पर अधिक ध्यान केंद्रित करना था। अब टीकों का निर्यात तेज होने के बाद कंपनी 2022 में मुनाफा कमाने के लिए तैयार दिख रही है।
इस वर्ष अप्रैल में बिज़नेस स्टैंडर्ड को दिए साक्षात्कार में अदार पूनावाला ने कहा था, ‘वैश्विक स्तर पर एक खुराक की कीमत औसतन 20 डॉलर है। हम मात्र 2 डॉलर कीमत के साथ टीका तैयार कर रहे हैं।’ उन्होंने महसूस किया कि एक खुराक की कीमत 5-7 डॉलर हो सकती है। केंद्र सरकार ने जुलाई में कीमतों में संशोधन कर इसे प्रति खुराक 3 डॉलर कर दिया था और कुछ महीनों पहले टीका निर्यात की अनुमति दे दी।
एसआईआई अपने अर्जित मुनाफे का एक बड़ा हिस्सा प्रत्येक वर्ष नई क्षमता तैयार करने में इस्तेमाल करती है। पूनावाला ने बताया था कि उन्होंने पूंजीगत व्यय के लिए 1,500 करोड़ रुपये ऋण लिए हैं।  
टीके बनाने वाली एक अग्रणी कंपनी ने कहा, ‘सीआईआई ने जिस तरह जोखिम लिया है वह काफी कम देखने को मिलता है। अदार के लिए यह मुमकिन है क्योंकि  सीरम पर उनका काफी हद तक नियंत्रण है। उन्हें निवेशकों को काई जवाब देने की जरूरत नहीं  है।’
पूनावाला साक्षात्कारों में कहते रहे हैं कि एसआईआई को सूचीबद्ध कराने की उनकी कोई योजना नहीं है। वह कहते हैं, ‘कंपनी सूचीबद्ध कराने से उनकी स्वतंत्रता खत्म हो जाएगी।’ उनका कहना है कि जब किसी कंपनी को प्रत्येक तिमाही वित्तीय नतीजे घोषित करने पड़ते हैं तो स्वतंत्र होकर निर्णय लेने की क्षमता पहले की तरह नहीं रह जाती।
बिज़नेस स्टैंडर्ड से बातचीत में पूनावाला ने कहा कि वह जोखिम लेने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं और इससे कभी पीछे नहीं रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘मैंने हमेशा अपनी पूरी क्षमता के साथ काम करने की कोशिश की है और जोखिम लेने के लिए सदैव तैयार रहा हूं। इसी वजह से हम बड़े स्तर पर टीका बनाने में सफल रहे हैं।’
एस्ट्राजेनेका के अलावा सीआईआई नोवोवैक्स टीका (कोवोवैक्स) भी बना रही है। हाल में ही इस टीके को भारतीय दवा नियामक से मंजूरी मिली है। एसआईआई ने एक और टीका बनाने के लिए कोडाजेनिक्स के साथ समझौता किया है। कंपनी बीसीजी टीका तैयार करने के लिए भी परीक्षण कर रही है।
इस वर्ष अप्रैल में पूनावाला ने ऐसे संकेत दिए थे कि नोवावैक्स टीका बनाने के लिए उसके पास आवश्यक सामग्री की कमी है। वास्तव में बिजनेस स्टैंडर्ड को हाल में दिए एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि टीके तैयार करने के लिए वैश्विक स्तर पर आवश्यक सामग्री की आपूर्ति सुनिश्चित करना एक बड़ी चुनौती होगी। पूनावाला ने कहा, ‘मुझे ऐसा लग रहा है कि इस चुनौती से पूरी तरह नहीं निपटा गया है। कच्चे माल की उपलब्धता सुनिश्चित किए जाने की जरूरत है।’
वर्ष 2021 पूनावाला के लिए शानदार रहने के साथ ही विवादों से भरा भी रहा है। पुणे संयंत्र में आग लगने की घटना से लेकर टीका आपूर्ति में देरी पर एस्ट्राजेनेका से नोटिस मिलने के साथ ही पूनावाला को कुछ शक्तिशाली लागों से धमकी मिलने की खबरें भी सुर्खियों में रही हैं।
40 वर्ष के अदार पूनावाला अपने निजी विमान में भारत और ब्रिटेन आते-जाते रहते हैं। इस विमान में उन्होंने एक कार्यालय भी तैयार कराया है। ऐसी खबर भी है कि पूनावाला परिवार ने लंदन के निकट 50,000 पौंड प्रति सप्ताह के हिसाब से एक महंगा मकान भी किराये पर लिया है। पूनावाला को करीब से जानने वाले लोग कहते हैं कि वह दुनिया की चकाचौंध से अधिक अपने काम में व्यस्त रहते हैं।
आगे कैसी संभावनाएं दिख रही हैं? बच्चों के लिए कोविड से बचाव का टीका एसआईआई 2022 मध्य तक तैयार कर सकती है। पूनावाला ने अक्टूबर में बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया था, ‘हमारे लिए अब अहम चुनौती यह है कि जो टीके आ रहे हैं वे कोविड-19 के नए स्वरूपों से लडऩे में सक्षम होना चाहिए। नए स्वरूपों से निपटने के लिए हम अलग एवं नए टीके बना सकते हैं।’ अब पूनावाला का ध्यान बूस्टर डोज तैयार करने पर है। वह कहते हैं, ‘आगे चलकर हमें विशेषज्ञों द्वारा मंजूर किसी टीके की बूस्टर खुराक पर ध्यान देना चाहिए ताकि दुनिया में अधिक से अधिक लोगों को इस खतरनाक वायरस से सुरक्षा मिल सके।’

First Published - December 30, 2021 | 11:11 PM IST

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