facebookmetapixel
Ramesh Damani की एंट्री से इस शेयर ने भरी उड़ान, 2 दिन में 10% उछला; 3 साल में 330% रिटर्नGold silver price today: चांदी ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, भाव 2.50 लाख पार; जानें सोने के रेटStocks to Buy: चार्ट पैटर्न में दिखी मजबूती, ये 3 शेयर दिला सकते हैं 15% तक रिटर्न; जानिए एनालिस्ट की रायStock Market Update: शेयर बाजार की सपाट शुरुआत, सेंसेक्स 80 अंक चढ़ा; निफ्टी 26 हजार के ऊपरAI इम्पैक्ट समिट में भारत के नवाचार से होंगे दुनिया रूबरूअदाणी का रक्षा क्षेत्र में 1.8 लाख करोड़ रुपये का बड़ा निवेशRolls-Royce भारत में करेगा बड़ा निवेश, नई पीढ़ी के एरो इंजन पर फोकससऊदी अरब के ताइफ एयरपोर्ट प्रोजेक्ट की रेस में जीएमआर और टेमासेक आगेStocks To Watch Today: Coforge, Vedanta से लेकर PNB तक हलचल, आज इन शेयरों पर रहेगी बाजार की नजरAI की एंट्री से IT इंडस्ट्री में बड़ा बदलाव, मेगा आउटसोर्सिंग सौदों की जगह छोटे स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट

गन्ना माफिया की कसेगी नकेल

Last Updated- December 06, 2022 | 10:00 PM IST

उत्तर प्रदेश सरकार राज्य की चीनी मिलों की जरुरतों को जानने, गन्ना माफिया पर लगाम कसने और कुल नकदी फसल क्षेत्र का आकलन करने के लिए वार्षिक गन्ना सर्वेक्षण करा रही है।


इस विस्तृत सर्वे में चीनी मिलों में हो रहे उत्पादन में गन्ना माफियाओं का पता लगाकर उनकी गतिविधियों पर लगाम कसी जा सकेगी। गन्ना विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राज्य के कई स्थानों में गन्ना माफियाओं ने अपने आपको गन्ना किसान के तौर पंजीकृत करा रखा है।


ऐसा करके वे छोटे किसानों से कम दामों में गन्ना खरीदकर सरकार को ऊंचे दामों में बेच देते हैं। पिछले साल हुए सर्वेक्षण में 2.75 लाख चीनी माफियाओं और फर्जी गन्ना किसानों का पता चला था। इस सर्वेक्षण की शुरुआत राज्य की चीनी मिलों के साथ 1 मई से शुरु की जाएगी। इस सर्वेक्षण को 20 जून तक समाप्त कर लिया जाएगा।


इस सर्वेक्षण कार्य में गन्ना विभाग और निजी चीनी मिलों के लगभग 7 हजार कर्मचारियों को तैनात किया जाएगा। इस समय राज्य में लगभग 40 लाख गन्ना किसान है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश में चीनी मिलों का कुल उत्पादन 800 लाख टन वार्षिक है।


इस सर्वेक्षण से पेराई के समय में चीनी मिलों को हो रही आपूर्ति का पता भी लगाया जाएगा। इस सर्वेक्षण को मंजूरी के लिए ग्राम सभाओं के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। सर्वेक्षण के दौरान किसानों को एक घोषणा पत्र जमा कराना होगा। सर्वेक्षण के समाप्त होने तक गन्ना विभाग के गन्ना विकास अधिकाारियों (सीडीआई), जिला गन्ना अधिकारियों, गन्ना उपायुक्त और संयुक्त गन्ना आयुक्तों को निर्धारित लक्ष्य को पूरा करना होगा।


सर्वेक्षण समाप्त होने के बाद अक्टूबर के महीने में किसानों को कैलेंडर वितरित किया जाएगा। इस कैंलेडर में उन तारीखों का उल्लेख किया जाएगा जिस दिन चीनी मिलों द्वारा गन्ने की खरीद की जाएगी। राज्य चीनी कानून के तहत गन्ना किसानों को अपने उत्पाद तयशुदा चीनी मिलों को बेचने होते है। गन्ना किसानों द्वारा चीनी मिलों को होने वाली इस तरह की आपूर्ति उत्तर प्रदेश गन्ना आयुक्त के निर्देश के तहत की जाती है।


इस समय राज्य में 132 चीनी मिलें है। इनमें से 17 चीनी मिलों का स्वामित्व सरकार के पास है। जबकि 22 चीनी मिलों को सहकारी समितियां और 93 चीनी मिलों को निजी क्षेत्र संचालित कर रही हैं। इस वर्ष 5 नई चीनी मिलों के शुरु होने की संभावना है। उत्तर प्रदेश देश में गन्ने का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य होने के साथ चीनी उत्पादन में देश में दूसरा स्थान रखता है। इसलिए चीनी से जुडे मुद्दों पर गंभीर राजनैतिक मंतव्य जुडे रहते हैं।

First Published - May 7, 2008 | 9:57 PM IST

संबंधित पोस्ट