देश और विदेश में फैली मंदी की आंच अब उत्तर प्रदेश में ट्रैवल एजेंटों तक पहुंच चुकी है।
कार्पोरेट खर्च में कटौती की कवायद के तहत जब तक बहुत जरूरी नहीं हो, हवाई यात्राओं से परहेज कर रहे हैं। इस कारण औसत बुकिंग में तेजी से गिरावट आई है। कई कंपनियों ने तो दिल्ली से लखनऊ रूट पर हवाई जहाज को छोड़कर रेलगाड़ियों को अपना लिया है।
लखनऊ में ट्रैवल कार्पोरेशन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (टीसीआई) के सहायक प्रबंधक आनंद बोरा ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि ‘यात्रा कारोबार और खासतौर से हवाई यात्राओं में निश्चित तौर पर कमी आई है। महत्त्वपूर्ण बात यह है कि कंपनियों के अधिकारियों की यात्राओं में कमी आई है।’
उनके मुताबिक उनके टिकट कारोबार में 25 प्रतिशत तक की कमी आई है। इससे पहले टीसीआई का मासिक कारोबार लगभग एक करोड़ रुपये था। लखनऊ में 2 दर्जन से अधिक छोटे बड़े ट्रैवल एजेंट हैं।
इनमें टीसीआई, माईफेयर एयरटै्रवल सर्विसेज, अवध ट्रैवल और टूर, मल्टीवेज ट्रैवल, ग्लोब टूर एंड ट्रैवल और अर्जुन ट्रैवल सर्विसेज प्रमुख हैं। इनके अलावा एक दर्जन से अधिक छोटे ट्रैवल एजेंट शहर से परिचालन कर रहे हैं।
विमानन क्षेत्र के संकटग्रस्त होने और यात्राओं के महंगा होने का असर उत्तर प्रदेश में ट्रैवल एजेंट पर भी पड़ा है। ट्रैवल एजेंट ग्राहकों से हवाई यात्राओं का भुगतान हासिल करने के लिए मशक्कत कर रहे हैं। आकांक्षा ट्रैवल एंड टूर के प्रबंधक विकास जैन ने बताया कि मौजूदा मंदी के दौर में हमारी पहली कोशिश ग्राहकों से समय पर भुगतान हासिल करने की होती है।
इसके जरिए हमें कारोबार को जारी रखने में मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि ज्यादातर ट्रैवल एजेंट बाजार से पैसा निकाले की जुगत में जुटे हैं।