उत्तराखंड सरकार ने किसानों का पिछले पेराई सत्र (2007-08) का सारा बकाया चुकाते हुए निजी चीनी मिल कंपनियों से कहा है कि वे भी उनके ही नक्शे कदम पर चलें।
राज्य के गन्ना मंत्री मंदन कौशिक ने बताया कि सरकार ने 14.16 करोड़ रुपये की दूसरी और आखिरी किस्त भी चुकता कर दी है और इस तरह 6 सरकारी और को-ऑपरेटिव चीनी मिलों का किसानों पर कोई बकाया नहीं रह गया है।
सरकार ने पिछले साल अक्टूबर में गन्ना किसानों को 42.13 करोड़ रुपये की पहली किस्त अदा की थी। कौशिक ने कहा सरकार अब पूरी कोशिश कर रही है कि निजी मिलें भी अपना बकाया जल्द से जल्द चुका दें।
उन्होंने कहा कि सरकार इसके लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है। राज्य में 4 निजी चीनी मिलें हैं, जिनमें से उत्तम चीनी मिल और लक्जर चीनी मिल प्रत्येक के 6.5 करोड़ रुपये बकाया हैं।
सरकार ने वर्ष 2008-09 के लिए गन्ने के अगैती और पिछैती किस्तों के लिए पहले से ही राज्य समर्थित मूल्यों की घोषणा कर दी है। पिछैती किस्त के लिए मूल्य प्रति क्विंटल 143 रुपये और अगैती किस्म के लिए प्रति क्विंटल 148 रुपये तय की है।
सरकार ने किया गन्ना किसानों का बकाया चुकता
निजी चीनी मिलों पर भी बकाया चुकाने का दबाव