उत्तर प्रदेश में रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) और कंपनी के पेट्रोल पंप डीलरों में किसी तरह का कोई तालमेल नहीं नजर आ रहा है।
काफी समय से भले ही यह चर्चा चल रही हो कि रिलायंस देश भर में अपने पेट्रोल पंपों को फिर से चालू करेगी, पर राज्य के पेट्रोल पंप डीलरों को अब तक इस बारे में कोई खबर नहीं है।
कंपनी के प्रवक्ता तो यह दावा कर रहे हैं कि उन्होंने डीलरों को पंपों को फिर से खोलने की सूचना दे दी है पर अधिकांश डीलरों ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि इस बारे में कंपनी की ओर से अब तक कोई सूचना नहीं मिली है।
इसी उधेड़बुन में परेशान चल रहे रिलायंस पेट्रोल पंप के एक डीलर ने बताया, ‘इस बारे में आरआईएल ने अब तक हमें कोई सूचना नहीं दी है। हम जब भी उनसे इस बारे में कोई पूछताछ करते हैं तो कोई साफ जवाब नहीं मिलता है।’
राज्य में ही एक दूसरे डीलर से जब इस बाबत पूछा गया तो उन्होंने बताया कि कंपनी के अधिकारी इस बारे में कोई स्पष्ट उत्तर नहीं दे रहे हैं। वह केवल इतना भर कहते हैं कि इस मसले पर ‘फाइल बढ़ाई गई है।’
डीलरों का रोना यह है कि इतने समय तक इस मसले पर कोई ठोस फैसला नहीं लिए जाने की वजह से उनका निवेश अटका पडा है। उन्होंने जमीन और उपकरणों पर जितना खर्च किया था, उनसे उन्हें कुछ भी नहीं मिल रहा क्योंकि काफी समय से पेट्रोल पंप बंद पड़े हैं। डीलरों को अपना भविष्य अधर में लटका दिख रहा है।
आरआईएल ने सब्सिडी दर पर पेट्रोल, डीजल बेचने पर हो रहे नुकसान को देखते हुए मई 2008 में ही देश भर में अपने पेट्रोल पंपों को बंद कर दिया था। रिलायंस के पेट्रोल पंपों पर सरकारी पेट्रोल पंपों की तुलना में पेट्रोल प्रति लीटर करीब 10 रुपये और डीजल 6 रुपये महंगा मिलता है।
यह उस समय की बात है जब अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कच्चे तेल की कीमतें प्रति बैरल 150 डॉलर के करीब बनी हुई थीं। अब चूंकि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी कच्चे तेल की कीमतों में जबरदस्त गिरावट आ चुकी है, आरआईएल अपने पेट्रोल पंपों को फिर से चालू करने की योजना बना रहा है।
आरआईएल के एक प्रवक्ता ने बताया, ‘ईंधन के दाम घटे हैं और इसे देखते हुए हमनें अपने सारे विकल्प खोल रखे हैं।’ आरआईएल के देश भर में 800 से अधिक पेट्रोल पंप हैं जिनमें से कुछ को कंपनी खुद चलाती है और बाकी डीलरों के पास हैं।
ऐसी खबरें भी हैं कि कंपनी इन पेट्रोल पंपों को चलाने के लिए किसी सरकारी तेल कंपनी या बहुराष्ट्रीय कंपनी से गठजोड़ कर सकती है। उन्होंने यह भी दावा किया कि कंपनी पहले ही डीलरों को बता चुकी है कि इन पेट्रोल पंपों को फिर से चालू करने की योजना है और वे इससे काफी कुछ भी हैं।
कंपनी के प्रवक्ता ने इस बारे में तो कुछ स्पष्ट नहीं बताया कि इन पेट्रोल पंपों को कब से चालू किया जाएगा, पर इतना जरूर कहा कि कंपनी की पेट्रोल की रिटेल बिक्री से बाहर निकलने की कोई योजना नहीं है और वह इन पेट्रोल पंपों को किसी दूसरे कारोबार के लिए इस्तेमाल करने का भी विचार नहीं कर रही है।
इधर इतने लंबे समय से इन पेट्रोल पंपों को लेकर कोई स्पष्ट सूचना नहीं मिलने के कारण ही कई डीलरों ने पेट्रोल पंपों को कंपनी को ही वापस बेच दिया है। डीलरों का कहना है कि कंपनी ने उन्हें उनके निवेश के बदले में काफी कम रकम ही चुकाई है, पर चूंकि वह इतना नुकसान और नहीं उठा सकते थे, इस वजह से उन्हें पेट्रोल पंपों को बेचना पडा है। उन्होंने कहा कि उनके पास इसके अलावा कोई और चारा नहीं था।