महाराष्ट्र सरकार ने 10,226 करोड़ रुपये के राजस्व घाटे वाला बजट पेश किया। बजट में किसानों और महिलाओं का खास ध्यान रखा गया है। महिलाओं को प्रॉपर्टी खरीदने पर स्टॉप शुल्क में एक फीसदी छूट और किसानों को तीन लाख रुपये तक का कर्ज बिना ब्याज देने की घोषणा की गई है। सरकार ने शराब पर करों का बोझ बढ़ाया और पेट्रोल और डीजल पर कर घटाने का कोई ऐलान नहीं किया।
वित्त मंत्री अजित पवार ने विधानसभा में और वित्त राज्यमंत्री शंभूराद देसाई ने विधान परिषद में वर्ष 2021-22 का बजट पेश किया। पवार ने बजट में राजस्व संग्रह 3,68,987 करोड़ रुपये जबकि राजस्व व्यय 3,79,213 करोड़ रुपये रहने का अनुमान पेश किया। संशोधित अनुमान के अनुसार 2020-21 में कर राजस्व 2,18,263 करोड़ रुपये रहने की संभावना है।
बजट में महिलाओं को प्रॉपर्टी खरीदने पर स्टांप शुल्क में एक फीसदी छूट की घोषणा की गई है। इससे सरकारी तिजोरी पर 1,000 करोड़ का बोझ पड़ेगा। पवार ने कहा, ‘आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर मैं राजमाता जीजाऊ गृहस्वामिनी योजना की घोषणा करता हूं। राज्य में कोई भी परिवार महिला के नाम पर घर खरीदे और महिला वास्तव में गृहस्वामिनी बन जाए, इसे प्रोत्साहित करने के लिए 1 अप्रैल 2021 से महिला के नाम पर घर खरीदने पर स्टांप शुल्क में छूट दी जाएगी।’
इसके अलावा महिला विकास के लिए 2,247 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इसके अलावा घरेलू काम करने वाली महिलाओं के लिए संत जीजाबाई सामाजिक सुरक्षा योजना की शुरुआत की गई है। छात्राओं के लिए ‘क्रांतिज्योति सावित्री बाई फूले’ नाम से नई योजना का ऐलान किया है। इसके तहत ग्रामीण तहसीलों की छात्राएं गांव से स्कूल तक राज्य परिवहन विभाग की बसों में मुफ्त यात्रा कर सकेंगी।
पवार ने कहा कि कोरोना संकट काल में देश और राज्य की अर्थव्यवस्था को संभालने का काम कृषि एवं संलग्न क्षेत्र ने किया। इसी वजह से राज्य सरकार ने खरीफ सीजन 2021 से तीन लाख रुपये तक का फसल कर्ज बिना ब्याज देने का निर्णय लिया है। पवार ने बजट में सिंचाई के लिए करीब 13 हजार रुपये का प्रावधान किया है। एपीएमसी को और भी बेहतर बनाने के लिए सरकार ने दो हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।
कृषि पंपों को सौर ऊर्जा से जोड़ने के लिए महावितरण को राज्य सरकार पंद्रह सौ करोड रुपये की आर्थिक मदद देगी। राज्य में चार नए कृषि विश्वविद्यालय भी खोलने का एलान किया गया है। इन यूनिवर्सिटीज के लिए सरकार ने 200 करोड़ रुपये का बजट जारी किया है। जो उगेगा वह बिकेगा (विकेल ते पिकेल) योजना के किए 2100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। पिछले साल के बजट में कृषि व संलग्न कार्य क्षेत्र पर 23,862.11 करोड़ रुपये खर्च का प्रावधान था। सरकार के अंदाज के अनुसार इस सेक्टर पर 25,347.46 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है, जबकि 2021-22 के बजट में 20,058.89 करोड़ रुपये अंदाजे खर्च का प्रावधान किया गया है। 2019 से अब तक 31 लाख 23 हज़ार किसानों का कर्ज माफ किया गया है।
तिजोरी मजबूत करने के लिए सरकार ने शराब पर राज्य उत्पाद शुल्क बढ़ाने का प्रस्ताव किया। देशी शराब को दो श्रेणी…ब्रांडेड और गैर-ब्रांडेड श्रेणी में रखा जाएगा। केवल ब्रांडेड देशी शराब पर विनिर्माण लागत का 220 प्रतिशत या 187 रुपये प्रति लीटर की दर से, जो भी ज्यादा हो, उत्पाद शुल्क लगाया जाएगा। इससे सरकारी खजाने को 800 करोड़ रुपये अतिरिक्त प्राप्त होंगे।
राज्य में विभिन्न उद्योगों के साथ 1.12 लाख करोड़ रुपये का औद्योगिक निवेश आएगा और इसके माध्यम से 3 लाख नई नौकरियों की उम्मीद है। महाज्योति, सारथी, बार्टी योजना को 150-150 करोड़ रुपये का प्रावधान। एमबीएससी को मजबूत करने के लिए 2,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया जाएगा। बाल ठाकरे मेमोरियल के लिए सरकार की तरफ से 400 करोड़ रुपये दिए गए हैं। अल्पसंख्यक समाज के लिये 589 करोड़ दिया जाएगा। मौलाना आज़ाद महामंडल के लिए 200 करोड़ का प्रावधान। महानगर पालिका क्षेत्रों में 5 सालों में 5 हजार करोड़ का खर्च किया गया। इस बार 800 करोड़ रुपये का फंड दिया जाएगा। संक्रमण वाली बीमारियों के लिए हर जिले में अस्पताल बनाए जाएंगे। आठ नए हार्ट हॉस्पिटल खोले जाएंगे।
उच्च तकनीक शिक्षा के लिए 1391 करोड़ और शिक्षा और खेल विभाग के लिए 2,461 करोड़ रुपये का प्रावधान। मुंबई नागपुर एक्सप्रेस-वे में नागपुर से शिर्डी के बीच के 500 किलोमीटर लंबे सड़क को 1 मई से शुरू किया जाएगा। राज्य में स्वास्थ्य के इंफ्रास्ट्रक्चर को सुधारने के लिए 7500 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट का एलान किया गया। पांच साल के अंतर्गत राज्य के स्वास्थ्य विभाग के ढांचे को सुधारा जाएगा।
महाराष्ट्र का वर्ष 2021-22 का बजट पिछले साल की तुलना में इस बार 11फीसदी बड़ा है। पिछले साल बजट का अनुमानित आकार 4,34,187.91 करोड़ रुपये था। महाराष्ट्र पर कर्ज का बोझ बढ़कर 6,15,170 करोड़ रुपये हो गया है। राज्य पर 2020-21 में 5,38,304 करोड़ रुपये और 2019-20 में 4,51,114 करोड़ रुपये का कर्ज था। महाराष्ट्र सरकार अर्थ व्यवस्था को गति देने और रोजगार निर्माण के लिए बुनियादी ढांचे पर 58,748 करोड़ रुपये खर्च करने वाली है।
