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मुकेश अंबानी और गौतम अदाणी ने OpenAI पर लगाया कॉपीराइट उल्लंघन का आरोप, कोर्ट में किया मुकदमा

DNPA और अन्य मीडिया हाउसेस, जैसे अदाणी की NDTV और अंबानी की Network18, ने आरोप लगाया है कि ओपनएआई "जानबूझकर डेटा स्क्रैपिंग" और "कंटेंट एडाप्टेशन" कर रहा है।

Last Updated- January 27, 2025 | 3:53 PM IST
ChatGPT
Representative image

मुकेश अंबानी और गौतम अदाणी समेत The Indian Express और Hindustan Times जैसे मीडिया ग्रुप्स ने OpenAI के खिलाफ दिल्ली की अदालत में केस दर्ज किया है। Reuters की रिपोर्ट के मुताबिक, यह केस कॉपीराइट उल्लंघन के आरोप में दायर किया गया है।

आरोप है कि OpenAI ने न्यूज़ वेबसाइट्स से बिना अनुमति कंटेंट स्क्रैप करके उसे ChatGPT में इस्तेमाल किया। नवंबर 2022 में ChatGPT के लॉन्च के साथ AI इंडस्ट्री में हलचल मचाने वाली OpenAI ने पिछले साल $6.6 बिलियन की फंडिंग जुटाई थी और अब जनरेटिव AI की दौड़ में लीड करने की कोशिश में है।

OpenAI पर लगे गंभीर आरोप

ओपनएआई पर भारतीय डिजिटल मीडिया का कंटेंट बिना इजाजत इस्तेमाल करने के आरोप लगे हैं। डिजिटल न्यूज़ पब्लिशर्स एसोसिएशन (DNPA) और अन्य मीडिया हाउसेस, जैसे अदाणी की NDTV और अंबानी की Network18, ने आरोप लगाया है कि ओपनएआई “जानबूझकर डेटा स्क्रैपिंग” और “कंटेंट एडाप्टेशन” कर रहा है। यह कार्रवाई भारतीय डिजिटल न्यूज़ पब्लिशर्स के मूल्यवान कॉपीराइट को नुकसान पहुंचा सकती है।

यह केस भारत में ओपनएआई के खिलाफ चल रही कानूनी लड़ाई का हिस्सा है, जिसकी शुरुआत पिछले साल ANI द्वारा इसी तरह के आरोपों के साथ हुई थी। अब ग्लोबल और इंडियन बुक पब्लिशर्स भी इस लड़ाई में शामिल हो गए हैं, जिससे जेनरेटिव एआई मॉडल्स के खिलाफ कॉपीराइट चैलेंज का ट्रेंड बढ़ रहा है।

अगर अदालत का फैसला इन मीडिया संस्थानों के पक्ष में आता है, तो एआई कंपनियों पर कॉपीराइटेड कंटेंट के इस्तेमाल को लेकर सख्त नियम लागू हो सकते हैं। वहीं, अगर फैसला ओपनएआई के पक्ष में गया, तो “फेयर यूज” की परिभाषा को डिजिटल युग में नया रूप मिल सकता है, जिससे कॉपीराइट नॉर्म्स बदल सकते हैं।

भारतीय कोर्ट में कॉपीराइट केस नहीं सुना जा सकता: OpenAI

ANI द्वारा दायर मुकदमे के जवाब में, OpenAI ने दलील दी है कि उसका भारत में कोई ऑफिस या स्थायी ठिकाना नहीं है। कंपनी ने यह भी बताया कि ChatGPT के ट्रेनिंग डेटा स्टोर करने वाले सर्वर भारत के बाहर मौजूद हैं।

साथ ही, OpenAI ने कहा कि वह वर्तमान में अमेरिका में चल रहे एक मुकदमे का सामना कर रहा है, जिसकी वजह से उसे सभी डेटा को कोर्ट की सुनवाई खत्म होने तक सुरक्षित रखना अनिवार्य है। इसका मतलब यह है कि जब तक वहां की कोर्ट प्रक्रिया पूरी नहीं होती, कोई भी डेटा हटाया नहीं जा सकता।

भारत में ग्लोबल बुक पब्लिशर्स ने दायर किया मुकदमा

भारत और अंतरराष्ट्रीय पब्लिशर्स ने मिलकर OpenAI के खिलाफ कॉपीराइट उल्लंघन का मुकदमा दायर किया है। फेडरेशन ऑफ इंडियन पब्लिशर्स, जिसमें Bloomsbury, Penguin Random House और Rupa Publications जैसे बड़े नाम शामिल हैं, ने दिल्ली हाई कोर्ट में यह केस फाइल किया है। इस केस का मकसद ChatGPT को प्रॉपरेटरी कंटेंट तक एक्सेस करने से रोकना है।

AI फर्म्स के खिलाफ कॉपीराइट मुकदमे बढ़े

यह मामला उन अंतरराष्ट्रीय कानूनी कार्रवाइयों से मिलता-जुलता है जो दुनियाभर के मीडिया हाउस OpenAI के खिलाफ ले रहे हैं। The New York Times और Chicago Tribune व The Denver Post जैसे अमेरिकी अखबारों के समूह ने भी OpenAI पर कॉपीराइट उल्लंघन का आरोप लगाया है। इन मुकदमों में कहा गया है कि OpenAI द्वारा AI सिस्टम्स को ट्रेन करने के लिए कॉपीराइटेड कंटेंट का इस्तेमाल “फेयर यूज” के दायरे में नहीं आता, भले ही कंपनी इसे सही ठहराने की कोशिश कर रही हो।

मीडिया और AI: सहयोग बनाम विवाद

कुछ मीडिया हाउस, जैसे भारत में The Times of India, ने कानूनी लड़ाई में शामिल होने के बजाय अलग राह चुनी है। वहीं दूसरी ओर, The Associated Press, The Financial Times, और Vox Media जैसे अंतरराष्ट्रीय मीडिया संगठनों ने OpenAI के साथ पार्टनरशिप की है। इन डील्स के तहत, उन्होंने अपने आर्काइव को सीमित एक्सेस के साथ उपलब्ध कराया है और इसके बदले में मुआवजा प्राप्त किया है।

इन साझेदारियों का मकसद है कि मीडिया कंपनियां AI तकनीक की तरक्की का फायदा उठा सकें और साथ ही इस बात पर नियंत्रण रख सकें कि उनके कंटेंट का इस्तेमाल कैसे हो रहा है।

दुनिया भर के ऑथर्स, न्यूज आउटलेट्स और म्यूजिशियन टेक कंपनियों पर केस कर रहे हैं। उनका आरोप है कि उनकी कॉपीराइट कंटेंट का इस्तेमाल AI मॉडल को ट्रेन करने के लिए किया गया है। वे न सिर्फ मुआवजे की मांग कर रहे हैं, बल्कि अपने कंटेंट को AI मॉडल्स से हटाने की भी मांग कर रहे हैं।

First Published - January 27, 2025 | 3:10 PM IST

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