उत्तर प्रदेश में अब किसानों की समस्याओं का समाधान बस एक टेलीफोन कॉल पर हो सकेगा। योगी सरकार किसानों की समस्याओं को दूर करने के लिए कॉल सेंटर कम हेल्प डेस्क की स्थापना करेगी। इसके जरिए प्रदेश के लाखों किसानों को सम्मान निधि, भूलेख में विवरण दर्ज करने के साथ केवाईसी (KYC) और पंजीकरण की जानकारी मिल सकेगी।
त्रिस्तरीय होगा कॉल सेंटर कम ऑनलाइन हेल्पलाइन डेस्क
प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि 17 अक्टूबर को किसानों को प्रधानमंत्री सम्मान निधि की 12 वीं किस्त जारी की जाएगी। किस्त जारी करने के साथ ही सरकार ने किसानों की समस्याओं के निराकरण के लिए कॉल सेंटर कम हेल्प डेस्क सुविधा की शुरुआत करने का फैसला किया है। जानकारी के मुताबिक कॉल सेंटर कम ऑनलाइन हेल्पलाइन डेस्क त्रिस्तरीय होगा। इसमें विकास खंड, जिला व प्रदेश स्तर पर किसानों की समस्याओं का निराकरण हो सकेगा।
कृषि विभाग के कर्मचारी सुनेंगे किसानों की समस्या
कॉल सेंटर सुबह से शाम तक संचालित होगा जिसमें कृषि विभाग के कर्मी हेल्प डेस्क पर किसानों की समस्याओं को सुनेंगे और निश्चित समय अवधि में इनका समाधान भी करेंगे। कृषि विभाग इन हेल्प डेस्क के लिए योग्य एवं ट्रेंड कर्मी उपलब्ध कराएगा, जो दो शिफ्ट में काम करेंगे। विकास खंड स्तर पर किसानों को व्यक्तिगत तौर पर उपस्थित होकर अपनी समस्या से अवगत कराना होगा जबकि जनपद और प्रदेश स्तर पर वो एक कॉल से कृषि विभाग के कर्मियों से कनेक्ट हो सकेंगे।
कॉल पर मिलेगी E-KYC और पंजीकरण की सुविधा
कॉल सेंटर कम हेल्प डेस्क के द्वारा कृषि विभाग के कर्मी किसानों के नाम, पिता का नाम, मोबाइल नंबर/आधार/ पीएम किसान आईडी नंबर एवं पता के साथ किसानों द्वारा बताई गई समस्या को रिकॉर्ड करेंगे। इसके बाद उनको पीएम किसान सम्मान निधि के मानक के अनुरूप भूलेख अंकन, ई केवाईसी (EKYC) एवं पंजीकरण के बारे में अवगत कराया जाएगा। इसके अलावा सम्मान निधि से जुड़ी अन्य समस्याओं को भी सुना जाएगा और निर्धारित समय में उसका निराकरण सुनिश्चित किया जाएगा। विकास खंड स्तर पर समस्या नहीं सुलझने पर जिला स्तर और फिर प्रदेश स्तर तक किसान अपनी बात रख सकेंगे।
गौरतलब है कि पीएम किसान सम्मान निधि की 12वीं किस्त 17 अक्टूबर को जारी की जाएगी। प्रदेश के 2.60 करोड़ किसानों को इसका सीधा लाभ मिलेगा। अब तक इन किसानों के खाते में सरकार की ओर से 48,324 करोड़ रुपए हस्तांतरित किए जा चुके हैं।