जो सरकार न कर सकी दीपावली ने कर दिखाया। मंदी से उद्योग, प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री भले ही हलकान हों, पर दीपावली के त्योहार पर बाजारों में हुई खरीद ने यह साबित कर दिया कि आम लोग अभी इसकी मार से अछूते हैं।
लखनऊ के बाजारों में शनिवार से शुरू हुई रौनक आज तक जारी है और लगता है कि बुधवार तक खरीद के आंकड़े रिकार्ड तोड़ देंगे। सबसे ज्यादा रौनक तो सोने-चांदी के कारोबारियों के यहां दिख रही है जो कि कम खरीद की आशंका से परेशान थे।
एक तो सोने के भाव नीचे आने से और दूसरे शगुन के चलते लखनऊ और कानपुर के सर्राफा बाजार में जम कर खरीदारी हुई है। सोने की खरीद ने तो रिकार्ड तोड़ दिया है। पिछले साल के 40 किलो के मुकाबले इस साल अकेले लखनऊ में सोने की बिक्री ने 100 किलो का आंकड़ा पार कर लिया है।
सोने के सिक्के बेचने वाले बैंकों में खरीदारों की लाइन दिखी। लखनऊ के सबसे बड़े स्टेट बैंक में तो सिक्कों का स्टॉक तक खत्म हो गया और करीब दो दर्जन लोगों को मायूस होकर लौटना पड़ा। सिक्कों की बिक्री के लिए बाकी बैंकों में अच्छी लाइन दिखायी दी।
लखनऊ के मशहूर जुगल किशोर ज्वैलर्स के यहां रात तक सोने के सिक्कों का स्टॉक खत्म हो गया था। कुछ ऐसा ही हाल बाकी सर्राफा के कारोबारियों के यहां रहा है। चांदी की भी अच्छी-खासी बिक्री लखनऊ और कानपुर में की गई है। पिछले साल जहां दीपावली के मौके पर 500 किलो चांदी की बिक्री हुई थी वहीं इस साल बिक्री ने 700 किलो का रिकार्ड कायम कर दिया है।
कानपुर में तो 10 क्विंटल से ज्यादा चांदी की बिक्री दर्ज की गयी है। लखनऊ सर्राफा बाजार के अध्यक्ष कैलाश जैन के अनुसार सोने के गिरे दाम ने इस बार बाजार की लाज रखी है। थोक बाजार से भी इस बार अच्छी बिक्री हो गई है। राजधानी लखनऊ में इतवार को हर तरफ त्योहार का ही रंग दिखायी दिया।
बड़े बाजारों को छोड़ें, कालोनियों के बाजार भी गुलजार दिखायी दिए। कानपुर के कपड़ा बाजार में तो रात भर बिक्री होती रही। यहां अनुमान से 1200 करोड़ रुपये का कारोबार दर्ज किया गया है। यह हालत तब रही जब कि सरकारी कर्मचारियों को धनतेरस पर वेतन नही बंट पाया था। राज्य सरकार ने वेतन आज बांटा है।
व्यापारियों का कहना है कि अगर वेतन बंट गया होता तो बाजार की रौनक देखने लायक होती। स्टील की कीमत बढ़ने का अससर बर्तन बाजार पर जरूर दिखायी दिया जहां ज्यादातर लोगों ने शगुन की ही खरीदारी की। लखनऊ में अनुमान के मुताबिक 4 करोड़ और कानपुर में 6.5 करोड़ के बर्तन बिके हैं। इसके अलावा एक बड़ी तादाद इलेक्ट्रॉनिक्स और मोबाइल फोन की खरीद करने वालों की रही और मंदी के बावजूद भारी मात्रा में इन उत्पादों की खरीद की गई है।
मोबाइल फोन के ठंडे पड़े बाजार में धनतेरस की रात 2 करोड़ रुपये के करीब खरीद दर्ज की गई है। सबसे ज्यादा मांग में ब्लैक बेरी फोन और चाइनीज फोन रहे हैं। हालांकि मोबाइल के शोरुम मालिकों का कहना है कि इस बार पिछले बार के मुकाबले कारोबार कम रहा है पर फिर भी हालात संतोषजनक है।
व्यापार मंडल के प्रवक्ता चंद्र कुमार छावड़ा का कहना है कि मंदी के बावजूद कारोबारी इस बार की दीपावली से निराश नही हैं। हालांकि उन्होंनेकहा कि अगर वैट बढ़ाया नहीं गया होता तो बाजार का नजारा कुछ और होता। पटाखा बाजार जरुर इस बार कमजोर रहा है। सरकार की पाबंदी और बाजार में मंदी के चलते वैसे ही पटाखों के दाम चढ़े हैं और जागरूकता के चलते पटाखों की मांग भी घटी है।