बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में बाढ़ से मच रही तबाही ने सिर्फ जानमाल को ही नुकसान नहीं पहुंचाया है बल्कि बाढ़ प्रभावित शहरों के कारोबार को भी बुरी तरह प्रभावित कर दिया है।
बाढ़ के पानी से राजमार्ग डूब जाने के कारण कानपुर से इन शहरों को कपड़ा, दाल, चावल और तेल जैसी रोजमर्रा इस्तेमाल होने वाली चीजों की आपूर्ति पूरी तरह से रुकी हुई है। औद्योगिक विकास के लिए जरुरी कोयले की आपूर्ति भी ठप पड़ी है।
उत्तर प्रदेश मोटर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (यूपीएमटीए) के सदस्य श्याम कुमार गुप्ता ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि पिछले सप्ताह से ही अब तक 20 लाख रुपये का नुकसान हो चुका है। गुप्ता ने बताया कि कानपुर से बिहार के शहरों के लिए खाद्य पदार्थों, कपड़ा और इंजीनियरिंग उत्पादों की भारी मात्रा में आपूर्ति की जाती है और इन इलाकों से कोयला मंगाया जाता है।
कानपुर से रोजाना बिहार के शहरों को 1000 हजार टन से ज्यादा दाल की आपूर्ति होती है। गुप्ता ने बताया कि पिछले आठ दिनों से कानपुर का इन शहरों से कारोबार पूरी तरह से रुका हुआ है। हमारे 200 से ज्यादा ट्रक और वाहन बाढ़ प्रभावित इलाकों में फंसे हुए है।
वाहनों के बाढ़ में फंसने के कारण आवश्यक सामान की आपूर्ति होने में रोजाना 200 ट्रकों की कमी आ गई है। इन वाहनों में कारोबारियों का करोडों रुपयों का माल फंसा हुआ है। आने वाले दशहरा और दिवाली के त्योहारी मौसम में कारोबार की बढ़ोतरी की हमने जो उम्मीद लगा रखी थी। वह उम्मीद इस बिना बुलाई आपदा के बाद धूमिल होती नजर आ रही है।
लेकिन आवाजाही रुक जाने से आपूर्ति में 50 फीसदी तक की कमी आ गई है। सबसे बुरे हालात कपड़ा कारोबारियों के है। कानपुर क्लॉथ कमेटी (केसीसी) के सदस्य काशी प्रसाद शर्मा ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि बाढ़ प्रभावित शहरों के एक भी कपड़ा कारोबारी ने पिछले दस दिनों में उनसे संपर्क नहीं किया है। शर्मा ने बताया कि आने वाले त्यौहारी मौसम को देखते हुए हमने उत्पादों की खरीद को बढ़ा दिया था।
लेकिन अब लगता है कि बाढ़ आने के कारण हमें भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। बिहार और उसके पड़ोसी राज्यों से मेवों की आपूर्ति रुक जाने के कारण कानपुर में इनकी कीमत भी चढ़ने लगी है। मखाने की कीमत में ही 25 फीसदी की बढ़ोतरी हो चुकी है। आपूर्ति रुक जाने की वजह से कोयले की कीमतों में भी बढ़ोतरी होने लगी है। इसकी वजह से कानपुर की औद्योगिक इकाइयों में निर्माण भी प्रभावित हो रहा है।
वेदांता ग्रुप देगा राहत पैकेज
वेदांता ग्रुप के अनिल अग्रवाल फाउंडेशन तथा स्टरलाइट इंडस्ट्रीज ने बिहार के बाढ़ प्रभावितों के लिए दो करोड़ रुपये से अधिक के पैकेज की घोषणा की है। इसका परिचालन बिहार में भारतीय रेडक्रास सोसायटी के सहयोग से किया जाएगा।
कंपनी ने कहा है कि वेदांता ग्रुप का अनिल अग्रवाल फाउंडेशन तथा स्टरलाइट इंडस्ट्रीज इंडिया बिहार में 10,000 परिवारों को सहायता उपलब्ध कराने पर लगभग दो करोड़ रुपये खर्च करेगी। इसके अलावा कंपनी 100 टन तिरपाल भी उपलब्ध कराएगी।