मध्यप्रदेश सरकार ने आज साफ किया है कि प्रदेश के गन्ना उत्पादक किसानों को उनकी फसल का लाभप्रद मूल्य दिलाने के लिए वह प्रतिबध्द है और किसी भी कीमत पर उन्हें फसल नष्ट करने नहीं दी जाएगी। कृषि मंत्री गोपाल भार्गव ने आज राज्य विधानसभा में भाजपा के जालम सिंह पटेल की एक ध्यानाकर्षण सूचना के जवाब में कहा कि यदि आवश्यकता पड़ी तो सरकार पिछले वर्ष की
तरह गन्ना उत्पादक किसानों को अनुदान देकर नुकसान की भरपाई का प्रयास करेगी।
पटेल का कहना था कि प्रदेश के अधिकांश गन्ना उत्पादक किसानों को समर्थन मूल्य से कम पर अपनी फसल बेचने को मजबूर होना पड़ रहा है और चीनी मिलें भी उनकी फसल औने-पौने दाम पर खरीद कर शोषण कर रहीं हैं। पूरी व्यवस्था शुगर मिलों और शराब माफिया के दबाव में काम कर रही है और किसान गन्ने की फसल जलाने को मजबूर है।
कृषि मत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार ने इस वर्ष वैधानिक न्यूनतम मूल्य नौ प्रतिशत बेसिक रिकवरी के साथ 81.18 रुपये प्रति क्विंटल गन्ने का मूल्य निर्धारित किया है। इस कीमत पर पूरे प्रदेश में गन्ना खरीदा जा रहा है। उन्होंने कहा कि खुद पटेल ने भी अपनी ध्यानाकर्षण सूचना में स्वीकार किया है कि चीनी मिलों में 90 रुपये प्रति क्विंटल गन्ना बिक रहा है। इसके अलावा राज्य सरकार द्वारा इस वर्ष 4,262 गन्ना उत्पादक किसानों को 2.77 करोड रुपये का परिवहन अनुदान दिया गया है।
