कारोबारी संगठनों, यात्री संगठनों और विपक्षी दलों की मांग के बावजूद लोकल ट्रेन में आम लोगों को यात्रा की अनुमति न मिलने से नाराज लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। भाजपा ने मुंबई के अधिकांश रेलवे स्टेशनों के बाहर विरोध प्रदर्शन करके कोविड-19 की दोनों खुराकें ले चुके लोगों को उपनगरीय ट्रेनों में यात्रा की अनुमति देने की मांग की। राज्य सरकार इस मांग पर विचार करने को कहा है।
मुंबई की जीवन रेखा कही जाने वाली लोकल ट्रेन में आम लोगों को भी सफर करने की अनुमति की मांग राजनीतिक रूप लेने लगी है। अपनी मांग मनवाने के लिए भाजपा ने मुंबई के लोकल स्टेशनों के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। अलग-अलग स्टेशनों पर अलग-अलग नेताओं ने प्रदर्शन की अगुआई की। सायन में विरोध प्रदर्शन कर रहे भाजपा महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि महामारी के कारण कम आय वाले समूहों की वित्तीय स्थिति पहले ही खराब हो गई है। अगर इन लोगों का पूरी तरह टीकाकरण हो गया है तो उन्हें लोकल ट्रेनों में यात्रा की अनुमति दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को आम आदमी की जिंदगी से खिलवाड़ नहीं करना चाहिए।
राज्य की विधान परिषद् में नेता प्रतिपक्ष प्रवीण दरेकर ने चर्चगेट स्टेशन पर विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया और बाद में वहां से चर्नी रोड स्टेशन में विरोध प्रदर्शन में भी शामिल हुए। दरेकर ने कहा कि सरकार लोगों को बसों और परिवहन के अन्य साधनों से यात्रा करने की अनुमति दे रही है, लेकिन लोकल ट्रेनों से नहीं। जिन लोगों को दोनों टीके लग चुके हैं, वे हवाई जहाज से भी यात्रा कर सकते हैं, लेकिन उनके लिए लोकल ट्रेन सेवाएं अब भी शुरू नहीं हुईं। सरकार की नीतियों पर सवाल करते हुए उन्होंने पूछा कि राज्य सरकार ने निजी कार्यालयों को पूरी क्षमता से संचालित करने की अनुमति दी है। इस परिदृश्य में लोग कैसे अपने कार्यालय पहुंचें? यह बात भी सरकार को सोचनी चाहिए।
लोकल ट्रेन में आम आदमी को यात्रा करने की अनुमति दिए जाने की बढ़ती मांग पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि उनकी सरकार सभी यात्रियों के लिए मुंबई में उपनगरीय ट्रेन सेवाएं फिर से शुरू करने पर विचार कर रही है और इस संबंध में जिम्मेदारी के साथ निर्णय लिया जाएगा। गौरतलब है कि कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के कारण इस साल अप्रैल में महानगर में उपनगरीय ट्रेन सेवाओं को आम जनता के लिए निलंबित कर दिया गया था। फिलहाल लोकल ट्रेनों में केवल सरकारी कर्मचारियों और आवश्यक सेवाओं के कर्मचारियों को ही यात्रा करने की अनुमति है।
रेलवे स्टेशन के बाहर विरोध प्रदर्शन कवर करने पहुंचे पत्रकारों और रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के बीच झड़प भी हुई। टीवी पत्रकार संघ ने आरोप लगाया कि आरपीएफ ने कुछ पत्रकारों और कैमरामैन को धक्का दिया और चर्नी रोड स्टेशन पर उनका काम बाधित कर दिया। एसोसिएशन की ओर से जारी बयान में कहा गया कि भाजपा के विरोध को कवर करने के लिए पत्रकार स्टेशन पर जमा हुए थे। आरपीएफ कर्मियों ने कुछ पत्रकारों और कैमरामैनों को दूर धकेल दिया। हम बल प्रयोग की निंदा करते हैं।
