facebookmetapixel
26% तक रिटर्न का मौका! भारत-अमेरिका डील पक्की हुई तो इन 5 शेयरों में होगी जबरदस्त कमाई!Delhi AQI Today: दिल्ली में हवा हुई जहरीली! GRAP स्टेज III लागू, जानिए क्या-क्या हुआ बैनDelhi Red Fort Blast: लाल किले के पास विस्फोट में अब तक 12 की मौत, Amit Shah ने बुलाई हाई-लेवल मीटिंगVodafone Idea Share: ₹14 तक जाएगा शेयर! ब्रोकरेज ने कहा – सुप्रीम कोर्ट का फैसला बदल सकता है गेमसस्टेनेबल इंडिया की ओर Adani Group का कदम, बनाएगा भारत का सबसे बड़ा बैटरी स्टोरेज सिस्टमGold and Silver Price Today: सोना-चांदी की कीमतों में उछाल! सोने का भाव 125000 रुपये के पार; जानें आज के ताजा रेटPhysicsWallah IPO: सब्सक्राइब करने के लिए खुला, अप्लाई करें या नहीं; जानें ब्रोकरेज का नजरियाBihar Elections 2025: दिल्ली ब्लास्ट के बाद हाई अलर्ट में बिहार चुनाव का आखिरी फेज, 122 सीटों पर मतदाता करेंगे फैसलाडिमर्जर के बाद Tata Motors में कौन चमकेगा ज्यादा? जेपी मॉर्गन और SBI की बड़ी राय सामने आई₹5.40 प्रति शेयर तक डिविडेंड पाने का मौका! 12 नवंबर को एक्स-डेट पर ट्रेड करेंगे ये 5 स्टॉक्स

गन्ना माफिया की कसेगी नकेल

Last Updated- December 06, 2022 | 10:00 PM IST

उत्तर प्रदेश सरकार राज्य की चीनी मिलों की जरुरतों को जानने, गन्ना माफिया पर लगाम कसने और कुल नकदी फसल क्षेत्र का आकलन करने के लिए वार्षिक गन्ना सर्वेक्षण करा रही है।


इस विस्तृत सर्वे में चीनी मिलों में हो रहे उत्पादन में गन्ना माफियाओं का पता लगाकर उनकी गतिविधियों पर लगाम कसी जा सकेगी। गन्ना विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राज्य के कई स्थानों में गन्ना माफियाओं ने अपने आपको गन्ना किसान के तौर पंजीकृत करा रखा है।


ऐसा करके वे छोटे किसानों से कम दामों में गन्ना खरीदकर सरकार को ऊंचे दामों में बेच देते हैं। पिछले साल हुए सर्वेक्षण में 2.75 लाख चीनी माफियाओं और फर्जी गन्ना किसानों का पता चला था। इस सर्वेक्षण की शुरुआत राज्य की चीनी मिलों के साथ 1 मई से शुरु की जाएगी। इस सर्वेक्षण को 20 जून तक समाप्त कर लिया जाएगा।


इस सर्वेक्षण कार्य में गन्ना विभाग और निजी चीनी मिलों के लगभग 7 हजार कर्मचारियों को तैनात किया जाएगा। इस समय राज्य में लगभग 40 लाख गन्ना किसान है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश में चीनी मिलों का कुल उत्पादन 800 लाख टन वार्षिक है।


इस सर्वेक्षण से पेराई के समय में चीनी मिलों को हो रही आपूर्ति का पता भी लगाया जाएगा। इस सर्वेक्षण को मंजूरी के लिए ग्राम सभाओं के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। सर्वेक्षण के दौरान किसानों को एक घोषणा पत्र जमा कराना होगा। सर्वेक्षण के समाप्त होने तक गन्ना विभाग के गन्ना विकास अधिकाारियों (सीडीआई), जिला गन्ना अधिकारियों, गन्ना उपायुक्त और संयुक्त गन्ना आयुक्तों को निर्धारित लक्ष्य को पूरा करना होगा।


सर्वेक्षण समाप्त होने के बाद अक्टूबर के महीने में किसानों को कैलेंडर वितरित किया जाएगा। इस कैंलेडर में उन तारीखों का उल्लेख किया जाएगा जिस दिन चीनी मिलों द्वारा गन्ने की खरीद की जाएगी। राज्य चीनी कानून के तहत गन्ना किसानों को अपने उत्पाद तयशुदा चीनी मिलों को बेचने होते है। गन्ना किसानों द्वारा चीनी मिलों को होने वाली इस तरह की आपूर्ति उत्तर प्रदेश गन्ना आयुक्त के निर्देश के तहत की जाती है।


इस समय राज्य में 132 चीनी मिलें है। इनमें से 17 चीनी मिलों का स्वामित्व सरकार के पास है। जबकि 22 चीनी मिलों को सहकारी समितियां और 93 चीनी मिलों को निजी क्षेत्र संचालित कर रही हैं। इस वर्ष 5 नई चीनी मिलों के शुरु होने की संभावना है। उत्तर प्रदेश देश में गन्ने का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य होने के साथ चीनी उत्पादन में देश में दूसरा स्थान रखता है। इसलिए चीनी से जुडे मुद्दों पर गंभीर राजनैतिक मंतव्य जुडे रहते हैं।

First Published - May 7, 2008 | 9:57 PM IST

संबंधित पोस्ट