महाराष्ट्र के अधिकांश मॉल करीब पांच महीने तक बंद रहने के बाद अब खुलने की तैयारी कर रहे हैं। प्रमुख मॉल परिचालक बुधवार से ग्राहकों का स्वागत करने के लिए तैयार हैं। देश की वित्तीय राजधानी कहे जाने वाले मुंबई में मॉल मार्च के मध्य से बंद होने शुरू हो गए थे। उस समय से ही राज्य सरकार कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए हरकत में आई थी।
फीनिक्स, इनऑर्बिट, इन्फिनिटी और ओबेरॉय जैसी कंपनियों के मॉल कई शहरों में हैं। उन्होंने कहा कि उनके पास सैनिटाइजेशन और सामाजिक दूरी उपाय का पूरा बंदोबस्त है, ताकि वे मॉल के खुलने पर दिशानिर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित कर सकें।
5 अगस्त से मॉल खुलने को लेकर ठाणे को छोड़कर ज्यादातर मॉलों में पहले से ही सफाई और विसंक्रमण का काम शुरू हो चुका है।
इनऑर्बिट मॉल के मुख्य कार्याधिकारी रजनीश महाजन ने कहा कि कारोबार शुरू होने के बाद इसे स्थिर होने में करीब आठ हफ्तों का वक्त लग सकता है। इसकी मलाड और वाशी में परिसंपत्ति है। उन्होंने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि अक्टूबर के आरंभ से बिक्री जोर पकड़ेगी, क्योंकि तब दशहरा-दीवाली का महत्त्वपूर्ण समय होगा।’
दशहरा 25 अक्टूबर को है और दीवाली नवंबर के दूसरे हफ्ते में है।
द फीनिक्स मिल्स की मुख्य परिचालन अधिकारी (मॉल) रश्मि सेन ने कहा, ‘हमें त्योहारी सीजन में ग्राहकों की मांग में इजाफा होने की पूरी उम्मीद है। इसके बावजूद, बहुत कुछ सरकार की नीतियों पर भी निर्भर करता है। महाराष्ट्र के मॉलों में अभी भी फूड कोर्ट, रेस्तरां और मल्टीप्लेक्सों को परिचालन करने की इजाजत नहीं है। स्थायित्व के दौर में वापसी करने के लिए जरूरी है कि सभी श्रेणियों का परिचालन शुरू किया जाए।’
फीनिक्स के महाराष्ट्र में कुल तीन मॉल है जिनमें से दो मुंबई में और एक पुणे में है।
फूड कोर्टों, मल्टीप्लेक्सों और रेस्तरां के अलावा गेमिंग ऐंड किड्स जैसे परिवारिक मनोरंजन के केंद्रों को भी फिलहाल मुंबई के मॉलों में खोलने की इजाजत नहीं मिली है। खुदरा विशेषज्ञों के मुताबिक मॉल पहुंचने वाले लोगों में से इन खंडों से संबंधित करीब एक तिहाई लोग होते हैं।
इन्फिनिटी मॉल के मुख्य कार्याधिकारी मुकेश कुमार ने कहा, ‘इस तरह के प्रतिबंध कारोबार को निरुत्साहित करने वाले हैं क्योंकि अधिकांश मॉलों को मनोरंजन और खरीदारी केंद्रों के रूप में देखा जाता है। इन्फिनिटी मॉल की दो परिसंपत्ति मुंबई में है।’
उन्होंने कहा कि तब भी कहीं से शुरुआत तो करनी थी जो कि अंतत: होने जा रहा है। शुरू के दिनों में हम देखते हैं कि ज्यादातर गंभीर खरीदार ही मॉलों का रुख कर रहे हैं। यह रुझान दूसरे शहरों में खुल चुके ज्यादातर मॉलों में नजर आ रहा है।
ओबेरॉय मॉल के महाप्रबंधक अनुज अरोड़ा ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि शहर में मॉल के फिर से खुलने पर खुदरा कारोबारी विशेष तौर पर कपड़ा, लाइफस्टाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स के कारोबारी उपभोक्ताओं को बढ़ चढ़ कर कई तरह की पेशकश करेंगे। ओबेरॉय मॉल की एक परिसंपत्ति मुंबई के गोरेगांव में है।
खुदरा विशेषज्ञों ने कहा कि इस वित्त वर्ष में मॉलों के परिचालन लागत में 5 से 7 फीसदी का इजाफा होगा। कारोबारियों को यह अतिरिक्त खर्च स्वस्थ और सुरक्षित खरीदारी मानकों पर करना होगा।
शॉपिंग सेंटर्स एसोसिएशन आफ इंडिया के हाल के एक अध्ययन के मुताबिक इलेक्ट्रॉनिक्स, सौंदर्य और परिधान जैसी श्रेणियोंं में छोटे कस्बों मे बिक्री में तेजी आई है।
रिटेलर्स एसोसिएशन आफ इंडिया के एक सर्वे के मुताबिक बजड़े शहरों के ग्राहक अपने सौंदर्य उत्पाद, परिधान की खरीद में ज्यादातर ऑनलाइन चैनलों पर निर्भर हैं। जून और जुलाई महीने में इलेक्ट्रॉनिक रिटेलर्स के कारोबार में बढ़ोतरी हुई है, जिसकी मुख्य वजह कोविड-19 महामारी के कारण चल रहा वर्क फ्रॉम होम और लर्न फ्रॉम होम है।
