लुधियाना के खेल उद्योग को अभी तक घरेलू बाजार में चीन के बने सस्ते खेल के सामनों से ही मुकाबला करना पड़ रहा था लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार के एक फैसले ने उद्योग की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल में एक अधिसूचना जारी कर खेल का सामान बनाने वाले उद्योगों को मूल्य वर्धित कर से छूट देने की घोषणा की है। अब लुधियाना का खेल उद्योग पंजाब से भी ऐसी ही राहत देने की मांग कर रहा है।
खेल उद्योग संघ के संयोजक विजय धीर ने बताया कि ‘घरेलू बाजार में चीन के बने सामान की भरमार होने के बाद हम पहले ही कड़े मुकाबले का सामना कर रहे हैं। इन उत्पादों में शटल कॉक (चिड़िया), बैडमिंटन का रैकेट और अन्य खेल के सामान शामिल हैं। लेकिन उत्तर प्रदेश में खेल के समान पर वैट हटा लिए जाने के बाद हालात काफी मुश्किल हो गए हैं। मेरठ में बने उत्पाद सस्ते होंगे और हमारे लिए मुकाबले में टिक पाना मुश्किल हो जाएगा।’
उन्होंने पंजाब सरकार से राज्य में तत्काल खेल के सामनों पर से वैट को हटाने की मांग की ताकि राज्य में खेल उद्योग को बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि राज्य में खेल के सामान बनाने वाले उद्योगों को पलायन से रोकने के लिए ऐसा करना बेहद जरूरी है। उल्लेखनीय है कि ढांचागत सुविधाओं के अभाव में राज्य से उद्योगों के पलायन करने की खबर है।
धीर ने कहा कि घरेलू बाजार में खेल उद्योग का कुल कारोबार करीब 400 करोड़ रुपये का है और यदि वैट को नहीं हटाया गया तो इसमें तेजी से गिरावट देखने को मिलेगी और उन्हें मेरठ के हाथों अपना बाजार खोना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि करीब 10 साल पहले इस बाजार में मेरठ की हिस्सेदारी महज 10 प्रतिशत थी लेकिन राज्य सरकारों की गलत नीतियों के कारण अब यह आंकड़ा बढ़कर 50 प्रतिशत तक पहुंच चुका है।
खेल का सामान बनाने वाले विनिर्माताओं को चार प्रतिशत वैट अदा करने के अलावा प्रवेश शुल्क और सी- फार्म भरने जैसी दूसरी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है जबकि मेरठ के विनिर्माता इससे पूरी तरह से मुक्त हैं। संघ के प्रवक्ता रविन्द्र धीर ने बताया कि यदि यह हालात बने रहे तो खेल का सामान बनाने के लिए विख्यात जालंधर अपनी पहचान खो देगा। खेल विनिर्माताओं के पास घाटे में चल रहे अपने कारोबार को बंद करने या फिर दूसरी जगह पर ले जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं रह जाएगा।
जम्मू और कश्मीर जैसे अन्य राज्य अपने यहां खेल उद्योग को बढ़ावा देने के लिए खास तौर पर काम कर रहे हैं। दूसरी ओर पंजाब सरकार ने उद्योग को राहत देने के वादों के अलावा ज्यादा कुछ नहीं किया है। उन्होंने कहा कि यदि राज्य सरकार ने खेल के सामान पर वैट को नहीं हटाया तो उद्योग को आंदोलन शुरू करने पर मजबूर होना पड़ेगा। संघ इस सिलसिले में जल्द ही राज्य सरकार को एक ज्ञापन सौंपेगा। आगे की रणनीति तैयार करने के लिए संघ ने 12 अप्रैल को एक बैठक बुलाई है।