ऑनलाइन रेल टिकट बुकिंग कराने वाले यात्रियों के लिए यह अच्छी खबर है। ये यात्री अब पहचान के तौर पर कोई भी अधिकृत फोटो आईडेंटिटी प्रूफ लेकर यात्रा पर जा सकते हैं।
इन यात्रियों को अब तक वह कार्ड साथ ले जाना जरूरी होता था जिसका इस्तेमाल वे टिकट की ऑनलाइन बुकिंग के दौरान करते थे। यात्रियों के बीच ई-टिकट को लोकप्रिय बनाने के लिए रेलवे ने उस मौजूदा प्रावधान को समाप्त किए जाने का फैसला किया है जिसमें यात्रियों को यात्रा के दौरान वह कार्ड ले जाना अनिवार्य था जिसके जरिये वे टिकट की बुकिंग कराते थे।
यह संशोधन 8 अक्टूबर को जारी एक आदेश के जरिये किया गया है। यात्री अब ई-टिकट हासिल करने के लिए केंद्र या राज्य सरकारों द्वारा जारी मतदाता पहचान पत्र, पासपोर्ट, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस या फोटो आईडेंटिटी कार्ड का इस्तेमाल कर सकते हैं और यात्रा के दौरान इनमें से किसी भी कार्ड को अपने साथ ले जा सकते हैं।
अब तक यात्रियों को यात्रा के दौरान सिर्फ वही कार्ड साथ ले जाना पड़ता था जिसका इस्तेमाल वे टिकट बुकिंग के समय करते थे। ऐसे में अगर यात्री यह प्रूफ ले जाना भूल जाता था तो उसकी यात्रा को बिना टिकट समझा जाता था और उस पर जुर्माना लगाया जाता था।
यह शिकायत का एक कारण बन गया था और ई-टिकटिंग प्रणाली के विस्तार में अवरोधक बन गया था। इस मामले पर समीक्षा के बाद यह फैसला लिया गया है। यदि यात्री के पास यात्रा के दौरान किसी भी तरह का आईडेंटिटी प्रूफ नहीं पाया जाएगा तो उसे बेटिकट माना जाएगा और उसे दंडित किया जाएगा।
यात्रा के दौरान इलेक्ट्रोनिक रिजर्वेशन स्लिप (ईआरएस) को साथ ले जाने का मौजूदा प्रावधान जारी रहेगा और यदि किसी यात्री के पास ईआरएस नहीं पाई जाती है तो उस पर 50 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
आईआरसीटीसी की पहल
ई-टिकटिंग के विस्तार की पहल
कोई भी आईडेंटिटी प्रूफ ले जा सकते हैं
पूर्व में यात्रियों को वही कार्ड साथ ले जाना पड़ता था जिसका इस्तेमाल वे टिकट बुकिंग के दौरान करते थे
लेकिन इलेक्ट्रोनिक रिजर्वेशन स्लिप भी साथ रखनी होगी