गुजरात सरकार ने पिपावाव एलएनजी परियोजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। सरकारी सुत्रों का कहना है कि मेअर्स्क भी पिपावाव में अपनी टर्मिनल क्षमता को बढ़ा रही है इसलिए ऐसी स्थिति में दोनों परियोजना का साथ चलना तर्कसंगत नही लग रहा है।
गौरतलब है कि पिछले महीने गुजरात राज्य पेट्रोलियम निगम, अदानी समूह और एस्सार ऑयल के बीच मुंद्रा में एलएनजी रि-गैसीफिकेशन टर्मिनल परियोजना लगाने पर चर्चा हुई थी।
एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने पिपावाव एलएनजी टर्मिनल परियोजना पर संदेह व्यक्त कि या है। उन्होंने साथ ही गुजरात राज्य पेट्रोलियम निगम, अदानी समूह और एस्सार ऑयल से मुंद्रा में एक एलएनजी टर्मिनल परियोजना स्थापित करने की अपील की है।
हालांकि शेयरों की भागीदारी के बारे में अभी कोई फैसला नहीं किया गया है, लेकिन एस्सार इसमें बड़ी भागीदारी चाहता है।
अनुमान है कि इस परियोजना में 10,000 रुपये की लागत आएगी। अगर यह योजना अपने मूर्त रूप में आ जाती है, तो यह देश की सबसे बड़ी एलएनजी परियोजना होगी।
गुजरात में फिलहाल दो टर्मिनल योजना काम कर रही है। इसमें से एक दाहेज में और दूसरी हाजिरा में शेल इंडिया टर्मिनल है।