राजनीति

Delhi Election: दागी MLAs के मामले में BJP से आगे AAP, MLAs की कुल संपत्ति डेढ़ हजार करोड़ के पार

जीतने वाले 44 प्रतिशत उम्मीदवारों के पास 10 करोड़ रुपये या उससे अधिक की संपत्ति है।

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निमिष कुमार   
Last Updated- February 09, 2025 | 8:07 PM IST

आठवीं दिल्ली विधानसभा के लिए चुने गए 70 उम्मीदवारों में से 31 ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं। चुनाव अधिकार निकाय एडीआर के आंकड़ों में यह बात कही गई है। यह आंकड़ा सातवीं विधानसभा के आंकड़ों से कम है जब 43 विधायकों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए थे। ‘एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ (ADR) और विधानसभा चुनाव लड़ने वाले सभी 699 उम्मीदवारों द्वारा प्रस्तुत हलफनामों का विश्लेषण करने वाले ‘दिल्ली इलेक्शन वॉच’ ने कहा कि गंभीर आपराधिक मामलों में आरोपी उम्मीदवारों के विजयी होने की संख्या चिंता का विषय बनी हुई है।

70 में से 31 दागी, AAP के 22 में 15 MLAs के खिलाफ केस, BJP के 16 दागी-

विश्लेषण में पाया गया कि 17 नव-निर्वाचित उम्मीदवार गंभीर आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं, जिनमें हत्या के प्रयास और महिलाओं के खिलाफ अपराध से संबंधित मामले भी शामिल हैं। वर्ष 2020 के चुनाव में विजयी हुए 37 उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामलों की घोषणा की थी। नव-निर्वाचित विधायकों में से एक ने हत्या के प्रयास से संबंधित मामलों की घोषणा की है तथा दो अन्य पर महिलाओं के खिलाफ अपराध के आरोप हैं। पार्टी-वार विश्लेषण से पता चलता है कि भाजपा के 48 विधायकों में से 16 और आप के 22 विधायकों में से 15 के खिलाफ आपराधिक मामले हैं। भाजपा के सात और आप के 10 विधायक गंभीर आपराधिक आरोपों का सामना कर रहे हैं। विधानसभा चुनाव के नतीजे शनिवार को घोषित किए गए।

कुछ अरबपति, तो आधे से ज्यादा करोड़पति है दिल्ली के विधायक –

विश्लेषण के मुताबिक, 70 नव-निर्वाचित विधायकों के पास कुल संपत्ति 1,542 करोड़ रुपये है। प्रति उम्मीदवार औसत संपत्ति 2020 में 14.29 करोड़ रुपये थी जो अब बढ़कर 22.04 करोड़ रुपये हो गई है। संपत्ति चार्ट में भाजपा विधायकों का दबदबा है जिनका औसत संपत्ति मूल्य 28.59 करोड़ रुपये है, जबकि आप के विधायकों का औसत संपत्ति मूल्य 7.74 करोड़ रुपये है। इस चुनाव में 115 करोड़ रुपये से 259 करोड़ रुपये तक की संपत्ति वाले तीन भाजपा उम्मीदवार विजयी हुए हैं। इसके विपरीत, आप के तीन विजेताओं ने 20 लाख रुपये से कम की संपत्ति घोषित की। विश्लेषण के अनुसार, जीतने वाले 44% उम्मीदवारों के पास 10 करोड़ रुपये या उससे अधिक की संपत्ति है, जबकि केवल 3% के पास 20 लाख रुपये से कम की संपत्ति है।

चुनाव जीतने वाले 23 उम्मीदवारों ने एक करोड़ रुपये या उससे अधिक की देनदारी घोषित की है, जिसमें भाजपा के प्रवेश वर्मा 74 करोड़ रुपये की देनदारी के साथ शीर्ष पर हैं। तीन सबसे धनी विधायक भी भाजपा से हैं। इनमें करनैल सिंह के पास 259.67 करोड़ रुपये, मनजिंदर सिंह सिरसा के पास 248.85 करोड़ रुपये तथा वर्मा के पास 115.63 करोड़ रुपये की संपत्ति है।

