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उत्तर प्रदेश के सिर से उतरा शेयर बाजार का बुखार

Last Updated- December 07, 2022 | 11:41 PM IST

दुनिया भर के बाजारों में छाई मंदी की गिरफ्त में भारतीय शेयर बाजार पूरी तरह से आ चुका है।


दलाल स्ट्रीट के चारो खाने चित्त होने के साथ ही उत्तर प्रदेश में शेयर बाजार में निवेश करने वालों की संख्या घटकर आधी रह गई है। उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को बीएसई सेंसेक्स में 800 अंकों की भारी गिरावट दर्ज की गई।

रोज-रोज बाजार के हाथों पूंजी गंवाने की वजह से सूबे के खुदरा निवेशक और धनी व्यक्ति शेयर बाजार से अपनी पूंजी निकालने को मजबूर है। जिसके परिणामस्वरूप कारोबार के कुल वॉल्यूम में और भी तेजी से कमी आ रही है। पूरे राज्यभर में करीब 5 लाख डीमेट धारक हैं।

लखनऊ में शेयरखान के संयुक्त उपाध्यक्ष मृदुल वर्मा ने बताया, ‘पिछले 5-6 महीनों में डीमेट खाता खुलवाने वालों में लगभग 50 फीसदी की कमी देखने की मिल रही है।’ फिलहाल राज्य में इस कंपनी के करीब 40,000 डीमेट खाता धारक मौजूद हैं।

वर्मा ने बताया, ‘शुरुआत में हम लोग हर महीने करीब 500 डीमेट खाते खोलते थे लेकिन बाजार में छाई मंदी के कारण अब हर महीने बमुश्किल 250 खाते ही खुल पाते हैं।’ उन्होंने बताया कि पूरे देश में बाजार का कारोबार प्रतिदिन लगभग 1,00,000 करोड़ रुपये का लेकिन अब यह घटकर 50,000 करोड़ रुपये तक आ गया है। 

एंजिल ब्रोकिंग के बिक्री और विपणन कार्यकारी निदेशक निखिल दक्षिणि ने बताया, ‘शेयर बाजार में हाल ही में आई मंदी की वजह से खुदरा निवेशकों की भागीदारी में कमी आई है। अगर पिछले साल के आंकड़ों को देखें तो उद्योग में डीमेट खाते में 30 फीसदी प्रतिवर्ष के हिसाब से तेजी देखने को मिली थी लेकिन इस साल इसमें कमी आई है और अब यह 15-18 फीसदी के स्तर पर है।’

सिस्टमेटिक शेयर्स और स्टॉक्स (आई) लिमिटेड के क्षेत्रीय निदेशक संजीव गुप्ता ने बताया, ‘कारोबार में जबरदस्त गिरावट आई है। जिससे निवेशक हैरान हैं।’ लखनऊ में करीब 20 बड़ी ब्रोकिंग कंपनियां मौजूद है, जिनमें शेयरखान, मोतीलाल ओसवाल, कर्वी, आनंदराठी, एंजिल ब्रोकिंग शीर्ष पर हैं।

First Published - October 10, 2008 | 9:48 PM IST

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