विप्रो का सितंबर तिमाही का परिणाम कमजोर उद्योग रुझानों के अनुरूप रहा, जिससे आईटी सेवाओं के लिए घटते ग्राहक खर्च को लेकर बढ़ती चिंताओं का पता चलता है।
अन्य प्रतिस्पर्धियों की तरह, विप्रो ने भी अनुमान जताया है कि आईटी राजस्व में तीसरी तिमाही में स्थिर मुद्रा (सीसी) के संदर्भ में तिमाही आधार पर 3.5 से 1.5 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है, जो कई विश्लेषकों के अनुमानों से ज्यादा है।
विप्रो का शेयर गुरुवार को गिरावट का शिकार हुआ और दिन के कारोबार में इसमें 4 प्रतिशत तक की कमजोरी आई, क्योंकि ब्रोकरों ने वित्त वर्ष 2024 और 2025 के लिए कंपनी के आय अनुमान तथा शेयर के के लिए कीमत लक्ष्य घटा दिया है।
हालांकि जेएम फाइनैंशियल का मानना है कि जब वृहद हालात में सुधार आएगा तो विप्रो को सबसे पहले फायदा होगा, क्योंकि उसका बड़ा व्यवसाय कंसल्टिंग से जुड़ा हुआ है।
रेटिंग: घटाएं
कीमत लक्ष्य: घटाकर 375 रुपये किया
विप्रो अपने प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले लगातार सुस्त विकास परिदृश्य, बड़े सौदों के अभाव और राजस्व पर दबाव के साथ कमजोर बनी हुई है। हमने वित्त वर्ष 2024-26 के राजस्व और ईपीएस अनुमानों में 3-5 प्रतिशत और 6-7 प्रतिशत तक की कटौती की है। मूल्यांकन सस्ते हैं, लेकिन कमजोर विकास संभावनाओं को देखते हुए उचित हैं। रेटिंग में बदलाव प्रदर्शन में सुधार और कम जरूरी खर्च परिवेश में तेजी पर निर्भर करेगा।
रेटिंग: तटस्थ बने रहें
कीमत लक्ष्य: घटाकर 400 रुपये किया
कमजोर रेटिंग खासकर मांग संबंधित समस्याओं और बीएफएसआई वर्टिकल में सामान्य के मुकाबले ज्यादा छुट्टियों की वजह से भी है। हमने वित्त वर्ष 2024-26 की ईपीएस 3-6 प्रतिशत तक घटा दी है। हमें वित्त वर्ष 2024 का एबिटा मार्जिन 15.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
रेटिंग: बनाए रखें
कीमत लक्ष्य: 390 रुपये
ग्राहकों द्वारा सतर्कता बरतने और परियोजनाओं में कमी आने से ऑर्डर बुक को राजस्व में तब्दील करना आसान नहीं रह गया है। विप्रो ग्राहक-केंद्रित चुनौतियों से भी जूझ सकती है। इसलिए, हमें वित्त वर्ष 2024 का राजस्व सालाना आधार पर 2.9 प्रतिशत घटने और वित्त वर्ष 2025 में यह सुधरकर 5 प्रतिशत हो जाने का अनुमान है।
हमने वित्त वर्ष 2024 का ईपीएस अनुमान 6.8 प्रतिशत तक घटाकर 21 रुपये कर दिया है। वहीं वित्त वर्ष 2025 के लिए ईपीएस अनुमान 8.4 प्रतिशत घटाकर 24 रुपये किया गया है।
रेटिंग: तटस्थ बने रहें
कीमत लक्ष्य: 418 रुपये
कमजोर वृद्धि को ध्यान में रखते हुए हमारा मानना है कि विप्रो के लिए वित्त वर्ष 2024 की राजस्व वृद्धि टियर-1 प्रतिस्पर्धियों में सबसे कमजोर में से एक रहेगी और मार्जिन 17-17.5 प्रतिशत के मध्यावधि दायरे से नीचे रह सकता है। हमने वित्त वर्ष 2024 और वित्त वर्ष 2025 के ईपीएस अनुमानों में 8.2 प्रतिशत और 5 प्रतिशत तक की कटौती की है।
रेटिंग: खरीद बरकरार रखें
कीमत लक्ष्य: घटाकर 450 रुपये किया
अनुमान से कमजोर मध्यावधि वृद्धि की वजह से हमने विप्रो को वित्त वर्ष 2026 की पहली छमाही की ईपीएस के 17 गुना पर मूल्यांकन दिया है, जो टीसीएस और इन्फोसिस के मुकाबले 30 प्रतिशत और 20 प्रतिशत कम है। हमने अपने वित्त वर्ष 2025 और वित्त वर्ष 2026 के ईपीएस अनुमानों में 3 प्रतिशत और 4 प्रतिशत की कटौती की है।
रेटिंग: खरीद बरकरार रखें
कीमत लक्ष्य: 450 रुपये
हमने वित्त वर्ष 2024-26 के लिए डॉलर के संदर्भ में अपना राजस्व अनुमान 4-5 प्रतिशत और ईपीएस 3-6 प्रतिशत तक घटा दिया है। अनुमान के मुकाबले कमजोर दीर्घावधि विकास परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए इन अनुमानों में कटौती की गई है।