इस बार अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले मे उत्तर प्रदेश पैवेलियन के लोग जिस उत्साह से आए थे वह उत्साह काफूर हो चुका है।
पैच वर्क के काम की प्रदर्शनी लगाने वाले दानिश का कहना है कि पिछले साल के मुकाबले अभी धंधा तो बहुत मंदा ही है। दानिश का कहना है कि वीक एंड पर ऐसी उम्मीद थी कि लोग खरीदारी करने आएंगे लेकिन सामानों को देखने वालों की ही संख्या ज्यादा थी, खरीदार बहुत कम थे।
कुछ ऐसा ही मानना है लकड़ी के फर्नीचर, लकड़ी के हैंडीक्राफ्ट, आयरन क्राफ्ट और मार्बल आर्ट के निर्यात-आयात के काम से जुड़े उत्तर प्रदेश के यू एंड आई एक्जिम के प्रवक्ता का। इनका भी कहना है कि बहुत ऑर्डर मिलने की संभावना नहीं दिख रही है।
हालांकि उत्तर प्रदेश ने अपने बहुचर्चित एक्सप्रेस वे योजना से सबको रूबरू कराने की पुरजोर कोशिश की हैं। इस पवेलियन के एकाउंट एक्जीक्यूटिव राजेश बैजल का कहना है, ‘अब तक लगभग 1 करोड़ 32 लाख रुपये की टे्रड इंक्वायरी आई है। इस इंक्वायरी में से 80 फीसदी तो बिल्कुल पक्की है। इस मेले की समाप्ति तक लगभग 10 करोड़ ऑर्डर की उम्मीद है।
ज्यादातर इंक्वायरी हैंडीक्राफ्ट, लेदर और ग्लास के लिए ही है। विदेशी खरीदारों में मसलन, जर्मनी, तंजानिया, मध्यपूर्व के कुछ देशों के साथ ही कुछ तो भारतीय खरीदारों ने भी ट्रेड इंक्वायरी की है।’
व्यापार मेले में उत्तर प्रदेश ने भी बुनियादी विकास और महिला सशक्तिकरण के थीम को ही अपनाया है। पवेलियन में हैंडीक्राफ्ट, इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रानिक,लेदर, टेक्सटाइल के अलावा ग्लास, सिरामिक्स कारपेट और दरी का भी प्रदर्शन किया जा रहा है। श्री पूरना चिकन स्टॉल की राखी का कहना है कि उनके पास 250 से लेकर 3,000 तक के चिकन के काम किए हुए कपड़े हैं।
उत्तर प्रदेश पवेलियन में माया पेपर ज्वेलरी के लिए लोगों का खास आकर्षण है। यहां 40 रुपये से लेकर 2500 की इयरिंग और गले की माला 100रुपये से 45,000 रुपये तक की है। यहां जोधा-अकबर स्टाईल के गहने भी हैं जो महिलाओं को बेहद पसंद आ रही हैं।
इस पेपर ज्वेलरी की उषा का कहना है कि ये गहने पसीने और पानी से भी खराब नहीं होते और हल्के होने के साथ ही इको-फ्रेंडली भी हैं।