बिहार में 2025 के विधानसभा चुनाव के नतीजों का सभी को बेसब्री से इंतजार है। 243 सीटों के नतीजे आज यानी शुक्रवार को आएंगे। मतदान दो चरणों में 6 और 11 नवंबर को हुआ था। चुनाव आयोग के अनुसार, पहले चरण में 65.08% और दूसरे चरण में 68.76% वोटिंग हुई। इस बार मुकाबला मुख्य रूप से एनडीए और महागठबंधन के बीच है।
राघोपुर आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के परिवार का गढ़ माना जाता है। यहां से पहले लालू प्रसाद और राबड़ी देवी भी जीत चुके हैं। 2020 में तेजस्वी ने इस सीट को बरकरार रखा था। इस बार उनका मुकाबला बीजेपी के सतीश कुमार यादव से है।
तेजस्वी के बड़े भाई तेज प्रताप यादव इस बार अपनी नई पार्टी जनशक्ति जनता दल (JJD) से चुनाव लड़ रहे हैं। उन्हें आरजेडी से निष्कासित किया गया था। यहां उनका सामना आरजेडी के मौजूदा विधायक मुकेश कुमार रौशन और लोजपा (रामविलास) के संजय कुमार सिंह से है।
यह सीट उपमुख्यमंत्री और बीजेपी नेता विजय कुमार सिन्हा का गृह क्षेत्र है। परंपरागत रूप से एनडीए की मजबूत सीट मानी जाती है। सिन्हा के सामने जन सुराज के सुरज कुमार और कांग्रेस के अमरेश कुमार हैं।
राजधानी की यह सीट लंबे समय से बीजेपी की मजबूत सीट रही है। बीजेपी ने इस बार रतनैश कुशवाहा को टिकट दिया है। उनका मुकाबला कांग्रेस के शशांत शेखर और बसपा के रंधीर कुमार से है। यह सीट शहरी मतदाताओं का रुझान बताएगी।
कभी कांग्रेस और जेडीयू का गढ़ रही यह सीट अब बीजेपी के लिए अहम है। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी यहां से चुनाव लड़ रहे हैं। उनका मुकाबला आरजेडी के अरुण कुमार और जन सुराज के संतोष कुमार सिंह से है।
पटना जिले की SC आरक्षित सीट फुलवारी से सीपीआई(एमएल) के मौजूदा विधायक गोपाल रविदास फिर मैदान में हैं। उनके सामने जेडीयू के श्याम रजक और जन सुराज के शशि कांत प्रसाद हैं।
जेडीयू के अनंत सिंह अपनी पुरानी मजबूत सीट वापस जीतने की कोशिश कर रहे हैं। उनका मुकाबला जन सुराज के प्रियदर्शी पीयूष और आरजेडी की वीणा देवी से है। हाल ही में एक हत्या मामले में अनंत सिंह की गिरफ्तारी से चुनावी समीकरण प्रभावित हुए हैं।
लोकप्रिय मैथिली लोकगायिका मैथिली ठाकुर इस बार बीजेपी से चुनाव मैदान में हैं और पहली बार चुनाव लड़ रही हैं। उनका मुकाबला आरजेडी के बिनोद मिश्रा और जन सुराज के बिप्लव कुमार चौधरी से है। यहाँ उनकी उम्मीदवारी से मिथिलांचल के युवा और सांस्कृतिक मतदाताओं को जोड़ने की कोशिश मानी जा रही है।