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रियल एस्टेट की उड़ान राज्य सरकारों के भरोसे

Last Updated- December 07, 2022 | 12:44 PM IST

रियल एस्टेट में चल रही मंदी से निबटने और उपभोक्ताओं पर अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए इस क्षेत्र की बड़ी कंपनियां राज्य सरकारों से हाथ मिलाने में परहेज नहीं कर रही हैं।


वे राज्य सरकारों  से जमीन के अधिग्रहण और करों में रियायतों के लिए उनकी साझेदार बन रही हैं। दूसरी ओर राज्य सरकारों को भी बुनियादी विकास के लिए उनकी जरूरत है। हाल ही में पार्श्वनाथ डेवलपर्स ने अपनी नैनो सिटी परियोजना के लिए पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप यानी पीपीपी के तहत हरियाणा का दामन पकड़ा है।

इसी तरह अंसल एपीआई उत्तरप्रदेश सरकार की हाईटेक सिटी परियोजना के तहत मेगापोलिस परियोजना को ला रही है। पार्श्वनाथ की प्रवक्ता ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि हमारी नैनो सिटी परियोजना हरियाणा सरकार के साथ पीपीपी के दायरे में है। पीपीपी के तहत परियोजनाएं लेने से यह फायदा रहता है कि सरकार इनमें स्वयं शामिल रहती है। ऐसा होने से जहां एक ओर कंपनी को करों में रियायत मिल जाती है, वहीं दूसरी ओर जमीन के अधिग्रहण में भी आसानी होती है।

हरियाणा सरकार के साथ पीपीपी के तहत चलने वाली कंपनी की यह दूसरी परियोजना है। इसके पहले चंडीगढ़ में पार्श्वनाथ प्राइड एशिया नाम से भी एक परियोजना चल रही है। अंसल एपीआई के प्रवक्ता ने बताया कि कंपनी उत्तर प्रदेश सरकार की हाईटेक नीति के तहत ग्रेटर नोएडा में मेगापोलिस परियोजना ला रही है। अंसल ने इस परियोजना के लिए पीपीपी मॉडल नहीं अपनाया है। प्रवक्ता ने कहा कि हमें सरकार से कोई कर रियायत भी नहीं मिली है। लेकिन परियोजना के लिए आवश्यक अनुमतियों को सरकार से बड़ी आसानी से प्राप्त किया है।

First Published - July 22, 2008 | 9:22 PM IST

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