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हमको वेतन नहीं, काम मांगता

Last Updated- December 10, 2022 | 11:41 PM IST

अगर आप यह सोच रहे हैं कि भारतीय प्रबंधन संस्थानों (आईआईएम) से पढ़कर निकलने वाले छात्र करियर में जॉब सिक्योरिटी और वेतन को ज्यादा तवज्जो देंगे, तो आप गलत सोच रहे हैं।
आईआईएम जैसे प्रतिष्ठित प्रबंधन संस्थानों के छात्रों की प्राथमिकता सूची पर करियर में आगे बढ़ने की संभावना सबसे ऊपर है। एक अध्ययन के अनुसार प्रबंधन संस्थानों के लगभग 77 फीसदी छात्र करियर में आगे बढ़ने की संभावनाओं को मोटे वेतन पैकेज और जॉब सिक्योरिटी से ज्यादा तवज्जो दे रहे हैं।
यह अध्ययन 1-29 मार्च 2009 के बीच किया गया था और इसमें लगभग 1500 एमबीए डिग्री धारकों ने भाग लिया। इसमें भाग लेने वाले प्रतिभागियों की औसत उम्र 27 साल हैं। आईआईएमडॉट जॉब्स द्वारा कराए गए इस अध्ययन में पता चला है कि प्रतिष्ठित प्रबंधन संस्थानों के 59 फीसदी छात्रों ने आईआईएम जॉब्स डॉट कॉम पर कहा कि मोटे वेतन से ज्यादा जरूरी है कि करियर विकास की संभावनाएं हो।
इस अध्ययन में भाग लेने वाले 1500 प्रतिभागियों में से लगभग 35 फीसदी आईआईएम और इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस,  एफएमएस, एक्सएलआरआई, एमडीआई जैसे संस्थानों से हैं। आईआईएमजॉब्स डॉट कॉम के संस्थापक और 2003 में आईआईएम इंदौर से पास होने वाले तरुण मत्ता ने बताया, ‘हमें इस अध्ययन से जो भी आंकड़े मिले हैं उनके मुताबिक आर्थिक संकट के इस समय में भी प्रबंधन छात्र करियर में विकास की संभावनाओं को जॉब सिक्योरिटी से ज्यादा महत्व देते हैं। ‘
साल 2001 में आईआईएम अहमदाबाद से पास हुए एक छात्र ने बताया, ‘कंपनी के लिए होने वाले फैसलों में मेरी राय होना मेरे लिए सबसे जरूरी है।’ मुंबई के एक वित्त अधिकारी ने बताया, ‘मौजूदा आर्थिक संकट में करियर आगे बढ़ाने के लिए सही ढंग से काम आना बहुत जरूरी है। वेतन और कंपनी की क्षमता बाद में आती है।’
मत्ता ने बताया, ‘जब आईएसबी और आईआईएम में नियुक्तियां हो रही थी, तब भी छात्र पोर्टल पर अपना रिज्यूमे डाल रहे थे और अभी भी यह क्रम जारी है। इससे साफ है कि छात्र मिले हुए ऑफर से खुश नहीं हैं। अमेरिका और ब्रिटेन में एमबीए की पढ़ाई करने वाले छात्र भी भारत में नौकरी ढूंढ रहे हैं।’
सीखना है ज्यादा जरूरी
करियर में विकास है 77 फीसदी छात्रों की प्राथमिकता
वहीं नौकरी सुरक्षा पर मात्र 23 फीसदी छात्र देते हैं ध्यान
काम सीखने की संभावना को 59 फीसदी तवज्जो
वहीं वेतन लुभाता है मात्र 41 फीसदी प्रबंधन छात्रों को

First Published - April 8, 2009 | 12:03 AM IST

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