छत्तीसगढ़ में भले ही ऑटोमोबाइल क्षेत्र सातवें आसमान पर नजर आ रहा हो लेकिन राज्य के मौजूदा और पूर्व मुख्यमंत्री की खुद की संपत्ति सूची में वाहन के लिए कहीं कोई जगह नहीं है।
यह बात न केवल वर्तमान मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के लिए बल्कि उनके पूर्वाधिकारी अजित जोगी के लिए भी कोई मायने नहीं रखती है। हालांकि यह बात दीगर है कि जोगी ने पूरे पांच सालों तक राजसत्ता का सुख भोगा है जबकि सिंह पिछले तीन साल से सत्ता पर काबिज हैं।
डॉ. सिंह राजनंदगांव और जोगी मारवाही से विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। इन दोनों ही राजनीतिक दिग्गजों ने नामांकन पत्र के साथ दायर संपत्ति के हलफनामे में खुलासा किया है कि है कि उनके पास किसी तरह का वाहन नहीं है।
विशेषज्ञों का मानना है कि नवंबर 2000 में राज्य की स्थापना के बाद ऑटोमोबाइल क्षेत्र में 25-30 फीसदी की वृध्दि दर्ज की गई है। दिलचस्प बात है कि दो मुख्यमंत्रियों, जिन्होंने आठ सालों तक राज्य की सेवा की, उनके पास न तो दोपहिया वाहन है और न ही चार पहिया वाहन।
हालांकि जोगी की पत्नी रेणु एक स्कॉर्पियो वाहन की मालकिन है जबकि डॉ. सिंह की पत्नी वीणा के पास कोई वाहन नहीं है। डॉक्टर से राजनेता बनी रेणु कोटा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रही हैं।
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार में भी राज्य वाणिज्यिक और उद्योग मंत्री रहे डॉ. सिंह के पास 742,000 रुपये है जबकि उनकी पत्नी वीणा सिंह के पास 437,000 रुपये है।
हालांकि आईएएस अधिकारी से राजनेता बने जोगी के पास सिर्फ 50,000 रुपये नकद और उनकी पत्नी के पास भी इतने ही रुपये नकद है। जोगी के बैंक जमा में 4 लाख रुपये और उनकी पत्नी डॉ. रेणु जोगी के बैंक खाते में करीब 11 लाख रुपये बताए गए हैं।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के पास 500,000 रुपये मूल्य का सोना और 88,000 रुपये मूल्य की चांदी के अलावा विभिन्न बैंकों और वित्तीय संस्थानों में 603,247 रुपये जमा है। इसके अलावा, डॉ. सिंह ने जीवन बीमा पॉलिसी पर 688,392 रुपये भी निवेश किए है। हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री जोगी ने अपने हलफनामे में जीवन बीमा पॉलिसी के बारे में कुछ भी नहीं बताया है।