दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को कहा कि वह केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) द्वारा दर्ज आबकारी नीति के एक मामले में पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर अपना आदेश 31 मार्च को सुनाएगी।
विशेष न्यायाधीश एम के नागपाल ने मामले में नियमित जमानत दिए जाने का अनुरोध करने वाली आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
CBI ने इस मामले में अपनी दलील के संबंध में एक संक्षिप्त जवाब सौंपा, जिसके बाद अदालत ने आदेश सुरक्षित रख लिया।
विशेष न्यायाधीश ने कहा, ‘‘CBI की ओर से आरोपी को नियमित जमानत दिए जाने के विरोध में एक संक्षिप्त लिखित जवाब दिया गया है। मुकदमे की प्रति और उससे संबंधित दस्तावेज आरोपी के वकील को दिए गए हैं। केस डायरी की प्रति और कुछ गवाहों के बयान भी उपलब्ध कराए गए हैं।’’
अदालत ने 21 मार्च को सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई 24 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी थी। सीबीआई ने सात दिन की अपनी हिरासत में सिसोदिया से पूछताछ की थी।
सीबीआई ने अब रद्द हो चुकी दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 के क्रियान्वयन में कथित भ्रष्टाचार के संबंध में 26 फरवरी को सिसोदिया को गिरफ्तार किया था।
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने तिहाड़ जेल में नौ मार्च की शाम को सिसोदिया को गिरफ्तार किया था जहां वह CBI द्वारा दर्ज मामले के संबंध में बंद हैं।