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कोलकाता के प्रॉपर्टी बाजार में भी मंदी

Last Updated- December 08, 2022 | 5:41 AM IST

मंदी एक्सप्रेस कोलकाता के रियल एस्टेट बाजार तक पहुंच गई है। मांग में आती कमी के कारण पिछले दो महीनों के दौरान बाजार में 30 फीसदी की कमी आई है।


रिहायशी इलाकों में भी प्रॉपर्टी की कीमत में 15 से 20 फीसदी की कमी आई है। कंपनियों द्वारा खर्चों में कटौती शुरु करने के बाद ऑफिस स्पेस की मांग और किराये में भी कमी आई है। रिटेल के हालात भी कुछ खास नहीं है।

प्रॉपर्टी विश्लेषकों के हिसाब से इस समय कोई रिटेलर नए शोरुमों को खोलनें में दिलचस्पी नहीं ले रहा है। ईस्टर्न मेट्रोपोलिटन बाईपास पर 70,000 वर्ग फीट पर फैले हुए मॉल के सूत्रों के अनुसार मॉल मालिकों को गैर आवंटित जमीन के 10 फीसदी को भी बेचने में दिक्कत महसूस हो रही है।

पिछले दो महीनों में ही राजरहाट में वाणिज्यिक प्रॉपर्टी कीमतें 55-65 रुपये प्रति वर्ग फीट से गिरकर 45 रुपये प्रतिवर्ग फीट हो गई है। सीबीडी में यह 80-120 रुपये प्रति वर्ग फीट से गिरकर 60-90 रुपये प्रति वर्ग फीट हो गई है। मॉल में  कीमतें 200-250 रुपये से गिरकर 100-150 रुपये प्रतिवर्ग फीट हो गई है।

पायनियर प्रॉपर्टी के जितेन्द्र खेतान का कहना है कि कोलकाता में रिहायशी योजनाओं में प्रॉपर्टी की कीमतों में 15 से 20 फीसदी की कमी आई है, जो दिल्ली और मुंबई में प्रॉपर्टी की कीमतों में आई कमी से कम है।

खेतान का कहना है कि आने वाले महीनों में प्रॉपर्टी की कीमतों में 5 से 10 फीसदी की कमी आने की संभावना है। जबकि कुछ प्रॉपर्टी विशेषज्ञों का मानना है कि पिछले कुछ महीनों में ही प्रॉपर्टी की कीमतों में 40 फीसदी की कमी आई है।

डेवलपर्स का मानना है कि ऐसी परिस्थिति में कीमतों का स्थित रहना अपने आप में कठिन बात है। लेकिन कुछ डेवलपर्स आने वाले समय में प्रॉपर्टी की कीमतों में कमी नहीं आने की बात कह रहें है।

बंगाल अंबुजा ने प्रंबध निदेशक हर्षवर्द्वन नेवतिया का कहना है कि ‘मैं आने वाले महीनों में प्रॉपर्टी की कीमतों में किसी तरह की गिरावट को नहीं देखता हॅू। लेकिन पिछले कुछ सालों में इन क्षेत्रों में प्रॉपर्टी की मांग में भी किसी तरह की गिरावट नहीं आई है।’

क्रेडाई (कन्फडेरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएसन ऑफ इंडिया, बंगाल) के अध्यक्ष प्रदीप सुरेखा का कहना है कि आने वाली रियल्टी परियोजनाओं में बढ़ी हुई लागत के कारण कीमतों को घटाना आसान नहीं होगा।

अंबुजा समूह के नेवातिया के अनुसार निर्माण लागत में कमी आने के कारण कीमतों में 2 से 2.5 फीसदी का ही अंतर आया है। कुछ दिनों पहले ही क्रेडाई ने अपने सदस्यों से कीमतों को घटाने की बात कही है।

क्रेडाई की जल्द ही जारी की गई एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार ‘क्रेडाई ने पूरे देश में अपने सदस्यों को कीमतों को कम करने की सलाह दी है। रियल एस्टेट इंडस्ट्री के प्रभावित होने के कारण बड़ी संख्या में रोजगार और निर्माण क्षेत्र से जुडे उद्योग प्रभावित हुए है। क्रेडाई के कुछ सदस्यों ने तो अपनी कीमतों को पहले ही कम कर दिया है।’

कारोबारी फिलहाल बजट हाउसिंग परियोजनाओं पर ध्यान केन्द्रित कर रहे हैं। इसके अलावा खरीदारों को रिझाने के लिए आगामी परियोजनाओं की कीमतों में कटौती की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। विशेलषकों का मानना है कि कीमतें 30 प्रतिशत तक घट  सकतीं हैं।

पिछले दो महीनों के दौरान प्रॉपर्टी की मांग में 30 फीसदी तक की गिरावट

मुख्य स्थानों पर रिटेल स्पेस की मांग और किराए दोनों ही घटे

प्रॉपर्टी की कीमतों में 15 प्रतिशत तक की कमी। और कमी का अनुमान

First Published - November 26, 2008 | 9:13 PM IST

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