मध्य प्रदेश के पेंच क्षेत्र में विष्णुपुरी की खान नम्बर 2 में दो मजदूरों की दुर्घटना में मौत होने के बाद खानों में काम करने वाले मजदूरों की सुरक्षा का सवाल एक बार फिर से उठ खड़ा हुआ है।
भारतीय कोयला खदान मजदूर संघ (बीकेकेएमएस) की मध्य प्रदेश इकाई ने पेंच और पेंच कान्हा क्षेत्र की कोयला खदानों में काम करने वाले लगभग 13 हजार मजदूरों की सुरक्षा का सवाल उठाया है।
इन खानों में हुई दुर्घटना में मारे गए मजदूरों के परिवारों के हालात का जायजा लेने केन्द्र और राज्य से कोई भी नेता अभी तक यहां नहीं पहुंचा है। खदानों के सूत्रों ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि सुरक्षा उपकरणों की पर्याप्त सुविधा न होने के कारण पिछले साल पेंच क्षेत्र की पश्चिमी खदानों में दर्जनों मजदूर दुर्घटनाओं के शिकार हो गए हैं। इससे कई मजदूर अपंग हो गए और कइयों को अपनी जान गंवानी पड़ी।
बीकेकेएमएस के पदाधिकारियों ने बताया कि छत के गिरने से तीन मजदूरों की मौत होने से यह बात साफ उजागर हो गई है कि यहां पर मजदूरों की सुरक्षा को पर्याप्त तरजीह नहीं दी जा रही है। डबल्यूसीएल के पेंच क्षेत्र के महाप्रबंधक ओ पी सिंह ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि ‘पेंच क्षेत्र की खानों में दुर्घटनाओं के न रुक पाने का एक बहुत बड़ा कारण इन खानों में काम करने वाले मजदूरों का काफी उम्रदराज होना है। इन खानों में पुराने स्टाफ के मजदूर 1972 से काम कर रहे हैं।
इस वजह से वे खान में होने वाले भारी-भरकम कामों को युवा मजदूरों की अपेक्षा आसानी से नहीं कर पाते हैं। लेकिन इसके बावजूद हमें मजदूरों की सुरक्षा का पर्याप्त ध्यान रखना होगा। हम लोग घटित दुर्घटनाओं का पता लगा रहे हैं।’ दुर्घटनाओं के कारणों का पता लगने के बाद उचित कदमों को उठाया जाएगा ताकि भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोका जा सके।