यहां कहीं स्वर्ग नहीं दिखाई देता

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 07, 2022 | 3:41 PM IST

सड़कों पर दूर तक सन्नाटा पसरा हुआ है। घरों मे राशन खत्म हुए अर्सा बीत गया है। खाना छोड़िए पीने के पानी पर भी आफत है और बेबस चेहरों पर भूख की जगह आतंक हावी है।


ये तस्वीर है धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की। नितांत धार्मिक मसले पर शुरू हुआ विवाद पहले तो क्षेत्रीय अस्मिता से जुड़ा और फिर इसने कारोबारी वैमनस्य का रूप लेना शुरू कर दिया है।

आर्थिक मनमुटाव की खाई को चौड़ी करते हुए कश्मीर ट्रेडर्स फेडरेशन ने आज कहा कि वह जम्मू क्षेत्र के साथ सभी तरह के कारोबारी संबंधों को खत्म कर लेगा और अमृतसर तथा दिल्ली जैसे शहरों से सीधे उत्पादों की खरीद शुरू करेगा। व्यापारी संघ के अध्यक्ष जन मुहम्मद ने बताया कि ‘हमने जम्मू के व्यापरियों ने कोई भी उत्पाद नहीं खरीदने का फैसला किया है।’

उन्होंने बताया कि ‘हमने जम्मू के व्यापारियों का बहिष्कार करने का फैसला किया है।’ उन्होंने कहा कि ट्रकों को कश्मीर नहीं आने दिया जा रहा है। इससे आवश्यक वस्तुओं की किल्लत पैदा हुई है। अब घाटी के लिए वैकल्पिक मार्ग के लिए संघर्ष करते रहेंगे। व्यापारी संघ ने बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने घाटी में ही अपने डिपो खोलने के लिए भी कहा है।

बंद और कर्फ्यू के कारण जम्मू में आवश्यक वस्तुओं की भारी किल्लत पैदा हो गई है, जबकि आन्दोलन कब तक जारी रहेगा इस बारे में निश्चित तौर से कहना मुश्किल है। इस बीच आज कर्फ्यू में 4 घंटे की ढील देने के बाद बड़ी संख्या में लोगों ने आवश्यक खरीदारी की। जेकेएनपी के अध्यक्ष रनदीप सिंह परिहार ने संवाददाताओं को बताया कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के ठप होने और रसोई गैस, पेट्रोल, डीजल और केरोसीन का वितरण नहीं होने से हालात बदतर हो गए हैं।

दिन भर बनी रही गहमा-गहमी

जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर हुए संघर्ष के दौरान सेना की गोली से कम से कम एक व्यक्ति की मौत हो गई जबकि कई लोग घायल हो गए
कश्मीर घाटी में आज तीसरे दिन भी बंद का व्यापक असर रहा जबकि जम्मू में कर्फ्यू में चार घंटे की ढील दी गई
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस मुद्दे पर एक सर्वदलीय बैठक बुलाई। यूपीए के नेताओं के साथ भी इस मसले पर चर्चा की गई
कश्मीरी पंडितों के एक समूह ने दिल्ली में विरोध प्रदर्शन किया और इस मामले में राज्यपाल एन एन वोहरा को हटाए जाने की मांग की।
अमरनाथ श्राइन बोर्ड के आठ सदस्यों ने आज इस्तीफा दे दिया ताकि अमरनाथ भूमि हस्तांतरण के मुद्दे पर जारी हिंसा को देखते हुए बोर्ड का पुनर्गठन किया जा सके।
उत्तर प्रदेश में भाजपा नेताओं ने कहा है कि वे अमरनाथ भूमि विवाद पर 12 अगस्त को राज भवन के सामने धरना देंगे।

First Published : August 6, 2008 | 10:07 PM IST