दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत अवधि बढ़ाने पर फैसला टल गया है। उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ाने का अनुरोध करने वाली याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने के संबंध में कोई भी फैसला प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) लेंगे, क्योंकि मुख्य मामले पर फैसला पहले से सुरक्षित है।
केजरीवाल ने अपना वजन अचानक छह से सात किलोग्राम कम हो जाने के कारण कई चिकित्सकीय जांच कराने के लिए उच्चतम न्यायालय से अंतरिम जमानत की अवधि सात दिन बढ़ाने का अनुरोध किया है।
न्यायमूर्ति जे के माहेश्वरी और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की अवकाश पीठ ने केजरीवाल की अंतरिम याचिका को स्वयं सूचीबद्ध करने से इनकार कर दिया और मुख्यमंत्री की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी से पूछा कि याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने के लिए पिछले सप्ताह तब क्यों इसका उल्लेख नहीं किया गया, जब मुख्यमंत्री को अंतरिम जमानत देने वाली पीठ में शामिल न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता अवकाश पीठ में बैठे थे।
मुख्यमंत्री को अंतरिम जमानत देने वाली पीठ की अध्यक्षता न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने की थी। पीठ ने कहा, ‘जब न्यायमूर्ति दत्ता पिछले सप्ताह अवकाश पीठ में बैठे थे, आपने तब इसका उल्लेख क्यों नहीं किया? माननीय सीजेआई को निर्णय लेने दें, क्योंकि यह औचित्य का मुद्दा उठाता है। हम इसे सीजेआई को भेजेंगे।’
सिंघवी ने कहा कि चिकित्सकीय परामर्श परसों मिला था और इसलिए पिछले सप्ताह उस अवकाश पीठ के समक्ष इसका उल्लेख नहीं किया जा सका, जिसमें न्यायमूर्ति दत्ता थे।