उत्तर प्रदेश से निर्यात बढ़ाने के लिए अब हर जिले में ओवरसीज ट्रेड प्रमोशन और फैसिलिटेशन सेंटर खाले जाएंगे। प्रदेश में कोरोना काल में भी खास उत्पादों की बढ़ी मांग को देखते हुए प्रदेश सरकार ने यह फैसला लिया है। चालू वित्त वर्ष में अकेले अप्रैल व मई महीने में कोरोना संकट के दौरान उत्तर प्रदेश से 21500.85 करोड़ रुपये के उत्पादों का निर्यात हुआ है। यह पिछले साल के मुकाबले 152.67 फीसदी अधिक है।
अधिकारियों का कहना है कि कोरोना संकट के दौरान जब दुनियाभर में आर्थिक गतिविधियां ठप हो गई थीं, उस समय भी प्रदेश में फुटवियर, लेदर, टेक्सटाइल और ग्लासवेयर कारोबारियों के बनाए उत्पादों की विदेशों में खूब मांग हो रही थी। निर्यात में हुए इस इजाफे के सिलसिले को बरकरार रखने के लिए अब प्रदेश सरकार ने हर जिले में ओवरसीज ट्रेड प्रमोशन और फैसिलिटेशन सेंटर बनाने का फैसला किया हैं। सभी जिलों में बनने वाले इन केंद्रों में समन्वय के लिए एक सेंट्रलाइज्ड फैसिलिटेशन सेंटर भी बनाए जाने की योजना एमएसएमई विभाग ने तैयार की है।
ओवरसीज ट्रेड प्रमोशन एंड फैसिलिटेशन सेन्टर्स से प्रदेश के 25 निर्यात बाहुल्य जिलों से निर्यात में 250 करोड़ की बढ़ोतरी होने का अनुमान है। इससे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर 2500 की सं या में रोजगार मिलेगा। इसी तरह 25 अपेक्षाकृत कम निर्यात वाले जिलों में निर्यात में 125 करोड़ की बढ़ोतरी और 1250 लोगों को रोजगार मिलेगा। बचे जिलों से 25 करोड़ के निर्यात में वृद्धि और 250 व्यक्तियों को रोजगार मिलेगा। जल्दी ही सरकार निर्यात को बढ़ावा देने संबंधी कई अन्य फैसले भी लेगी। निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सरकार उद्यमियों को कई तरह की रियायतें भी दे सकती है। ताकि राज्य के तमाम उत्पादों को विदेशों में आसानी से भेजा जा सके।
सरकार को उ मीद है कि इन सेंटर्स के बनने से निर्यात में 400 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी होगी। वहीं लगभग 4000 लोगों को रोजगार के अवसर मुहैया होंगे। निर्यात से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में बने तमाम उत्पादों की विदेशों में लगातार मांग बढ़ रही है। इसके चलते ही निर्यात वृद्धि के मामले में तमिलनाडु और गुजरात के बाद उत्तर प्रदेश का स्थान है। जबकि देश के प्रमुख निर्यात राज्यों में उत्तर प्रदेश छठे स्थान पर है।
निर्यात के मामले में गुजरात पहले स्थान पर है, जबकि महाराष्ट्र दूसरे, तमिलनाडु तीसरे, आंध्र प्रदेश चौथे, कर्नाटक पांचवें स्थान पर हैं। केंद्र सरकार द्वारा विभिन्न राज्यों से हुए निर्यात के जारी किये गए नवीनतम आंकड़ों में यह खुलासा किया गया है। नेपाल, बंगालदेश और दक्षिण पूर्व एशिया के देशों ने कोरोना काल के दौरान यूपी से बड़ी सं या ओडीओपी उत्पाद मंगवाए।
अधिकारियों के मुताबिक इस साल अप्रैल-मई में 742.47 करोड़ रुपए के फुटवियर का निर्यात किया गया, जबकि बीते साल 147.04 करोड़ रुपए का निर्यात किया हुआ था। इसी प्रकार इस वर्ष अप्रैल-मई में 310.77 करोड़ रुपए के ग्लासवेयर का निर्यात किया गया, जबकि बीते साल 39.99 करोड़ रुपए का निर्यात किया हुआ था। इसी प्रकार इस वर्ष 120.83 करोड़ रुपए के खिलौनों का निर्यात किया गया, जबकि बीते साल 26.19 करोड़ रुपए का निर्यात किया हुआ था।
इसी प्रकार इस वर्ष 744.15 करोड़ रुपए के कालीन और टेक्सटाइल फैब्रिक का निर्यात किया गया, जबकि बीते साल 247.63 करोड़ रुपए का निर्यात किया हुआ था। लेदर से बने पर्स, ब्लेट, बैग तथा अन्य उत्पादों का निर्यात इस वर्ष 493.80 करोड़ रुपए का हुआ, जबकि बीते वर्ष 79.21 करोड़ रुपए के ही लेदर से बने उत्पादों का निर्यात हुआ था।