हरियाणा में बिजली योजना की संचालन समिति (एससीपीपी) ने राज्य में गर्मी के मौसम और आगमी धान रोपाई सत्र के मद्देनजर राज्य में बिजली संकट जैसे हालात को रोकने के लिए विशेष इंतजाम किए हैं।
पर्याप्त बिजली सुनिश्चित करने के लिए समिति सभी संभव स्रोत से बिजली खरीदने पर विचार कर रही है। समिति ने हाल में हुई बैठक के दौरान राज्य में बिजली की मांग, उपलब्धता और कमी के बारे में चर्चा की। एससीपीपी का गठन बिजली कानून के प्रावधानों के तहत किया गया है।
हरियाणा सरकार ने राज्य में व्यवस्था को अधिक बेहतर बनाने के इरादे से छोटी और लंबी अवधि के लिए बिजली खरीद अधिकारों को हरियाणा बिजली उत्पादन निगम से लेकर राज्य की बिजली वितरण कंपनियों को दे दिया है। इन कंपनियों में उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम और दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम शामिल हैं। यह व्यवस्था वित्त वर्ष 2008-09 से लागू हो चुकी है।
बिजली खरीद-फरोख्त का कारोबार अब वितरण कंपनियों के जिम्मे होगा। इसके लिए एकल खरीददार मॉडल को अपनाया गया है। बिजली खरीदने का काम हरियाणा बिजली खरीद केन्द्र के जरिए किया जाएगा और यह काम एससीपीपी के निगरानी में किया जाएगा।
हरियाणा बिजली इकाई के अध्यक्ष, एचवीपीएनएल, एचपीजीसीएल, यूएचबीवीएनएल और डीएचबीवीएनएल के प्रबंध निदेशकों को एससीपीपी में सदस्य के तौर पर शामिल किया गया है। एचपीपीसी का मुख्यालय पंचकुला में होगा और इसका मुख्य उद्देश्य वाजिब कीमत पर राज्य के लिए लंबी अवधि और छोटी अवधि की बिजली की जरुरतों के लिए खरीद को अंजाम देना होगा।
एचपीसीसी एक संयुक्त फोरम होगा जिसका निर्माण और संचालन वितरण कंपनियों द्वारा किया जाएगा। खरीद-फरोख्त का कारोबार वितरण कंपनियों को सौंपने से बिजली खरीद का काम अधिक प्रभावी ढंग से हो सकेगा क्योंकि बिजली कपंनियां मांग के मुताबिक बिजली सीधे हासिल कर सकेंगी। उन्होंने कहा कि समिति छोटी अवधि और लंबी अवधि के लिए सस्ते दामों पर बिजली खरीदने की संभावनाएं तलाशेगी।