facebookmetapixel
Year Ender: 2025 में RBI ने अर्थव्यवस्था को दिया बूस्ट — चार बार रेट कट, बैंकों को राहत, ग्रोथ को सपोर्टPAN-Aadhaar लिंक करने की कल है आखिरी तारीख, चूकने पर भरना होगा जुर्माना2026 में मिड-सेगमेंट बनेगा हाउसिंग मार्केट की रीढ़, प्रीमियम सेगमेंट में स्थिरता के संकेतYear Ender 2025: IPO बाजार में सुपरहिट रहे ये 5 इश्यू, निवेशकों को मिला 75% तक लिस्टिंग गेनIDFC FIRST ने HNIs के लिए लॉन्च किया इनवाइट-ओनली प्रीमियम कार्ड ‘Gaj’; जानें क्या है खासियत90% प्रीमियम पर लिस्ट हुए इस SME IPO के शेयर, निवेशकों को नए साल से पहले मिला तगड़ा गिफ्ट2026 में सोना-चांदी का हाल: रैली जारी या कीमतों में हल्की रुकावट?Gujarat Kidney IPO की शेयर बाजार में पॉजिटिव एंट्री, 6% प्रीमियम पर लिस्ट हुए शेयरGold silver price today: सोने-चांदी के दाम उछले, MCX पर सोना ₹1.36 लाख के करीबDelhi Weather Today: दिल्ली में कोहरे के चलते रेड अलर्ट, हवाई यात्रा और सड़क मार्ग प्रभावित

बस्तर में फैलेगी सूरज की चमक

Last Updated- December 07, 2022 | 7:00 AM IST

छत्तीसगढ़ सरकार बस्तर के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बिजली संकट के स्थायी समाधान के लिए सौर ऊर्जा की मदद लेने की तैयार कर रही है।


इन क्षेत्रों में बिजली न होने के कारण नक्सलियों ने निपटने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। बस्तर इलाके में चार जिले आते हैं। नक्सलियों द्वारा गुरुवार को दंतेवाड़ा जिले में बिजली ट्रांसमिशन टॉवर को उड़ा देने के बाद से पूरे इलाके में बिजली गुल हो गई है।

इसके बाद पूरे क्षेत्र में औद्योगिक इकाइयां ठप पड़ गई हैं और शहरों में पानी की आपूर्ति करने के लिए टैंकर्स का सहारा लेना पड़ रहा है। बिजली न होने से पंप हाउस काम नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे समय में जब मानसून अपने उभान पर है बस्तर क्षेत्र को पानी की किल्लत से जूझना पड़ रहा है। राज्य सरकार ने हालांकि अस्पताल जैसे संवेदनशील स्थानों पर जेनरेटर सेट के जरिए बिजली बहाल करने के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं।

टॉवर को सही करने के लिए प्रशासन ने करीब 170 मजदूरों को काम पर लगाया था। राज्य के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ‘इस समस्या के स्थाई समाधान के लिए राज्य सरकार ने बस्तर के जिला मुख्यालयों में सौर ऊर्जा प्रणाली को लगाने का फैसला किया है ताकि संकट के समय बिजली की मांग को पूरा किया जा सके।’ सरकार ने इस योजना के क्रियान्वयन के लिए 60 करोड़ रुपये की एक योजना तैयार की है।

अधिकारी ने कहा कि परियोजना का काम जल्द ही शुरू होगा क्योंकि यह लगातार दूसरा साल है जबकि विद्रोहियों ने कई दिनों तक क्षेत्र में बिजली की आपूर्ति रोक दी है। इससे पहले जून 2007 में बस्तर को लगातार 11 दिन तक बिना बिजली के रहना पड़ा था। इस घटना के बार राज्य सरकार ने 132 केवी की ट्रांसमिशन लाईन बिछाने की योजना बनाई ताकि मुख्य लाईन में खराबी आने पर नई लाईन का इस्तेमाल किया जा सके। हालांकि इस पर अभी तक काम शुरू नहीं हो सका है।

किसानों को मिलेंगे मुफ्त बीज

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के किसानों को मौजूदा खरीफ सत्र के दौरान मुफ्त बीज दिए जाएंगे। राज्य के कृषि विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ‘ऐसे किसान जो अपने गांव छोड़ चुके हैं और जिन्होंने बस्तर के दांतोवाड़ा तथा बीजापुर जिले के सल्वा जुडूम राहत शिविरों में शरण ली है, उन्हें खरीफ सत्र 2008 के दौरान मुफ्त बीज दिए जाएंगे।’

मुफ्त बीजों के अलावा कृषि विभाग बिना कोई पैसा लिए खेतों की सिंचाई की व्यवस्था भी करेगा। जिन किसानों के खेत राहत शिविर के करीब हैं उन्होंने तो मुफ्त बीज और सिंचाई सुविधा लेने की इच्छा जताई है, लेकिन जिनके खेत शिविर से दूर हैं उन्होंने नक्सलियों के डर से खेती से दूरी बनाना ही बेहतर समझा है।

इस योजना के तहत कृषि विभाग दंतेवाड़ा कैंप में करीब 880 क्विंटल धान और 55 क्विंटल मक्का के बीजों को बांटेगा। बीजापुर कैंप में अनुमान है कि करीब 2084 क्विंटल धान और 95 क्विंटल मक्का के बीजों की जरुरत होगी। राज्य सरकार ने बीजापुर और दांतेवाड़ा में करीब 23 राहत शिविर खोले हैं और इनमें 50,000 से अधिक लोगों से शरण ली हुई है। अधिकारियों ने बताया कि दांतेवाड़ा में 3180 किसानों को और बीजापुर में 2084 किसानों को मुफ्त में बीज दिए जाएंगे।

First Published - June 22, 2008 | 11:30 PM IST

संबंधित पोस्ट