विश्लेषण में दोबारा निर्वाचित विधायकों की संपत्ति में वृद्धि पर भी प्रकाश डाला गया। इस बार फिर से चुने गए 22 उम्मीदवारों की औसत संपत्ति पिछले चुनाव के मुकाबले 25 प्रतिशत बढ़कर 8.83 करोड़ रुपये हो गई। 2020 में यह आंकड़ा 7.04 करोड़ रुपये का था।

एक तिहाई विधायक स्कूल तक ही पढ़े, 20% रिटायरमेंट एज को कर गए पार

विश्लेषण के अनुसार, 64% नए विधायकों के पास स्नातक डिग्री या उससे ऊपर की डिग्री है, जबकि 33% ने अपनी शैक्षणिक योग्यता कक्षा 5 और कक्षा 12 के बीच बताई है। उम्र के मामले में 67 फीसदी विजयी उम्मीदवार 41 से 60 साल के बीच की उम्र के हैं, जबकि 20 फीसदी 60 साल से ज्यादा उम्र के हैं।

‘पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च’ की रिपोर्ट के अनुसार, नव-निर्वाचित विधायकों में से 13 % की उम्र 25 वर्ष से 40 वर्ष के बीच है, जबकि पिछली विधानसभा में यह 23% थी। इसके अलावा, 41 वर्ष से 55 वर्ष की उम्र के विधायकों की संख्या 49% ही बनी रही जबकि 34% विधायक 56 से 70 वर्ष की उम्र के हैं तथा 4% विधायक 70 वर्ष से अधिक उम्र के हैं। पिछली विधानसभा में 28% सदस्य 56 वर्ष या उससे अधिक उम्र के थे। रिपोर्ट में पाया गया कि सदस्यों की औसत उम्र 52 वर्ष है।

70 में केवल 5 महिला विधायक, BJP से 04, तो AAP से सिर्फ आतिशी

दिल्ली की आठवीं विधानसभा में पहले की तुलना में कम महिलाएं चुनी गई हैं लेकिन स्नातक डिग्रीधारी विधायकों की संख्या में इस बार बढ़ोतरी हुई है। एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। ‘पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च’ की रिपोर्ट में पाया गया कि विधानसभा में 05 महिलाएं चुनी गई हैं जिनकी सदन में 7% हिस्सेदारी है। इनमें से 04 महिला विधायक भारतीय जनता पार्टी (BJP) से हैं जबकि आतिशी सदन में ‘आप’ (आम आदमी पार्टी) की एकमात्र महिला सदस्य चुनी गई हैं। विधानसभा चुनाव के परिणाम शनिवार को घोषित किए गए। इससे पहले, 2020 में आठ महिला विधायक चुनी गई थीं।

आधे से ज्यादा विधायकों का काम राजनीति- Social Work, कारोबारियों की संख्या बढ़ी

नव-निर्वाचित विधायकों में से लगभग 61% ने राजनीति या सामाजिक कार्य को अपना पेशा बताया, जबकि पिछली विधानसभा में यह आंकड़ा 67% था। जिन विधायकों ने अपना पेशा व्यवसाय बताया है, उनकी संख्या में सातवीं विधानसभा की तुलना में बढ़ोतरी हुई है। उनकी संख्या सातवीं विधानसभा में 29% थी और यह आठवीं विधानसभा में बढ़कर 49% हो गई।

दिल्ली में 26 साल से अधिक समय बाद भाजपा सत्ता में आई है और उसने 70 विधानसभा सीट में से 48 पर जीत हासिल की है। ​​‘आप’ ने पांच फरवरी को हुए चुनावों में 22 सीट जीतीं और कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली।

(एजेंसी इनपुट के साथ)

First Published : February 9, 2025 | 7:57 PM IST