प्लास्टिक बैग पर पाबंदी के सरकारी फरमान के बाद दिल्ली के छोटे-बड़े 10 हजार से अधिक कारोबारी अपनी रोजी-रोटी को लेकर असमंजस की स्थिति में है।
उन्हें यह समझ में नहीं आ रहा है कि अब वे कौन सा कारोबार कर अपना पेट पालेंगे। व्यापारी वर्ग इस बात को लेकर संशय में है कि दिल्ली के बाहर से आने वाले सामान के लिए भी प्लास्टिक बैग का धड़ल्ले से इस्तेमाल होता है और सरकार उन पर कैसे प्रतिबंध लगाएगी।
सोमवार को प्लास्टिक बैग निर्माताओं का एक प्रतिनिधिमंडल दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के अधिकारियों से मुलाकात करेगा।
प्रभावित होगा इलाका
दिल्ली में सदर बाजार, नबी करीम, शास्त्री नगर, त्रिनगर, चावड़ी बाजार, तिलक नगर व मायापुरी जैसे इलाकों से सबसे अधिक प्लास्टिक बैग का कारोबार होता है।
सदर बाजार के कारोबारी नरेश जैन कहते हैं, ‘पिछले 20 सालों से हमारा परिवार प्लास्टिक बैग के कारोबार से जुड़ा है। ऐसे में अब यह समझ में नहीं आ रहा है कि हम कौन सा धंधा अपनाएं।’
विकल्प पर सवाल
प्लास्टिक बैग का विकल्प क्या होगा, इसको लेकर पूरे बाजार में असमंजस है। जूट के बैग के बारे में कहा जा रहा है कि उसकी लागत प्लास्टिक बैग के मुकाबले 5-6 गुना अधिक है।
अभी 10-20 रुपये के सामान लेने पर भी उसे दुकानदार पॉलिथीन के बैग में रखकर दे देता है, लेकिन लागत अधिक होने के कारण जूट का बैग नहीं दे सकता है। दूसरी बात यह है कि तरल पदार्थ या रसगुल्ले जैसी चीजों की आपूर्ति जूट या पेपर के बैग में कैसे की जाएगी।
कारोबारियों का कहना है कि पेपर बैग के निर्माण के लिए पल्प की जरूरत होगी जो कि पेड़ों को काटकर ही तैयार किया जा सकता है। इस स्थिति में भी पर्यावरण के साथ खिलवाड़ होगा।
कारोबारियों की यह भी दलील है कि इतनी बड़ी संख्या में जूट बैग बनाने के लिए दिल्ली में माल कहां से आएगा।
कैसे रोकेंगे इन्हें
कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स का कहना है कि दिल्ली देश के सबसे बड़ा व्यापारिक वितरण केंद्र है और इस नाते देश के अनेक राज्यों से यहां अनेक प्रकार का माल प्लास्टिक बैग में आता है तो क्या ऐसा माल भी प्रतिबंध की श्रेणी में आएगा। इस बारे में सरकारी अधिसूचना में कोई खुलासा नहीं किया गया है।
अनसुलझे सवाल
दिल्ली में प्लास्टिक बैग के इस्तेमाल पर तो मनाही, पर दूसरे राज्यों से आने वाले माल जो प्लास्टिक बैग में आते हैं उन पर कैसे लगेगी रोक 10 हजार से अधिक कारोबारियों पर लटकी है रोजगार खोने की तलवार