इस त्यौहारी सीजन में मंदी से निबटने के लिए रियल एस्टेट कंपनियां कमर कस के पूरी तरह तैयार हैं।
कंपनियां उपभोक्ताओं को रिझाने के लिए एक अपार्टमेंट के साथ दूसरा अपार्टमेंट और मसिर्डीज कार तक मुफ्त में दे रही है। मुंबई स्थित कॉसमास ग्रुप ने थाणे और लोनावाला में आने वाली अपनी चार परियोजनाओं पर ‘एक घर के साथ एक घर मुफ्त’ योजना की शुरुआत की है।
इस योजना में एक बंगला खरीदने के बाद 1 बीएचके फ्लैट मुफ्त में मिलेगा और 2 बीएचके फ्लैट खरीदने पर एक बेडरूम और एक किचन मुफ्त में मिलेगा। ग्वालियर, शोलापुर , बेंगलुरु और मुंबई में रियल्टी योजनाओं को चलाने वाली सुनील मंत्री रियल्टी कंपनी ने तो ‘फिर से खरीद’ नाम का सबसे अनोखा ऑफर दिया है।
अगर उपभोक्ता के मकान खरीदने के तीन साल के अंदर प्रॉपटी की कीमत गिरनी शुरू होती है तो कंपनी उस प्रॉपर्टी को फिर से खरीद लेगी।
दिल्ली स्थित जेपी गु्रप प्रॉपर्टी की खरीद के साथ बीएमडब्लयू-3, मसिर्डीज बेंज और टोयोटा कैमरी लग्जरी कार मुफ्त में दे रही है। प्रॉपर्टी के साथ मुफ्त में दिए जा रहे ये उपहार प्रॉपर्टी की कीमत पर आधारित है। जितनी मंहगी प्रॉपर्टी की खरीद उतना मंहगा उपहार मुफ्त में।
गाजियाबाद का एसवीपी ग्रुप 45 लाख से 2 करोड़ रुपये तक के अपार्टमेंट की खरीद के साथ 50 ग्राम तक सोना मुफ्त में दे रहा है। कई रियल एस्टेट कंपनियों का कहना है कि प्रॉपर्टी में निवेश के लिए यह समय सबसे उपयुक्त है लेकिन बाजार में चल रही मंदी कंपनियों में भय पैदा कर रही है।
सुनील मंत्री रियल्टी के प्रमोटर सुनील मंत्री का कहना है कि बिक्री को बढ़ाने के लिए हमें कुछ नई योजनाओं को चालू करना पड़ेगा। क्योकि इस समय बाजार में लिक्विडिटी बहुत कम है और बैंक रियल्टी कंपनियों को ऋण भी उपलब्ध नहीं करा रहे हैं। मंत्री ने बताया कि वे अपनी गुड़गांव योजना में पंजीकरण शुल्क और स्टांप डयूटी में छूट दे रही है।
इतनी छूट और गिफ्ट ऑफरों के बावजूद रियल्टी कंपनियों का मानना है कि इस बार दीवाली में मांग पिछले दस सालों में सबसे कम रही है। डीएलएफ के एक कार्याधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि डेवलपर्स कंपनियों को नई योजनाओं के लिए नकदी की बड़ी आवश्यकता है।
इसलिए रियल्टी कंपनियां अपनी बचे हुए स्टॉक को बेचने में हाथ पैर मारने में बिल्कुल झिझक नहीं रही है।प्रॉपर्टी कंसल्टेंसी जोंस लैंग लासले मेघराज की सहायक कंपनी होमबे रेजिडेंशियल के निदेशक रमिंदर ग्रोवर का कहना है कि डेवलपर कंपनियों की कई रिहायशी इकाइयां बेची नहीं गई है।
प्रॉपर्टी डेवलपर्स इन इकाइयों को बेचकर नकदी प्राप्त करना चाहते हैं। इसके लिए दीवाली सबसे अच्छा समय था। लेकिन अफसोस, इस बार भी बहुत कुछ अच्छा नहीं हो पाया है। खास बात यह है कि इस तरह के ऑफर ऐसे समय में आए हैं जब रियल्टी कंपनियां अपने प्रचार बजट में कटौती कर रही है।
छूट और ऑफरों के बावजूद रियल्टी कंपनियों का मानना है कि इस बार दिवाली में मांग पिछले दस सालों में सबसे कम रही है।इस तरह के ऑफर ऐसे समय में आ रहे हैं जब रियल्टी कंपनियां अपने प्रचार बजट में काफी कटौती कर रही है।