केंद्रीय कानून मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (BJP) नेता किरेन रीजीजू ने शुक्रवार को यह कहते हुए एक बार फिर पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह पर निशाना साधा कि ‘वास्तव में लोकतंत्र की हत्या’ 1975 में की गयी थी।
उनका संदर्भ कांग्रेस की तत्कालीन सरकार के दौरान आपातकाल लगाए जाने से जुड़ा था।
मंत्री ने कहा कि (तब) कोई भी विदेशी सत्ता के हस्तक्षेप की मांग नहीं करने गया था। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारतीयों ने लड़ाई लड़ी और लोकतंत्र को बहाल किया, क्योंकि लोकतंत्र भारतीय लोगों के दिमाग और आत्मा में बसता है।
रीजीजू ने कहा, ‘जब 1975 में कांग्रेस पार्टी द्वारा भारतीय लोकतंत्र की सही मायने में हत्या कर दी गई थी, तो कोई भी विदेशी सत्ता के हस्तक्षेप की मांग करने विदेशी भूमि पर नहीं गया था। भारतीय लोगों ने लड़ाई लड़ी और लोकतंत्र को बहाल किया, क्योंकि लोकतंत्र भारतीयों के दिमाग और आत्मा में बसता है।’
इस बीच, पिछले साल कांग्रेस छोड़ने वाले राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने कहा, ‘हमें विदेश से समर्थन की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि हमारी लड़ाई हमारी अपनी है।’
उन्होंने यह भी कहा,‘हमें आगे चलने के लिए बैसाखी की जरूरत नहीं है।’
भाजपा के कई नेताओं ने गुरुवार को कांग्रेस को उस वक्त आड़े हाथों लिया था, जब उसके वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता के अयोग्य ठहराये जाने के मामले में जर्मनी के विदेश मंत्रालय और डॉयचे वेले के मुख्य अंतरराष्ट्रीय संपादक रिचर्ड वॉकर द्वारा भारतीय लोकतंत्र के संबंध में की गयी टिप्प्णी को लेकर उनका धन्यवाद किया था।
रीजीजू ने गुरुवार को सिंह के ट्वीट का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए गांधी पर निशाना साधा था। रीजीजू ने कटाक्ष करते हुए कहा था, ‘भारत के आंतरिक मामलों में दखलअंदाजी के लिए विदेशी ताकतों को न्योता देने के लिए राहुल गांधी का शुक्रिया।’
रीजीजू ने आगे लिखा, ‘याद रखें, भारतीय न्यायपालिका विदेशी हस्तक्षेप से प्रभावित नहीं हो सकती है। भारत अब ‘विदेशी प्रभाव’ को बर्दाश्त नहीं करेगा, क्योंकि हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी हैं।’