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यूपी में सूखे की स्थिति का सर्वे कराएगी योगी सरकार

Last Updated- December 11, 2022 | 3:51 PM IST

अभी तक पूरे मानसून सीजन में  कम बारिश की मार झेल रहे उत्तर प्रदेश के अधिकांश जिलों में अब योगी सरकार सूखे की स्थिति का सर्वे कराएगी। सूखे से प्रभावित प्रदेश के किसानों को राहत देने के लिए इस सर्वे का आदेश दिया गया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के सभी 75 जिलों में सूखे के स्थिति के सर्वेक्षण के लिए आदेश दिया है जिसके लिए 75 टीमें काम करेंगी। प्रदेश के सभी जिलाधिकारयों से एक हफ्ते में सूखे के बारे में रिपोर्ट देने को कहा गया है। लापरवाही बरतने और देरी होने पर जिलाधिकारी जवाबदेह होंगे। सूखे के बारे में कोई फैसला होने तक प्रदेश भर में सभी ट्यूबवेल  के बिलों की वसूली भी स्थगित रहेगी। साथ ही ट्यूबवेल कनेक्शन भी नहीं काटे जाएंगे। सूखा प्रभावित जिलों में लगान वसूली भी स्थगित रहेगी।

इस बार मानसून के सीजन में अब तक उत्तर प्रदेश में सामान्य से 40 फीसदी कम बारिश हुई है। सितंबर के पहले हफ्ते तक प्रदेश में तक 634 मिलीमीटर बरसात होनी चाहिए थी जिसके मुकाबले अभी तक 347.4 मिलीमीटर पानी ही बरसा है। सबसे ज्यादा हालात खराब पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों में है जहां ज्यादातर  जिले सामान्य वर्षा के लिए तरस रहे हैं। यहां बागपत और गाजियाबाद में सामान्य से 78 फीसदी कम तो  ज्योतिबा फूले नगर, रामपुर के अलावा कानपुर देहात, कुशीनगर, जौनपुर, गौतमबुद्धनगर ऐसे जिले हैं जहां 70 फीसदी से अधिक सामान्य से कम वर्षा हुई है। धान का कटोरा कहे जाने वाले जिले संत कबीर नगर में तो सामान्य से 65 फीसदी से कम बारिश हुयी है।

इस बार उत्तर प्रदेश के कृषि विभाग ने मौजूदा खरीफ सीजन में 96.03 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में फसल बोआई का लक्ष्य रखा था, जबकि  93 फीसदी यानी 89 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में ही बोआई हो सकी है। इसमें से भी 12 लाख हेक्टेयर फसल कम बारिश के चलते खराब हो जाने की रिपोर्ट है। धान की फसल सबसे ज्यादा प्रभावित हुई है। तकरीबन 10 लाख हेक्टेयर धान के खेतों में फसल सूख जाने की खबर है।

इस बीच कम बारिश से धान व मक्के की फसल के चौपट हो जाने के बाद मुख्यमंत्री  ने दलहन, तिलहन और सब्जी के बीज किसानों को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। आदेश के मुताबिक सिंचाई विभाग नहरों में पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करेगा और बिजली विभाग को ग्रामीण क्षेत्र में बिजली आपूर्ति बढ़ाने के भी निर्देश दिए गए ताकि प्रभावित किसानों को राहत मिल सके।

राज्य सरकार के अधिकारियों का कहना है कि मानसून के हालात की समीक्षा लगातार की जा रही है। मौसम विभाग से भी हर हफ्ते बरसात के आंकड़े लिए जा रहे हैं। अधिकारी और मौसम विभाग मान रहा है कि बरसात की यही बेरुखी रही तो राज्य के कई जिलों को सूखाग्रस्त घोषित करना पड़ सकता है।

First Published - September 7, 2022 | 8:44 PM IST

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