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बाढ़ संकट का स्थायी समाधान तलाशेगी समिति

Last Updated- December 12, 2022 | 2:11 AM IST

पिछले महीने हुई भारी बारिश से राज्य के कई हिस्सों को बाढ़ का कहर झेलना पड़ा है। राज्य के कुछ जिलों में हर साल बाढ़ आती है जिससे भारी नुकसान होता है। राज्य सरकार बाढ़ का स्थायी समाधान निकालने पर जोर दे रही है। इसके लिए बाढ़ प्रबंधन विशेषज्ञों की सम‌िति बनाने का निर्णय लिया गया है। बाढ़ प्रबंधन पर चर्चा के लिए विपक्ष ने सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग है।
पिछले महीने हुई भारी बारिश के कारण महाराष्ट्र के कुछ हिस्से बाढ़ की परेशानी झेल रहे हैं। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौर करके नुकसान का जायजा ले रहे हैं। राज्य में बाढ़ के हालात देखते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि राज्य में बाढ़ संकट का ‘स्थायी समाधान’ निकालने और इस संबंध में कुछ कड़े कदम उठाने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें दो मोर्चों पर काम करना है। पहला, बाढ़ पीड़ितों को तत्काल राहत पहुंचाना है और इस पर काम चल रहा है। प्रशासन ने पहले ही हरकत में आते हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। दूसरा, तत्काल राहत प्रदान करने के अलावा हमें क्षेत्र में लगातार बाढ़ के संकट के स्थायी समाधान पर काम करना होगा और इसके लिए हमें कुछ कड़े कदम उठाने होंगे। अगर कुछ निर्माण, पानी के प्राकृतिक प्रवाह में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं तो उन्हें हटाने की जरूरत है।
मुख्यमंत्री ने लगातार बाढ़ से प्रभावित लोगों के स्थायी पुनर्वास की आवश्यकता को भी रेखांकित किया और कहा कि इसके लिए लोगों के सहयोग की आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा कि ‘पश्चिमी महाराष्ट्र में बाढ़ की स्थिति के मुद्दे के समाधान के लिए प्रभावी बाढ़ प्रबंधन की जरूरत है। मुझे बाढ़ के पानी को सूखा प्रभावित क्षेत्रों की ओर मोड़ने के बारे में कुछ सुझाव मिले हैं। हम इसके बारे में भी सोच रहे हैं। ठाकरे ने कहा कि बाढ़ प्रबंधन के लिए विशेषज्ञों की एक समिति बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि भूस्खलन की घटनाओं का अध्ययन करने और ऐसे भूस्खलन संभावित क्षेत्रों की तलहटी में स्थित मानव बस्तियों को स्थानांतरित करने की आवश्यकता है। विकास कार्यों को जारी रखने की जरूरत है, लेकिन ऐसे कार्यों के पक्ष और विपक्ष का विश्लेषण करना भी जरूरी है।
महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेन्द्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से राज्य में बाढ़ से निपटने के दीर्घकालिक कदमों पर विचार विमर्श के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाने की अपील की है। मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर कहा कि बाढ़ से जुड़ी पूर्व की सभी रिपोर्टों का अध्ययन किया जाना चाहिए और उनकी अनुशंसाओं पर अमल किया जाना चाहिए। कोंकण जिले में लगातार बाढ़ आने को ध्यान में रखते हुए एक अलग आपदा प्रबंधन प्राधिकारण बनाने की जरुरत है। पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में 26 मांग की हैं, जिनमें बाढ़ में मारे गए लोगों के परिवारों और बाढ़ प्रभावितों को तत्काल आर्थिक सहायता देने की मांग शामिल है। उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित इलाकों की साफ सफाई को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। साथ ही प्रशासन प्रभावितों को कपड़े, खाना, दवाई और अस्थाई आश्रय देने के कदम उठाए। गौरतलब है कि फडणवीस ने पिछले दिनों कोंकण और पश्चिमी महाराष्ट्र के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया था।
रायगड जिले के महाड और पोलादपुर तहसील में 22 और 23 जुलाई को बाढ़ और वर्षा जनित घटनाओं के कारण हुए नुकसान पर राजस्व विभाग द्वारा किया गए सर्वेक्षण के मुताबिक बाढ़ से कुल 18,751 परिवार प्रभावित हुए हैं। सर्वेक्षण के मुताबिक महाड के 18 हजार परिवार और पोलादपुर के 751 परिवार प्रभावित हुए। बाढ़ के कारण 562 किसानों को नुकसान पहुंचा है। अब तक 3,082 परिवारों को राज्य सरकार की ओर से चावल, गेंहू और मिट्टी का तेल समेत अन्य राहत सामग्री मुहैया कराई गई है। महाराष्ट्र राज्य विद्युत बोर्ड की ओर से जारी एक विज्ञप्ति के मुताबिक रायगड जिले में हुई भारी बारिश के कारण 345 गांवों में 1,078 ट्रांसफॉर्मर क्षतिग्रस्त हो गए हैं।

First Published - August 3, 2021 | 12:19 AM IST

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