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कारोबारी क्षेत्रों में नहीं बनेगी तीसरी मंजिल

Last Updated- December 06, 2022 | 12:04 AM IST

उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि राष्ट्रीय राजधानी में तीसरी मंजिल के निर्माण की इजाजत केवल आवासीय इलाकों में दी जा सकती है, व्यावसायिक इलाकों में नहीं।


न्यायमूर्ति अजित पसायत तथा पी सदाशिवम की खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि तीसरी मंजिल के निर्माण की इजाजत वाली पहले की व्यवस्था केवल आवासीय इलाकों तक सीमित है।


उच्चतम न्यायालय ने यह तब स्पष्ट किया जब एमसीडी के वकील संजय सेन ने खंडपीठ के समक्ष आवेदन कर जानना चाहा कि क्या यह इजाजत व्यावसायिक इलाकों के लिए भी है।


एमसीडी के वकील ने दावा किया कि यह स्पष्ट करना जरूरी है क्योंकि खंडपीठ के पहले के निर्देश के अनुपालन को लेकर एमसीडी अधिकारी भ्रम में हैं। खंडपीठ ने एमसीडी के आवेदन का निपटारा करते हुए व्यंगात्मक लहजे में कहा, ‘स्पष्टीकरण की कोई जरूरत नहीं है। आपके अधिकारी मामला दर मामला तथा सूटकेस दर सूटकेस काम करते हैं।’


सीलिंग फिर शुरू


राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में फिर से सीलिंग की शुरुआत करने के उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद दिल्ली नगर निगम ने आज पहले दिल दक्षिण दिल्ली की गैर-अधिसूचित दुकानों को सील किया। इससे पहले एमसीडी ने कहा ने इन दुकानों को अपनी दुकानें बंद करने के लिए कल तक का समय दिया था।


एमसीडी के प्रवक्ता ने बताया कि दिल्ली मास्टल प्लॉन 2012 और 30 जनवरी को केन्द्र सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के तहत ग्रेटर कैलाश, जंगपुरा, लाजपत नगर और निजामुद्दीन के जिन सड़कों को अधिसूचना में शामिल नहीं किया गया था, वहां सीलिंग की कार्रवाई शुरू की गई है। उन्होंने बताया कि एमसीडी ने 40 सीलिंग दस्ते बनाए गए हैं जिनमें एमसीडी, बिजली और जल विभाग के अधिकारी शामिल हैं।


इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने 10 मार्च के अपने आदेश में मास्टर प्लॉन 2021 या केन्द्र सरकार की अधिसूचना के दायरे में शामिल नहीं होने वाली सभी दुकानों को तीन महीनों के भीतर बंद करने के लिए कहा था। दूसरी ओर एमसीडी कारोबारियों को राहत दिलाने के लिए केन्द्रीय शहरी विकास मंत्रालय के पास गुहार लगाने की योजना बना रहा है।


बिजली हुई गुल


दिल्ली में बिजली की किल्लत जारी है। उत्तरी ग्रिड पर भार बढ़ने के कारण शहर के बड़े हिस्सों में अक्सर बिजली गुल हो जाती है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया है कि पड़ोसी राज्यों द्वारा अपने हिस्से से अधिक बिजली उठा लेने का खामियाजा दिल्ली को उठाना पड़ रहा है। इन राज्यों में उत्तर प्रदेश और हरियाणा शामिल हैं।


उन्होंने बताया कि राजधारी में दिन में कम से कम 19 बार लोडसेडिंग का सामना करना पड़ता है। दिन के दौरान बिजली की अधिकतम मांग 2,887 मेगावाट थी जो इससे एक दिन की 3,094 मेगावाट के मुकाबले कम है।

First Published - April 28, 2008 | 10:23 PM IST

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