उत्तर प्रदेश के छोटे व मझोले उद्यम (एमएसएमई) अब अपनी पूंजी की जरुरतों के लिए शेयर बाजारों का रुख करने लगे हैं।
बीते एक साल में प्रदेश कई की एमएसएमई इकाइयों ने शेयर बाजार से पूंजी जुटाई है। देश के अग्रणी शेयर बाजारों नैशनल स्टाक एक्सचेंज (एनएसई) और बंबई स्टाॅक एक्सचेंज (बीएसई) में प्रदेश की 20 नई एमएसएमई अब तक सूचीबद्ध हो चुकी हैं। उत्तर प्रदेश के एमएसएमई विभाग के अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल के मुताबिक शेयर बाजार के माध्यम से प्रदेश की एमएसएमई इकाइयों को पूंजी जुटाने के लिए राज्य सरकार की पहल रंग लाने लगी है। प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग, एनएसई तथा बीएसई के मध्य हुए समझौते के तहत प्रदेश से 20 नई कंपनियां एनएसई और बीएसई पर सूचीबद्ध हुई हैं। प्रदेश सरकार ने बीते साल ही एमएसएमई सरकार को शेयर बाजार में उतरने के लिए सहयोग देने की मंशा के साथ एनएसई व बीएसई के साथ करार किया था। इस करार के तहत एनएसई और बीएसई को एमएसएमई क्षेत्र की कंपनियों को पूंजी बाजार में उतरने के लिए जरुरी तैयारियों में सहयोग देना, उनके लिए अंडर राइटर, मर्चेंट बैंकर की तलाश करना और अन्य मदद करना शामिल है।
गुरुवार को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम के अपर मुख्य सचिव, सहगल ने निर्यात प्रोत्साहन भवन में एमओयू साझेदार संस्थाओं के साथ बैठक की और अधिक से अधिक संस्थाओं को एनएसई और बीएसई पर सूचीबद्ध कराने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि विगत एक वर्ष में बीएसई पर 129 करोड़ रुपये के बाजार पूंजीकरण वाली 12 कंपनियां तथा एनएसई पर 101 करोड़ रुपये के इश्यू आकार दायरे की आठ कंपनियां सूचीबद्ध हुई हैं। उन्होंने निर्देश दिए कि जागरूकता अभियान चलाकर एमएसएमई को स्टाक एक्सचेंज पर सूचीबद्ध कराने का प्रयास किया जाएगा। सहगल ने कहा कि प्रदेश में जगह-जगह इस संबंध में कार्यशाला कराई जाए और एमएसएमई इकाइयों को पूंजी बाजार में उतरने के प्रोत्साहित किया जाए।
