सामाजिक क्षेत्र में निजी-सार्वजनिक भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य भर में वृद्धाश्रमों को बनाने का ठेका आउटसोर्स कराने का फैसला लिया है।
सामाजिक कल्याण आयुक्त राकेश कुमार मित्तल ने बताया कि ऐसे वृद्धाश्रम राज्य के सभी 17 जिलों में तैयार किए जाएंगे। मित्तल ने बताया कि हाल ही में एक कानून पारित कर राज्य के हर जिले में वित्तीय रूप से कमजोर वर्ग के लिए एक वृद्धाश्रम बनाना अनिवार्य किया गया था।
उन्होंने कहा कि विश्व बैंक समेत दूसरी अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां भी अब विकास परियोजनाओं के लिए फंड उपलब्ध कराने से पहले यह जोर देती हैं कि सामाजिक सुरक्षा नेटवर्क (एसएसएन) को मजबूत बनाने की दिशा में काम किया जाए। राज्य को विश्व बैंक की ओर से ऐसे ही एसएसएन मॉडल के विकास के लिए ऋण दिये जाने पर चर्चा जारी है।
मित्तल ने बताया कि एसएसएन के तहत शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, महिला कल्याण और वृद्धाश्रमों के विकास जैसे क्षेत्रों पर खास तौर पर ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हर राज्य में सरकार के लिए यह अनिवार्य है कि वह सामाजिक कल्याण की दिशा में काम करे, हालांकि इसे लेकर अभी भी कानून में संशोधन किए जाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, ‘वित्तीय वर्ष 2008-09 में सामाजिक क्षेत्र पर खर्च करने के लिए हमारे पास करीब 9,000 करोड़ रुपये का बजट है।’
